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MLM, डायरेक्ट सेलिंग या चिट फण्ड, हर एक जगह इन्वेस्टमेंट करने पहले 10 बार सोचना पड़ता है।शुरू से हमने कहा है,की कई भी जुड़ने से पहले उस कंपनी की पूरी रिपॉर्ट ले और फिर ही किसी प्लान में अपना समय,मेहनत और पैसा लगाए। पिछले कुछ दशकों  से भारत में पल रही फेक और फ़्रॉड कंपनियों में इजाफा हुआ है,जो पैसे लेकर कुछ समय में गायब हो जाती है। इस पोस्ट में आपको भारत में SEBI और PACL India Limited के मामले के बारे में बतायंगे।जिससे PACL का पैसा कब मिलेगा? PACL Refund Status, SEBI order to PACL और PACL Scam के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा.PACL India LimitedPACL India  limited की शुरुवात 13 फरवरी 1996 को राजस्थान के जयपुर में हुई थी। PACL की फुल फॉर्म “PEARL AGROTECH CORPORATION LIMITED” है।इस कंपनी के पास अपने सारे सरकारी सर्टिफाइड सर्टिफिकेट थे,जिसके कारण लोगो का इस कंपनी पर विश्वाश बना था। इसके साथ कंपनी के शुरू हुए,अभी 22 साल हो चुके है,जिसके कारण लोग इस कंपनी पर काफी भरोषा करते थे.परन्तु क्या पता था,की PACL देश की  सबसे बड़ी  पोंज़ी स्कीम निकलेगी.

 

 

 

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PACL की शुरवात जबसे हुई थी,तब से यह बड़े-बड़े दावे करती आई है।कंपनी ने लोगो को पैसे लगाने के लिए नई-नई पॉलिसी लाती रही है। दरसअल PACL लोगो को पैसा इन्वेस्ट करने को बोलती थी,यानी PACL एक चीट फण्ड कंपनी है।जो थोड़े समय में पैसो पर ज्यादा इंटेरेस्ट देने का वादा करती है और उन्हें कंपनी से जुड़ने को मजबूर कर देती है।

जब लोगो को इस कंपनी के बारे में पता लगा,तो हज़ारों लाखो की तादाद में लोगो ने इस कंपनी में इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर दिया,हैरान करने वाली बात यह है,कि PACL में इन्वेस्ट करने वाले लोगो की तादाद करोडो के पार चली गयी।

कंपनी उन पैसो से खेती के लिए जमीन और दूसरी प्रॉपर्टी देश के बड़े शहरो के पास जैसे मुम्बई, दिल्ली, वडोदरा, पुणे, मोहाली, इंदौर आदि में ख़रीदती थी और उसके आगे अपना अन्य काम करती थी। इसमें जितनी ज्यादा इन्वेस्टमेंट होती थी,उतनी ज्यादा कंपनी प्रॉपर्टी ख़रीदती और आगे बेचती थी।जिससे PACL इंट्रेस्ट और सेल प्रॉफिट से मुनाफा कमाती थी।

जैसा की आपको पहले बताया,कि PACL के इन्वेस्टर की संख्या करोडो में पहुच चुकी है। पुरे देश में कुल 5 करोड़ PACL INDIA LTD के छोटे-बड़े इन्वेस्टर है।वही PACL INDIA LTD में लोगो की कुल फसी राशि 60 हज़ार करोड़ रुपए है। जिसके चलते मामला बहुत तेज हो चूका है।

 

 

 

 

 

 


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PACL कंपनी की शुरुवात 1996 में हुई थी और 1998 में SEBI से भिड़त हुई। SEBI (Security and Exchange Board of India) कोई मामूली संस्था या कार्य कमिटी नहीं है,SEBI भारत में मौजूद स्टॉक और शेयर मार्केट की कंपनियों पर नज़र और उनके द्वारा किये जा रहे लेन-देन पर नज़र रखती है। SEBI का काम लोगो द्वारा इस तरह इन्वेस्ट किये जाने वाले पैसो को सुरक्षित रखना और प्राइवेट कंपनियों की जांच करना होता है।

1998 में SEBI, PACL को लैटर भेजती है और उनकी स्कीम के सही और गलत होने का दावा मांगती है।PACL की तरफ से कंपनी का पूरी तरह से सही और कुछ गलत ना होने का जवाब आता है।परन्तु,मामला दिल्ली हाई कोर्ट में1999 में जाता है और कोर्ट से SEBI के कार्यक्रताओं से वापस जांच करने की गुआर लगाई जाती है। परन्तु,सन 2000 में SEBI कंपनी के विसंगति होने का पक्का दावा करती है और मामला ओर तेज हो जाता है। जिससे मामला कोर्ट में चलता रहता है।

2002 में SEBI, PACL की स्कीम को गलत CIS (COLLECTIVE INVESTMENT SCHEME ) कहती है,पर अगले ही साल 2003 में राजस्थान हाई कोर्ट SEBI के इस दावे को पूरी तरह से गलत मानती है।

 

 

 

 

 

 

 

दस साल के लिए PACL का  मामला थमा (2003-2013)

