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Honey Processing नामक यह बिज़नेस मधुमक्खी पालन से जुड़ा हुआ व्यवसाय है | और बी कीपिंग नामक यह गतिविधि सहायक व्यवसाय के रूप में अपनाई जा सकती है जो किसी को भी उसकी कमाई का अवसर प्रदान करती है | मधुमक्खी पालन ऐसे क्षेत्रों में आसानी से किया जा सकता है जहाँ कम से कम छह महीनों के लिए मधुमक्खी वनस्पति (Bee Flora) उपलब्ध रहती हो | भारतीय मधुमक्खियों द्वारा उत्पादित शहद को आधुनिक शहद निकालने वाले उपकरण द्वारा निकाला जाता है | इस निकाले गए एवं एकत्र किये गए शहद में हेमोफिलिक यीस्ट होता है जो फर्मेंटेशन का कारण बनता है और यह शहद की गुणवत्ता को नष्ट कर देता है | इसलिए शहद के गुणात्मक एवं मात्रात्मक मूल्य को बनाये रखने के लिए शहद का आधुनिक शहद प्रसंकरण संयत्र में Honey Processing बेहद जरुरी हो जाती है | कहने का आशय यह है की शहद की गुणवत्ता एवं मात्रा को बनाये रखने के लिए इसका प्रसंस्करण आवश्यक हो जाता है | इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से Honey processing Business के बारे में विस्तृत तौर पर जानने की कोशिश करेंगे |

 

 

 

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उत्पाद एवं इसके अनुप्रयोग:

शहद नामक इस उत्पाद की बात करें तो शताब्दियों से इसका प्रयोग एक प्राकृतिक मिठाई के एजेंट के तौर पर और कन्फेक्शनरी की तैयारी में उपयोग किया जाता रहा है । शहद के दवा उद्योग में बहुत सारे अनुप्रयोग देखने को मिलते हैं इसके अलावा इसे आयुर्वेदिक दवा के तौर पर भी इस्तेमाल में लाया जाता रहा है | शहद मुख्य रूप से खांसी के घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है यही कारण है की खांसी का सिरप बनाने वाली लोकप्रिय ब्रांडों द्वारा भी इसका इस्तेमाल किया जाता है | यह डाइटिंग करने वाले लोगों के लिए एक पसंदीदा उपभोग की वस्तु है | शहद का उपयोग लोजेंज बनाने के लिए भी किया जाता है | हालांकि इसे ज्यादातर तौर पर कांच के जार में रखकर शुद्ध शहद के रूप में बेचा जाता है लेकिन बोतलबंद शहद में आम तौर पर शहद की नमी में कमी हो जाती है | अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले शहद की बहुत ज्यादा मांग है इसलिए इसमें देश के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उत्पन्न करने की क्षमता है ।How to Transfer Music from Computer to iPhone in Hindi

शहद के लिए संभावित बाजार:

शहद के लिए संभावित बाजार की बात करें तो Honey Processing Business कर रहे उद्यमी आयुर्वेदिक इंडस्ट्री, खाद्य प्रसंस्करण इंडस्ट्री, निर्यात एवं घरेलू फूटकर मार्केट को ध्यान में रखकर इस बिज़नेस को शुरू कर सकता है | शहद को अंतराष्ट्रीय बाज़ारों में बेचने के लिए इसकी गुणवत्ता एवं मानकीकरण बेहद आवश्यक है | यूरोपीय संघ (ईयू) और कुछ अन्य देशों को निर्यात के लिए, तैयार उत्पाद में कीटनाशकों और कीटनाशक अवशेषों के स्तर को नियंत्रित करना भी बेहद अनिवार्य है । इन सबके अलावा कुछ देश इस बात का प्रमाण पत्र मांगते हैं की उद्यमी ने बीमारी मुक्त कॉलोनी से शहद ख़रीदा है | हालांकि वर्तमान में इस उद्देश्य के लिए कोई रोग निगरानी प्रणाली नहीं है | आज भी विभिन्न जनजातीयों द्वारा अवैज्ञानिक रूप से शहद एकत्रित एवं भंडारित किया जाता है जो उत्पाद को निर्यात होने के लिए अनुपयुक्त बनाता है | इसलिए निर्यात या बिक्री से पूर्व Honey Processing बेहद जरुरी हो जाती है | शहद अंतराष्ट्रीय तौर पर इस्तेमाल में लायी जाने वाली एक प्रमुख उपभोग्य की वस्तु है इसका उपयोग खाद्य वस्तु के तौर पर भी और औद्योगिक जैसे फार्मास्युटिकल्स, कॉस्मेटिक एवं कन्फेक्शनरी इत्यादि उद्योगों में भी किया जाता है | विशेष रूप से ऐसे शहद जो परिष्कृत एवं उच्च गुणवत्तायुक्त होने के साथ साथ कीटनाशकों एवं कृषि के अन्य रसायनों से मुक्त हो, की बाजार में बड़ी मांग है | शहद के उत्पादन में चीन का अग्रणी स्थान है इसलिए शहद का सबसे बड़ा निर्यातक देश भी चीन ही है | वैश्विक स्तर पर लोगों की जीवनशैली बदलने, और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण शहद का इस्तेमाल स्वस्थ भोजन के तौर पर होने लगा है | इसलिए भविष्य में घरेलू मांग बढ़ने के आसार अधिक नज़र आते हैं |Carpet Cleaning Tapestry Business kaise kare in Hindi

