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Lemon Grass in Hindi – आज एक ऐसे पौधे के बारे में जानेगे, जो की अपने अंदर कई रहस्य समाये हुए है। जिसका नाम लेमन ग्रास है, इसे नींबू घास के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल नींबू के नाम से इस पौधे को इसलिए जाना जाता है, क्योकिं इसके अंदर से नींबू की तरह सुगंध आती है। लेमन ग्रास के कई औषधीय गुण भी होते है। तो आइए जानते है, Lemon Grass Information in Hindi के बारे में पूरी जानकारी। नींबू घास की जानकारी Lemon Grass in Hindi  लेमन ग्रास भारत के सभी हिस्सों में पायी जाती है। इसके अलावा यह अन्य देशो में भी व्यापक खेती के रूप में उगाई जाती है। लेमन ग्रास का Scientific Name – Cymbopogon है। यह Poaceae वंश का पौधा है। लेमन ग्रास को हिंदी में नींबू घास के नाम से जाना जाता है। लेमन ग्रास का पौधा हमेशा हरा भरा रहता है। यह एक सदाबाहर पौधा है। यह एक पौधे की सहायता से ही अनेक पौधों में बदल जाता है। लेमन ग्रास के पौधे की लम्बाई लगभग 5 से 7 फिट या इससे भी अधिक हो सकती है। भारत के सभी हिस्सों में लेमन ग्रास की खेती व्यापक रूप से की जाती है। भारत में लेमन ग्रास की खेती करने वाले कुछ प्रमुख राज्य, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, और केरल आदि है। लेमन ग्रास का उपयोग ज्यादातर चाय के लिए किया जाता है। इसके अलावा इस घास से तेल भी निकाला जाता है।

लेमन ग्रास को एक बार लगाने के बाद कई साल तक बढ़ाया जा सकता है। यह अपनी जड़ो से प्रत्येक वर्ष नई पत्तियां निकलती है। लेकिन एक समय ऐसा भी आता है, जब इसकी जड़े पूरी तरह से सुख जाती है।

अगर लेमन ग्रास की आयु की बात की जाए, तो यह लगभग 3 से 4 साल तक लगातार नई शाखाये या पत्तियां निकाल सकती है। अगर इसकी ठीक तरह से देखभाल की जाए, तो यह इससे भी ज्यादा समय तक सुरक्षित रह सकती है।

Lemon Grass की प्रजातियां

लेमन ग्रास भारतीय मूल की घास है, जिसके अंदर लगभग 50 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है। इन प्रजातियों में कुछ घासो का उपयोग खाने तथा पेय पदार्थो के रूप में किया जाता है। तथा कुछ घास के पोधो का उपयोग सजावटी घास के लिए किया जाता है। लेमन ग्रास की मुख्य प्रजातियां इस प्रकार है –

1. Citronella

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इस घास का उपयोग तेल निकलने के लिए किया जाता है। इस तेल का इस्तेमाल मसाला, इत्र, और सौन्दर्य सम्बन्धी उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।

2. Ornamental Lemongrass

इस घास को वेस्ट इंडियन लेमनग्रास के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रजाति की ग्रास का उपयोग ज्यादातर सजावटी घास के रूप मैं किया जाता है। यह अमेरिका के कृषि विभाग द्वारा बारहमासी सदाबाहर घासो की सूचि में शामिल है। इस घास के पौधो की लम्बाई लगभग 6 फिट तक होती है, और यह लगभग 3 फिट की चौड़ाई तक फैलते है।

3. Java Citronella

जावा सिट्रोनेला प्रजाति की घास सबसे ज्यादा इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर उगती है। इस लेमन ग्रास की पत्तियां लम्बी होती है। इसके पौधे का तना पीला, लाल या बैंगनी रंग का होता है। इन पौधो को अधिक नमी और धुप की आवश्यकता होती है।

4. East Indian Lemongrass

इस पौधे को मालाबार घास के रूप में भी जाना जाता है। यह लेमन ग्रास एक हलकी सुगंध के लिए जानी जाती है। यह स्वाद बढ़ाने के लिए भी उपयोग की जाती है। इसके पौधे जब बड़े हो जाते है, तो उनके ऊपर बैंगनी रंग के लम्बे बीज आते है, जो की आकर्षक होते है। इस पौधे को बगीचों की शोभा बढ़ने के लिए भी लगाया जाता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

