मैडम क्युरी की जीवनी Madame Marie Curie Biography in Hindi मैडम क्युरी को “मैरी क्युरी” के नाम से भी जानते है। उनका जन्म 7 नवम्बर 1867 को पोलैड के वारसा शहर में हुआ था। वो रूस की रहने वाली थी, प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री और रसायनशास्त्री थी। मैडम क्युरी “रेडियम” की खोज के लिए प्रसिद्ध है। विज्ञान की दोनों शाखाओं- भौतिकी विज्ञान और रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली वो पहली महिला है। उन्होंने अथक प्रयास से रेडियम सक्रीय पदार्थ का खोज किया।
मैडम क्युरी की जीवनी Madame Marie Curie Biography in Hindi
बचपन में संघर्ष STRUGGLE OF CHILDHOOD
मैडम क्युरी की बड़ी बहन का नाम ब्रान्या था। उनके पिता विज्ञान के शिक्षक थे। पोलैंड के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण उनको नौकरी से निकाल दिया गया था। मैडम क्युरी को अपने जीवन में अनेक संकटो का सामना करना पड़ा। जब क्युरी 11 साल की थी, तब उनकी माँ का स्वर्गवास हो गया। बचपन में आर्थिक तंगी के कारण वो अपनी बड़ी बहन के पास पेरिस शहर चली गयी।
उनको दूसरे घरो में गवर्नेस का काम भी करना पड़ा। उनके पिता की नौकरी में तनखा आधी कर दी गयी क्यूंकि वो सरकारी तानाशाही और गलत नीतियों का विरोध कर रहे थे। गरीबी के दिनों में क्युरी को सिर्फ ब्रेड और मक्खन खाकर गुजारा करना पड़ा था। एक गलत निवेश के कारण उनके पिता का सारा पैसा डूब गया था।
रेडियम की खोज और विवाह INVENTION OF RADIUM AND MARRIAGE
हम सभी मैडम क्युरी को रेडियम की खोज करने वाली वैज्ञानिक के तौर पर जानते है। रेडियम का इस्तेमाल कैंसर की दवाईयों में किया जाता है। इसके अलावा इसका प्रयोग पेंट, घड़ी की सूई, कपड़े, दवाइयों में भी किया जाता है।
माँ के देहांत के बाद मैडम क्युरी पढाई करती रही। 16 वर्ष की आयु में उन्होंने 12वीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उनको स्वर्ण पदक दिया गया। स्कूल में सभी शिक्षक मैडम क्युरी को बहुत पसंद करते थे क्यूंकि वो पढने में होशियार थी। वो सभी की प्रिय थी।
वो फ़्रांस में डॉक्टरेट करने वाली पहली महिला बनी। पेरिस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनने वाली पहली महिला बनी। यही पर इनकी मुलाक़ात पियरे क्युरी से हुई जो पेरिस विश्वविद्यालय में ही भौतिकी और रसायन विज्ञान के ट्रेनर थे।
उन्होंने मैडम क्युरी को अपनी लैब में अपना पार्टनर बना लिया। दोनों के बीच प्यार हो गया और मैडम क्युरी ने पियरे क्युरी से शादी कर ली। इस वैज्ञानिक दंपत्ति ने 1898 में पोलोनियम की महत्त्वपूर्ण खोज की।
21 दिसम्बर 1898 को क्युरी दम्पत्ति ने रेडियम की खोज की। यह खोज चिकित्साशास्त्र के लिए और कैंसर जैसे असाध्य रोज के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई। 1903 में मैडम क्युरी ने पी एच डी (Phd) पूरी कर ली।
क्युरी दम्पत्ति को रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया। 1911 में उनको रेडियम के शुद्धिकरण के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया। विज्ञान की दो शाखाओं में नोबेल पुरस्कार पाने वाली वो पहली महिला है।
बेटियों का जन्म और पियरे क्युरी की मृत्यु BIRTH OF DAUGHTERS AND PIERRE CURIE DEATH
विवाह के बाद क्युरी ने दो बेटियों को जन्म दिया। बड़ी बेटी आईरीन का जन्म 1897 में हुआ, जबकि छोटी बेटी ईव का जन्म 1904 में हुआ। घर की जिम्मेदारियां संभालना और शोध कार्य करना आसान बात नही थी।