आवश्यक मशीनरी उपकरण एवं कच्चा माल:

Honey Processing Business शुरू करने में उद्यमी को 30-35 लाख रूपये खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है जिसमे लगभग 50% खर्चा मशीनरी एवं उपकरणों को खरीदने में हो सकता है | इस बिज़नेस में उपयोग में लायी जाने वाली प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |

  • शहद प्रसंस्करण संयत्र (Honey Processing Plant) जिसकी कीमत लगभग बारह लाख रूपये हो सकती है |
  • स्टोरेज टैंक जिसकी कीमत डेढ़ लाख रूपये हो सकती है |
  • बोतल धोने, सुखाने एवं भरने वाली मशीन इसकी कीमत भी डेढ़ लाख रूपये तक हो सकती है |
  • शहद हैंडल करने के लिए उपकरण इनकी कीमत लगभग पचास हज़ार हो सकती है |

Honey Processing Business के लिए कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है |HOW TO DRUGS ADDICTION Abuse in Hindi

  • शहद
  • खाली बोतल
  • लिड
  • लेबल इत्यादि

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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शहद प्रसंस्करण प्रक्रिया (Honey Processing Process):

मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों या उद्यमियों से शहद एकत्रित किया जाता है और उसके बाद इसका निरीक्षण किया जाता है | निरीक्षण करने के बाद इसे Honey Processing Plant में प्रसंस्करण के लिए डाल दिया जाता है | यह मशीन शहद को मोटा करने के लिए शहद से नमी एवं मोम को हटा देती है उसके बाद प्रसंस्कृत किये गए शहद को तुरंत साफ़ एवं चौड़ी मुहं वाली बोतलों में पैक कर बोतलबंद कर दिया जाता है | इसके बाद पीपी कैप्स द्वारा इन्हें सील कर दिया जाता है उसके बाद बोतलों को पोछकर सुखाकर लेबल कर दिया जाता है | भरी हुई सील की हुई और लेबल की हुई बोतलों को कार्डबोर्ड बॉक्स में पैक कर दिया जाता है |

शहद प्रसंस्करण व्यवसाय शुरू करने में कितना खर्चा आ सकता है 

यदि उद्यमी किराये पर जमीन न लेकर स्वयं की जमीन लेता है तो Honey Processing Business को शुरू करने में 35 लाख तक का खर्चा आ सकता है जिसका संक्षिप्त वर्णन निम्नवत है |

  • जमींन खरीदने में आने वाला खर्चा 5 लाख रूपये मान के चल सकते हैं |
  • बिल्डिंग के निर्माण में 5 लाख का खर्चा आ सकता है |
  • मशीनरी एवं उपकरणों पर लगभग 15 लाख का खर्चा आ सकता है |
  • फर्नीचर, बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन इत्यादि पर आने वाला खर्चा एक लाख मान के चल सकते हैं |
  • फैक्ट्री शुरू होने से पहले विभिन्न कार्यों को निष्पादित करने में आने वाला खर्चा 6 लाख मान के चल सकते हैं |
  • कुछ महीनों के लिए वर्किंग कैपिटल 8 लाख मान के चल सकते हैं |