लेमन ग्रास के फायदे Benefits of Lemon Grass in Hindi

लेमन ग्रास एक औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग कई रोगो में आयुर्वेदक और घरेलु नुस्खों के रूप में किया जाता है। आइये जानते है लेमान ग्रास के कुछ फायदे के बारे में –

1. लेमन ग्रास पाचन तंत्र को मजबूत करने में बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही इसके अंदर कई ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो पेट से जुड़ी समस्यांओ को कम करते है। यदि किसी व्यक्ति को लिवर या पेट सम्बंधित बीमारी होती है, तो लेमन ग्रास को चाय के रूप में जरूर सेवन करें।

2. लेमन ग्रास में एंटी-डायबिटिक गुण अधिक मात्रा में पाए जाते है, जो की मधुमेह जैसी बिमारियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते है। यह शरीर के शुगर स्तर को नियंत्रित करने के लिए बहुत कारगर होते है।

3. वजन कम करने में लाभदायक लेमन ग्रास – लेमान ग्रास की चाय का उपयोग कुछ लोग वजन कम करने के लिए भी सेवन करते है। लेकिन यह पूरी तरह से कोई नहीं जानता की क्या यह वजन कम करने में फायदेमंद होती है या नहीं। हालाकिं कुछ शोध से पता चला है, की लेमन ग्रास में यूरिन को डिटॉक्सिफिकेशन करने की क्षमता होती है, जिसकी वजह से शरीर के कुछ हानिकारक पदार्थ यूरिन के जरिये बहार आ जाते है। जो की वजन कम करने में लाभदायक होते है।

4. लेमान ग्रास के अंदर एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते है, जो की चेहरे की त्वचा को चमकदार बनाने में बहुत फायदेमंद होते है। यह चेहरे की त्वचा को पिम्पल रहित बनाने के अलावा चेहरे पर होने वाले संक्रमण को भी फैलाने से रोकती है। जिसकी वजह से चेहरे पर किसी भी तरह के पिम्पले नहीं होते है।

5. लेमान ग्रास शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है। इसके अंदर पाए जाने वाले विटामिन और मिनरल पेट सम्बन्धी बिमारियों से बचाब करते है। जिसकी वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

लेमन ग्रास का उपयोग How to Use Lemon Grass in Hindi

  • लेमन ग्रास का उपयोग सबसे ज्यादा चाय के लिए किया जाता है।
  • लेमन ग्रास की चाय बनाने के लिए आपको लेमन ग्रास की 6 से 7 हरी पत्तियां लेकर चाय में डाल सकते है, ध्यान रहे की पत्तियां पीली या सुखी हुई ना हो।
  • इसके अलावा लेमन ग्रास की चाय का स्वाद बढ़ने के लिए, इसमें अदरक और इलायची का भी उपयोग किया जा सकता है।
  • लेमन ग्रास की पत्तियों का उपयोग सब्जियों में भी किया जाता है।
  • अगर आप सामान्य चाय बनाते है, तो उसके लिए भी आप एक या दो लेमन ग्रास की पत्तियों का उपयोग कर सकते है। इससे ;चाय में स्वाद बढ़ जाता है।

लेमन ग्रास के नुकसान Side Effects of Lemon Grass in Hindi

  • लेमन ग्रास तुलसी की तरह ही एक औषिधीय पौधा है, जिसका किसी भी तरह कोई नुक्सान नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ लोगो को इसके सेवन से समस्यां हो सकती है।
  • लेमान ग्रास के सेवन से मुँह सूखने की समस्या भी हो सकती है।
  • इसके अलावा इसके सेवन से पेशाब का बार बार आना जैसी समस्यां भी हो सकती है।
  • आँखों में जलन होना, अगर लेमन ग्रास के तेल का उपयोग आपने अपनी त्वचा पर किया है, तो इससे त्वचा का लाल होना।
  • हमेशा इसका उपयोग एक नियंत्रित मात्रा में करें। किसी भी तरह की समस्यां होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
  • लेमन ग्रास के फायदे बताकर हमारा कार्य सिर्फ आपको जानकारी देना है। इसका उपयोग आप अपनी इक्छा अनुसार ना करें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Lemon Grass Farming in Hindi

लेमन ग्रास खेती की जानकारी Lemon Grass Farming in Hindi

मिटटी कैसे होनी चाहिए

लेमन ग्रास की खेती के लिए सामान्य पी.एच. मान वाली मिटटी सबसे उपयोग होती है। इसके अलावा लेमन ग्रास की खेती करने के लिए हमेशा ऐसे खेत का चुनाव करें जिसमे जल निकास की अच्छी व्यवस्था हो। क्योकिं अगर लेमन ग्रास की खेती अधिक जलभराव वाली जगह मैं की जाती है, तो ऐसी स्तिथि में पैदावार बहुत कम होती है।