19 अप्रैल 1906 को उनके पति पियरे क्युरी की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। मैडम क्युरी की दोनों बेटियों को नोबेल पुरस्कार मिला। बड़ी बेटी आईरीन को 1935 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला और छोटी बेटी ईव को 1965 में शांति के लिए नॉबेल पुरस्कार दिया गया।
क्युरी को अमेरिका में बहुत सम्मान मिला। वहां के राष्ट्रपति ने कहा की रेडियम जैसे कीमती वस्तु पर क्युरी परिवार का अधिकार होगा, पर मैडम क्युरी ने राष्ट्रपति की बात नामंजूर कर दी। शर्त में यह लिखवा दिया की रेडियम का इस्तेमाल किसी व्यक्ति विशेष को अमीर बनाने के लिए नही बल्कि लोक कल्याण के लिए किया जायेगा। अमेरिका के लोगो ने लैब बनाने के लिए मैडम क्युरी को 1 लाख डालर का चंदा दिया।
“Radium is not to enrich any one। It is an element for all people.” – Marie Curie
“रेडियम किसी को समृद्ध बनाने के लिए नहीं है। यह तत्व सभी लोगों के लिए है।” – मैडम क्युरी
मैडम क्युरी बहुत ही दयावान महिला थी। अपनी खोजो का इस्तेमाल वो सभी लोगो के फायदे के लिए करना चाहती थी। नोबेल पुरस्कार से प्राप्त धन को उन्होंने सार्वजनिक कामो के लिए दान कर दिया था।
उन्होंने बच्चो का अस्पताल बनवाने के लिए बहुत धन दान दिया, 1914 के विश्व युद्द में पीढ़ितों के लिए स्वीडन में दान किया। युद्ध के पीढ़ितों के लिए क्युरी ने अनेक ऍक्स रे केंद्र खोले जो निशुल्क थे। घायलों के सेवा के लिए उन्होंने अनेक चलते फिरते अस्पताल बनवाये।
उन्होंने 2 लाख से अधिक घायलों की सेवा की। फ़्रांस को हमेशा प्यार किया। अपार धन होने के बाद भी क्युरी को कभी घमंड नही हुआ। उन्होंने अपनी बेटियों को पॉलिश भाषा का ज्ञान दिया। कई बार बेटियों को पोलैंड भी ले गयी।
मृत्यु DEATH
कहा जाता है की वो अपनी वृद्ध आयु में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह थी। रोज कई घंटे शोध करने के कारण वो अत्यधिक रेडीयशन से ग्रस्त हो गयी। 4 जुलाई, 1934 में 66 वर्ष की उम्र में मैडम क्युरी का निधन हो गया। वो फ्रांस के एक अस्पताल में भर्ती थी। अपने शोध के दौरान अतिरेडियशन से ग्रस्त होने के कारण उनकी मौत हो गयी।
उनके लिखे शोध कार्य, किताबे, यहाँ तक की खाना बनाने की किताब भी बहुत अधिक रेडीयशन से भरी है। उनके सभी शोध कार्यो, हस्तलिखित किताबो को लीड के बॉक्स में सुरक्षित किया गया। उनके कार्यो को देखने आने वाले लोगों को मास्क पहनना होता है।
क्यूरी फाउंडेशन का सफल निर्माण ESTABLISHING CURIE FOUNDATION
4 फरवरी 1948 को मैडम क्युरी की मृत्यु के बाद पेरिस में क्युरी फाउन्डेशन की स्थापना की गयी। उनकी बड़ी बहन ब्रोनिया को डाइरेक्टर बनाया गया।
मैडम क्युरी के अनमोल विचार QUOTES OF MADAME CURIE
मैडम क्युरी के प्रेरणादायक विचार –
- “आगे बढ़ने का रास्ता न ही आसान होता है और न छोटा, पर नतीजे अच्छे मिलते हैं”
- “उस वक्त तक डरने की कोई जरूरत नहीं है जब तक आप जानते हैं कि जो कर रहे हैं वह बिल्कुल सही है। उससे किसी को नुकसान नहीं पहुंच रहा है”
- “उन लोगों में से एक बनिए जिन्हें कर्म में ही सुंदरता दिखती है। Madame Marie Curie जैसे मुझे साइंस से ज्यादा खूबसूरत कुछ नहीं लगता है”
- “आप शादीशुदा हैं, Madame Marie Curie अपना कॅरिअर बना रही हैं तो अकसर लोग पूछेंगे कि घर और काम को कैसे बैलेंस करती हैं। आपका जवाब सिर्फ इतना-सा होना चाहिए कि यह बिल्कुल आसान नहीं है”
- “किसी चीज़ की गहराई को तभी समझ पाएंगे जब आपके पास पूरी आज़ादी हो”