ध्यान रहे Honey Processing Business के लिए एफएसएसएआई लाइसेंस लेना अनिवार्य है |

मधुमक्खी पालन का व्यापार कृषि के साथ साथ होने वाला व्यापार है. इस व्यापार की सहायता से आपको सीजन के तौर पर अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है. आप चाहे तो इस व्यापार को आरम्भ करने के लिए सरकार से आर्थिक मदद भी प्राप्त कर सकते हैं. इस व्यापार के लिए आपको मधुमक्खी पालन सम्बंधित जानकारियाँ प्राप्त करने की आवश्यकता होती है.

मधुमक्खी फार्म की जानकारी (Honey Bee Farming Information):

मधुमक्खी पालन से काफी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है. फार्म के एक मधुमक्खी के डिब्बे से आपको वर्ष भर में 50 किलोग्राम शहद और 2 से 3 डिब्बे मधुमक्खियाँ प्राप्त हो जाती है.  इन नयी मधुमक्खियों से आपको पुनः इस व्यापार को करने में मदद प्राप्त होती है.

  • मधुमक्खियों की संख्या : एक डिब्बे में कुल 3 प्रकार की मधुमक्खियाँ रखी जाती है. इन तीन प्रकार की मधुमक्खियों में रानी मधुमक्खी, नर मधुमक्खी और श्रमिक मधुमक्खी शामिल होती हैं. एक डिब्बे में श्रमिक मधुमक्खी की संख्या 30,000 से 1 लाख तक की होती है. इसमें नर मधुमक्खी की संख्या 100 के आस पास की होती है. इसमें रानी मधुमक्खी की संख्या केवल 1 होती है.
  • मधुमक्खियों की आयु : विभिन्न श्रेणी के मधुमक्खियों की आयु विभिन्न होती है. रानी मधुमक्खी की आयु 1 वर्ष की, नर मधुमक्खी की आयु 6 महीने और श्रमिक मधुमक्खी की आयु लगभग डेढ़ महीने की होती है.

मधु के व्यापार की प्रक्रिया (Honey Business Process): मधुमक्खी पालन दो तरह से किया जाता है. आप मधुमक्खी फार्मिंग और हनी प्रोसेसिंग प्लांट दोनों की मदद से मधुमक्खी पालन कर सकते हैं. यहाँ पर दोनों प्रक्रियाओं का वर्णन किया जा रहा है.

  • मधुमक्खी पालन (Honey Bee keeping and Farming in India ): मधुमक्खी पालन एक बेहतर प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
  1. आप इस कार्य के लिए अपने फार्म में बीकीपर्स को रख सकते हैं. ये लोग मधुमक्खी पालन में निपूर्ण होते हैं.
  2. आपको उस स्थान पर मधुमक्खी पालन करने की आवश्यकता होती है, जहाँ पर नमी न हो.
  3. स्थान पर साफ और प्राकृतिक पानी की आवश्यकता होनी चाहिए और यदि अधिक संख्या में पेड़ पौधे हो तो काफी बेहतर है.
  4. आपको मधुमक्खी पालन के लिए साफ सुथरे और फैले स्थान की आवश्यकता होती है, ताकि मधुमक्खी अधिक संख्या में छत्ता लगा सकें.
  5. एक डिब्बे में अधिकतम 10 फ्रेम मधुमक्खी रख सकते हैं, किन्तु आम तौर पर 8 फ्रेम मधुमक्खी रखना ही बेहतर होता है. इससे इनकी देखभाल में भी आसानी से हो पाती है.
  • शहद प्लांट प्रोसेसिंग (Honey Processing Plant) : शहद  प्लांट प्रोसेसिंग की प्रक्रिया का वर्णन किया जा रहा है.
  1. इस प्लांट को बैठाने के एक विशेष मशीन की आवश्यकता होती है. इस मशीन की सहायता से हनी प्लांट बैठाया जाता है.
  2. इस मशीन की सहायता से मधु (शहद) को बनाने से लेकर पैकेजिग करने तक के काम को अंजाम दिया जा सकता है.