जलवायु और तापमान कैसा होना चाहिए

लेमन ग्रास की खेती के लिए उष्ण और समशीतोष्ण जलवायु सबसे उत्तम होती है। इसकी खेती को अधिक धुप पसंद होती है। सर्दियों के दिनों में अगर अच्छी धुप लेमन ग्रास को मिलती है, तो यह अधिक पैदावार करता है। लेकिन सर्दियों के दिनों में पाला इसकी खेती को अधिक प्रभावित करता है।

लेमन ग्रास की खेती के लिए वर्षा की ज्यादा जरुरत नहीं होती है। फसल बोने के बाद इसके पोधो को उगने के लिए 20 से 25 डिग्री तापमान सबसे उत्तम होता है। जब एक बार इसका पौधा पूरी तरह से बड़ा हो जाता है, तो यह लगभग 40 डिग्री तापमान में भी अच्छी तरह से बढ़वार करता है। लेकिन सर्दियों के मौसम में 15 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में यह बढ़वार कम कर देता है।

खेती के लिए उन्नत किस्मे कौन सी है

लेमन ग्रास की खेती मूल रूप से तेल के लिए की जाती है। वर्तमान में कई प्रजातियों के पौधे उगाये जा रहे है। लेकिन इसमें कुछ प्रजातियां ऐसी भी है, जिनमे तेल अधिक मात्रा में निकलता है। खेती के लिए उगाई जाने वाली उन्नत किस्मों में सिम्बोपोगान फ्लेक्सुओसस, सिम्बोपोगान पेन्डूलस, और सिम्बोपोगान क्रास शामिल है।

पौधा तैयार करने की विधि

लेमन ग्रास के पौधे को उगाने के दो तरीके होते है। इसको कलम और बीज दोनों प्रकार से उगाया जाता है। लेकिन इन दोनों में सबसे अच्छा कलम द्वारा उगाया जाने वाला तरीका होता है। पौधे को खेत में लगाने से लगभग दो महीने पहले इसके बीजो को नर्सरी में तैयार किया जाता है। लेमन ग्रास के पौधों को नर्सरी में लगाने का सबसे अच्छा समय मार्च और अप्रैल का होता है। इसके बाद जब नर्सरी तैयार हो जाती है, तो इन पोधो को बरसात के मौसम में खेत में लगाया जा सकता है। इसके अलावा लेमन ग्रास के पुराने पोधो से भी कलम को तैयार किया जा सकता है।

खेत की तैयारी कैसे करें

लेमन ग्रास की खेती एक बार लगाने के बाद लगभग 4 से 5 साल तक पैदावार देती है। इसलिए इसकी खेती करने से पहले खेत की मिटटी को अच्छी तरह से तैयार करना बहुत जरुरी होता है। लेमन ग्रास की खेती के लिए मिटटी का भुरभुरा होना आवश्यक है। इसके लिए खेत में जुताई करने के बाद गोबर की खाद डालें, इसके फिर से जुताई करें। इसी तरह से दो से तीन बार जुताई करने के बाद खेत में पाटा या जिसे मेड़ा कहते है, यह लगा देना चाहिए। इसके बाद छोटी छोटी क्यारियां बनाये। क्यारियां बनाते समय जल निकास का उचित ध्यान रखे।

पौधे को खेत में लगाने का तरीका

नर्सरी से तैयार करने के बाद इन पौधों को खेत में लगाया जाता है। खेत में बनी क्यारियों में पौधे लगते समय प्रत्येक पक्ति के बिच में लगभग डेढ़ से दो फिट की दुरी होनी आवश्यक है। इसके अलावा पौध के बिच में यह दुरी एक फिट की होनी चाहिए। लेमन ग्रास के पौधों को जमीन के अंदर लगभग तीन से पांच सेंटीमीटर गहराई में लगाना चाहिए।

लेमन ग्रास के पौधों की सिंचाई

लेमन ग्रास के पौधों को लगाने के बाद खेत में भरपूर मात्रा में पानी भरना चाहिए। इसके जब तक पौधे अंकुरित होना शुरू नहीं हो जाते, तब तक खेत में नमी होनी आवश्यक होती है। पौधों के अंकुरित होने के बाद सफ्ताह में दो बार पानी देना चाहिए। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में प्रत्येक 15 से 20 दिन में पानी देते रहें। लेमन ग्रास के पौधों की कटाई के बाद उन्हें तुरंत पानी देना चाहिए। इससे पैदावार अच्छी होती है।