जब राजस्थान हाई कोर्ट से SEBI को झटका मिलने के बाद पूरे 10 साल तक मामला शांत रहता है। इस बीच कोई भी बड़ा फैसला नहीं होता है और कंपनी वापस ट्रैक पर आ जाती है।परन्तु आगे जो होता है,वह PACL INDIA LTD के अस्तित्व को उझाड़ देता है।

2013: PACL का  मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुचा

पुरे 10 साल तक SEBI ने PACL को लेके ज्यादा एक्शन नहीं लिया,परन्तु 2013 में जब मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आता है,तो SEBI पूरी तैयारी के साथ आती है। 2013 में सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और SEBI की पुराणी कार्यवाही और रिपोर्ट को साइड में रख देती है।

2014 में सुप्रीम कोर्ट SEBI और CBI दोनों की नियुक्त करती है और एक बार फिर जांच का आदेश देती है।

इस बार SEBI के साथ CBI भी जांच के बाद, PACL के खिलाफ केस फाइल करवाती है और 46 हज़ार करोड़ रुपए वापस PACL में इन्वेस्ट करने वालो को वापस देने का आवेदन भरवाती है।

इस बार सुप्रीम कोर्ट SEBI के साथ फैसला सुनाती है और PACL में लेन देन को लेकर के कमिटी का गठन करती है।जिसमे कितने लोगो का कितना पैसा है,इस पर अधिक जानकारी की जांच शुरू होती है।

 

 

 

 

 

 

 

2016: PACL से पैसा रिफंड नही

जैसे ही सुप्रीम कोर्ट से पैसे वापस देने का आर्डर PACL पर आता है।SEBI,PACL की प्रॉपर्टी को जब्त कर,उन्हें बेचकर जितना पैसा आएगा,वो उनके इन्वेस्टर को वापस देगी।परन्तु,SEBI अभी तक लोगो के पैसे रिफंड करने में असक्षम रही है। करीब 5 करोड़ से ज्यादा लोगो ने इन्वेस्ट PACL में किया है,जो बीते कुछ सालों से अपने पैसे वापस पाने का इंतज़ार कर रही है।

PACL se paisa kab milegaबिच में SEBI द्वारा घोषणा हुई थी,जिसमे जिन लोगो के पैसे 2500रुपए से ज्यादा है,उन्हें अपनी जानकारी एक नंबर पर भेजने की बात कही थी। जिसमे PACL से जुड़े दस्तावेज़ के साथ बैंक डिटैल भी देनी थी,जिस अकॉउंट में पैसे रिफंड करने है।बहुत से लोगो ने अपनी जानकारी दी भी थी,परन्तु पैसे मिलने की कोई उम्मीद उनको नहीं मिली।वही बिच में बहुत से धरने PACL के कर्मचारी और इन्वेस्टर अपने पैसो के लिए कर रहे है,पंरतु उन्हें पैसे मिलने की कोई आस आगे से नही मिली है।

PACL से पैसा कब मिलेगा

इसी सवाल का जवाब आज देश में करीब 5 करोड़ लोग ढूंढ रहे है।क्योंकि 60 हज़ार करोड़ रुपए कोई छोटी रकम नहीं है।वही PACL की प्रॉपर्टी तो बिकने की कगार पर है,ऐसे में लोग इंट्रेस्ट के साथ नहीं,सिर्फ इन्वेस्ट किया हुआ पैसा मांग रहे है।

कुछ लोग इसमें सरकार को दोष दे रहे है,पंरतु यह मामला SEBI और सुप्रीम कोर्ट के बीच का है,जिसमे सरकार भी इतनी दखल नही दे सकती।

PACL से पैसे कब तक लोगो को मिलेगें, इसका जवाब हम भी आपको नही दे सकतें।इसलिए आप सिर्फ इंतज़ार कर सकते है और SEBI की तरफ से अगले फैसलों का इंतज़ार करें।इसके आलवा आप PACL और SEBI के मामले की सही-सही और सबसे पहले, SEBI की ऑफिसियल साईट पर देख सकते है,जिसकी लिंक हमने निचे दी है.

PACL को लेके अफवाएं

PACL से पैसे ना मिलने से बहुत से लोग परेशान है,परन्तु PACL के नाम पर इन्टरनेट पर आफवाये फैलाई जा रही है। यूट्यूब पर हर रोज नयी वीडियो डाली जाती है,जिसमे लोगो को उल्टी-सीधी खबरे सुनाकर लोगो का ध्यान खींचा जा रहा है।

जब भी कोई PACL के बारे में internet पर सर्च करता है,तो बहुत सी विडियो द्वारा लोगो को घुम्राह किया जाता है. यहाँ तक की किसी ने तो,सिर्फ PACL पर news app बना डाला है. बहुत से youtuber PACL टॉपिक के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा व्यूज पाने की होड़ कर रहे है ,वो भी गलत तरीके से. ये लोग उलटे सीधे Thumbnail बनाकर सरकार को बिच में घसीटते है,जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट और सेबी का है,जिसमे सरकार कुछ नहीं कर सकती.इसलिए इस तरह की विडियो के प्रभाव में आप ना आये.

अगर आप PACL और SEBI के अगले फैसलों का इंतज़ार कर रहे है,तो आप करे परन्तु इन्टरनेट पर मिलने वाली हर जानकारी पर विश्वाश ना करें।

 

 

 

 

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