प्लांट की लागत (Honey processing plant cost): इस प्लांट की कुल लागत लगभग 20 लाख की होती है. इस प्लांट की सहायता से अधिकतम 100 किलो तक शहद तैयार किया जा सकता है.

शहद बनाने की प्रक्रिया (Honey production process in India in hindi)

  1. सबसे पहले आपको मधुकोष से मधुमक्खी के छत्ते को अलग करने की आवश्यकता होती है, मधुकोश को हटाने की कुछ विशेष प्रक्रियाएं है, जिसे बीकीपर्स जानते हैं.
  2. मधुकोश को हटाने के बाद इसका दो तिहाई हिस्सा ट्रांसपोर्ट बॉक्स में भर कर उस स्थान पर ले जाया जाता है, जहाँ पर एक भी मधुमक्खी न हो.
  3. इसके बाद इस मधुकोश को मशीन के एक्सट्रेक्टर में डाल कर आगे की प्रक्रिया के लिए छोड़ा जाता है. आम तौर पर एक मधुकोश का भार 2.27 किलोग्राम होता है.
  4. इसके बाद मशीन को चलाने पर एक्सट्रैक्टर के द्वारा मधु निकलना आरम्भ हो जाता है.
  5. इस समय आपको एक्सट्रेक्टर के निचले हिस्से से मधु प्राप्त होने लगता है.
  6. किसी भी प्लांट में बनाए गए मधु को लगभाग 49 डिग्री सेंटीग्रेड तक गर्म किया जाता है, ताकि इसके अन्दर के क्रिश्टल हिस्से भी अच्छे से गल जाएँ. इसके बाद इसे इसी तापमान पर लगभग 24 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है.
  7. इस प्रक्रिया के बाद आपका मधु पैकिंग के लायक तैयार हो जाता है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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पैकेजिंग (Honey Packaging ): मधु की पैकेजिंग करना इस व्यापार का एक आवश्यक कदम है, बाजार में अकसर कई मधु के ब्रांड विभिन्न पैकेट्स की सहायता से बेचे जा रहे हैं. आपको पैकिंग के समय मधु की मात्रा और बोतल के डिजाईन का खास ख्याल रखना होता है. आप अपने बनाये मधु को न्यूनतम 100 ग्रा के डिब्बे की सहायता से बेच सकते हैं. आप को विभिन्न डिजाईन के डिब्बे बाजार में होलसेल के रूप में प्राप्त हो जायेंगे.

मार्केटिंग (Honey Marketing): आपको अपने मधु का व्यापार बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करने की आवश्यक होती है. इसके बाद आप अपने बनाए गये मधु को होलसेल के तौर पर आसानी से बेच सकते हैं. तात्कालिक समय में बाजार में महज़ तीन या चार ब्रांड के ही मधु बेचे जा रहे हैं. अतः यदि आपकी क्वालिटी बेहतर हो, तो कम समय में ही आप आसानी से मधु के मार्केट में अपना नाम कमा सकते हैं. आप बाजार में बड़ी दुकानों से बात करके उन्हें अपने मधु बेच सकते है. आप मार्केटिंग के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर अपने ब्रांड के पोस्टर्स आदि लगा सकते हैं. साथ ही आप स्थानीय अखबारों में भी इसकी ऐड दे सकते हैं.

लाइसेंस (License): इस व्यापार के लिए आपको विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होती है. आपको सबसे पहले अपने प्लांट का पंजीकरण उद्योग आधार के अंतर्गत कराना पड़ता है. इसके उपरान्त आपको अपने फर्म के नाम का एक करंट बैंक अकाउंट और पैन कार्ड बनाने की आवश्यकता होती है. आपको आपके द्वारा बनाए गये मधु की जांच सरकारी खाद्य विभाग में करा कर FSSAI से लाइसेंस प्राप्त करना होता है. आपको अपने व्यापार के लिए ट्रेड लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है. तात्कालिक समय में टैक्स के लिए आपको अपने फर्म का पंजीकरण जीएसटी अंतर्गत भी कराना पड़ेगा. इस तरह से अन्य व्यापारों की तरह इस व्यापार में भी आपको विभिन्न आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है.