पौधों की कटाई और उर्वरक

लेमन ग्रास के पौधों की कटाई के बाद इनकी पैदावार और भी बढ़ जाती है। क्योकिं प्रत्येक कटाई के बाद इन पौधों से नई शाखाएं निकलती है। प्रत्येक कटाई के बाद इन पौधों को गोबर या अन्य खाद देनी चाहिये। पौधे प्रत्येक तीन महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते है। अगर इनकी अच्छी तरह से देखभाल की जाए तो यह एक साल में चार कटाई तक दे सकते है।

लेमन ग्रास की खेती से कितनी कमाई होती है

लेमन ग्रास की खेती के द्वारा एक साल में एक हेक्टेयर खेती में लगभग 100 टन या इससे अधिक लेमन ग्रास का उत्पादन होता है। इस घास को काटकर इसे सुखाया जाता है। फिर इससे आसवन विधि द्वारा तेल निकला जाता है। एक हेक्टेयर में लेमन ग्रास तेल लगभग 500 किलो तक निकला जाता है। जिसकी बाजार में 1500 रूपये प्रति किलो तक है। इस प्रकार एक हेक्टेयर जमीन से किसान की कुल आय लगभग 6 से 7 लाख रूपये हो जाती है। अगर आप एक किसान है, तो लेमन ग्रास की खेती करने के बारे में जरूर सोचे।

Lemon Grass FAQ

क्या लेमनग्रास चाय रोज पीना ठीक है?

लेमन ग्रास चाय रोज पीना स्वास्थ्य के लिए ठीक है, यह अभी तक कही पर भी स्पष्ट नहीं है। अगर आपको किसी तरह की समस्यां है, तो आप डॉक्टर के परामर्श के बिना चाय का सेवन ना करें। शुरुआत में आप एक कप चाय पीकर देखे अगर यह आपको किसी भी तरह का नुक्सान नहीं पहुँचाती है, तो आप इसे नियमित रूप से एक कप चाय पी सकते है। अगर लेमन ग्रास चाय पीने से किसी भी तरह की कोई समस्यां आती है, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएँ।

क्या लेमनग्रास पेट की चर्बी कम करता है?

लेमन ग्रास चाय के सेवन से चयापचय बढ़ता है, और यह वजन को कम करने में भी सहायक होती है। इसके अंदर कई ऐसे एन्टिओक्सीडेंट गुण पाए जाते है, तो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करते है। रोजाना एक कप लेमन ग्रास चाय पीने से पेट की चर्बी कम होती है।

लेमनग्रास किन उत्पादों में उपयोग किया जाता है?

लेमन ग्रास का उपयोग पेय पदार्थ, भोजन बनाने और मसलो को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा लेमन ग्रास का उपयोग ऐसे प्रोडक्ट बनाने के लिए भी किया जाता है, जो दुर्गन्ध दूर करते है। जिनमे साबुन और सौन्दर्य उत्पाद शामिल है।

क्या लेमनग्रास एक नींबू है?

लेमन ग्रास एक प्रकार का पौधा है, जिसका स्वाद नींबू की तरह होता है। इसके अंदर नींबू की तरह ही एक प्रकार का तेल होता है। जिसका उपयोग अक्सर हर्बल चाय में नींबू का स्वाद देने के लिए किया जाता है। इसके अलावा और भी कई चीजों में लेमन ग्रास का उपयोग नींबू का स्वाद देने के लिए किया जाता है।

लेमनग्रास किन बिमारियों के लिए अच्छा है?

लेमन ग्रास का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों से तेल निकलकर उसे कई बिमारियों को दूर करने के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसके अलावा लेमन ग्रास दर्द, उलटी, सर्दी – जुकाम पेट दर्द जैसी कई बिमारियों में भी फायदेमंद होता है।

भारत में लेमनग्रास कहाँ उगाया जाता है?

भारत में लेमन ग्रास की खेती केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से, उत्तराखंड और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में की जाती है। इसके अलावा वर्तमान समय में ईस्ट इंडियन लेमन ग्रास प्रजाति को भारत के पश्चिमी भाग में सबसे ज्यादा उगाया जा रहा है।

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