व्यापार की लागत (Business cost):

यह व्यापार छोटे स्तर पर आरम्भ किया जा सकता है. आप चाहें तो केवल 10 पेटी की मदद से मधुमक्खी पालन का व्यापार कर सकते हैं. 10 पेटी की सहायता से मधुमक्खी पालन व्यापार में आपका कुल खर्च 35,000 से 40,000 का आता है. यह व्यापार प्रति वर्ष मधुमक्खियों की संख्या के बढ़ने के साथ 3 गुना अधिक बढ़ जाता है. अर्थात 10 पेटी से आरम्भ किया गया यह व्यापार 1 वर्ष में 25 से 30 पेटी का भी हो सकता है.

व्यापार से लाभ (Business profit):

इस व्यापार से एक बेहतर लाभ कमाया जा सकता है. एक डिब्बे मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले 50 किलो शहद को अक्सर 100 रु. प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है. अतः प्रत्येक डिब्बे से आपको रू 5,000 प्राप्त होते हैं. बड़े पैमाने पर इस व्यापार को करने से प्रति महीने 1 लाख 15 हज़ार रूपए तक का लाभ प्राप्त हो सकता है. बड़े पैमाने के व्यापार में तैयार किये गये मधु का मूल्य प्रति किलोग्राम रू 250 के आस पास का होता है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

मधुमक्खी पालन के लिए ध्यान रखने वाली बातें (Beekeeping  business precautions):

मधुमक्खी पालन के लिए कुछ बातों का ध्यान विशेष रूप में रखने की आवश्यकता होती है,

  • आम तौर पर मधुमक्खियों को किसी तरह का रोग नहीं होता है, किन्तु कभी कभी इन पाले गये मधुमक्खियों में माईल नामक बीमारी हो जाती है. हालाँकि इसका सरल और सटीक उपचार भी मौजूद है. आप यदि प्रत्येक मधुमक्खी पालन डिब्बे में दो कलि लहसुन डाल दें, तो यह रोग नहीं होता है.

यदि आप यह व्यापार बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं अर्थात प्रति वर्ष 20,000 किलोग्राम शहद बनाना चाहते हैं, तो आपके व्यापार की कुल लागत लगभग 24 लाख 50 हज़ार की आती है. इससे हालाँकि लाभ भी बहुत अधिक होता है.

मधुमक्खी पालन का समय (Best time Time of beekeeping ):

मधुमक्खी पालन का समय आमतौर पर नवम्बर के महीने से आरंभ होता है. अतः इस माह से पहले ही आपको मधुमक्खी पालन की सभी व्यवस्था कर लेनी चाहिए. आपको यदि डिब्बे खरीदने में पैसे बचाने हो तो आप यह डिब्बे नवम्बर माह से पहले ही ख़रीद लें.

सरकार से प्राप्त मदद:

इस व्यापार के लिए भारत सरकार का एमएसएमई विभाग आपकी मदद करता है. इस मंत्रालय के खादी एंड विलेज इंडस्ट्री कमीशन के तहत कई योजनायें चलती है, जिनके अंतर्गत मधुमक्खी पालन व्यवसाय को प्रोत्साहित किया जाता है. सरकार द्वारा प्राप्त मदद निम्नलिखित रूप में होती है.

  • इस व्यवसाय के आरम्भ के लिए सरकार हनी प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना में मदद करती है. इस प्लांट की स्थापना के लिए कुल लागत का 65% हिस्सा ऋण के तौर पर दिया जाता है.
  • इस ऋण के अलावा सरकार की तरफ़ से 25% की सब्सिडी भी प्राप्त होती है. इस तरह से आपको कुल लागत का केवल 10% ही अपने पास से लगाना होता है.
  • यदि कुल लागत 24 लाख 50 हज़ार की आती है, तो लगभग 16 लाख रूपए ऋण के तौर पर प्राप्त हो जाएगा और मार्जिन राशि के रूप में आपको कुल 6 लाख रूपए मिल जाते हैं. इस तरह से व्यापार में व्यक्ति को अपने पास से केवल 2 लाख रुपए लगाने की आवश्यकता होती है.

15 COMMENTS

  1. Awsome post and right to the point. I don’t know if this is actually the best place to ask but do you folks have any thoughts on where to hire some professional writers? Thank you 🙂

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