Tuberose Flower in Hindi – आज हम जानेगे रजनीगंधा के फूल की जानकारी Tuberose Flower Information in Hindi । रजनीगंधा का फूल जैसे ही हमारे मन में आता है, हमें सुगन्धित फूलों की यादे आने लगती है। यह कई लोकप्रिय सुगन्धित फूलों में से एक है। और इसका उपयोग कई सुगन्धित उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।आज हम इस लेख में रजनीगंधा के फूल और पौधे के बारे में जाएंगे, जिसमे रजनीगंधा को कैसे उगाया जाता है? ऐसे कई जानकारी इस लेख में शामिल है। अगर आप इस लेख को पूरा पढ़ते है, तो मुझे उम्मीद है। आपको इससे सम्बंधित सभी जानकारियां मिल जायेगी।
Tuberose Flower Meaning in Hindi
रजनीगंधा का फूल सुख समृद्धि, और जूनून का प्रतिक है। इसकी सुगन्धित मीठी खुशबु के कारण रोमांच का प्रतिक भी माना जाता है। जिस व्यक्ति से आप ज्यादा प्रेम करते है, जैसे माता पिता, भाई बहन, और प्रेमी प्रेमिका आदि को आप रजनीगंधा का गुलदस्ता भेंट कर सकते है। इसके अलावा शादियों में भी इसका उपयोग उपहार के रूप में देने के लिए किया जाता।
रजनीगंधा फूल की जानकारी Rajnigandha Flower in Hindi
रजनीगंधा का फूल आकर्षाक और सुगन्धित होता है, यह सामान्यतौर पर सफ़ेद रंग का पाया जाता है। रजनीगंधा का वानस्पतिक नाम Polianthes Tuberosa) है। इसके अंग्रेजी भाषा में Tuberose Flower कहते है। रजनीगंधा की उत्पाती मैक्सिको देश में हुई थी। वर्तमान में यह भारत में भी व्यावसायिक रूप से उगाया जा रहा है, जिनमे कर्नाटक, तामिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, और महाराष्ट्र मुख्य है।
रजनीगंधा के फूल लम्बे समय तक ताजा रहते है। इसलिए इनका उपयोग माला बनाने के लिए, फूलदान सजाने, और गुलदस्ते के रूप में किया जाता है। इन फूलों से तेल भी निकला जाता है, इसके रजनीगंधा तेल कहते है। बाजार में सुगन्धित प्रोडक्ट और इत्र की मात्रा बढ़ती जा रही है, इसलिए रजनीगंधा की खेती को और भी ज्यादा व्यापक रूप में किया जा रहा है।
रजनीगंधा के पौधों की लम्बाई 23 से 45 इंच तक होती है। जिसमे 5 से 10 पत्तियां होती है, इन पत्तियाँ की लम्बाई 10 से 15 इंच होती है। पत्तियों का रंग हरा, और चमकीला होता है। रजनीगंधा के फूलों का रंग सफ़ेद होता है, जिस समय यह कली के रूप में होता है, तो इसका रंग हल्का हरा होता है, खिलने के बाद यह शुद्ध सफ़ेद रंग में बदल जाता है। इस फूल में 15 से 18 पंखुड़ियां होती है। जब फूल पूरी तरह से खिल जाते है, तो इनसे भीनी भीनी मीठी सुगंध आती है।
रजनीगंधा की प्रजातियां
रजनीगंधा पोलियानथ्स का जीनस जिसके अंदर कुल पंद्रह प्रजातियाँ होती है। जिनमे से बारह प्रजातियां मध्य अमेरिका और मेक्सिको में पायी जाती है। इनमे से दो प्रजातियों में लाल फूल होते है, एक मे सफ़ेद और लाल बाकि नौ प्रजातियों में सफ़ेद फूल खिलते है।
रजनीगंधा का पौधा कैसे लगाएं How To Grow Tuberose Plant
- रजनीगंधा का पौधा लगाने के लिए आपको सबसे पहले इसके अच्छे और स्वस्थ बल्ब की आवश्यकता होती है।
- बल्ब लेने के बाद आपको एक अच्छी और उपजाऊ मिटटी का चयन करना चाहिए।
- मिटटी बनाने के लिए आपको 80% सामान्य मिटटी 10% बालू और 10% वर्मीकम्पोस्ट को अच्छी तरह से मिला लेना चाहिए।
- मिटटी को तैयार करने के बाद, एक बड़ा सा गमला ले, जिसके निचे केंद्र में छेद होना जरुरी है।
- बिना छेद वाले गमले में कभी भी कोई भी पौधा नहीं लगाना चाहिए।
- गमला लेने के बाद उसमे मिटटी को भर कर अच्छी तरह से दबा दें, जिससे की मिटटी के अंदर किसी भी तरह की हवा ना रह जाए।
- इसके बाद आपको अपने रजनीगंधा के बल्ब को गमले में लगा देना चाहिए।
- बल्ब लगते समय एक बाद का विशेष ध्यान रखना चाहिए, की बल्ब का ऊपरी हिस्सा मिटटी से लगभग एक इंच ऊपर रहना चाहिए।
- गमले में बल्ब लगाने के बाद भरपूर मात्रा में पानी भर दें।
- जब तक बल्ब के अंदर से पौधा निकलना शुरू नहीं हो जाता है, तब तक गमले को किसी छाया वाली जगह पर रखे।
- लगभग एक महीने में पौधा उग जाएगा, और इसके ऊपर दो महीने में फूल आना शुरू हो जाते है।
रजनीगंधा के पौधे की देखभाल कैसे करें
- रजनीगंधा के पौधे को ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है।
- इस पौधे को हमेशा उपजाऊ मिटटी में लगाना चाहिए।
- शुरुआत में पानी भरपूर मात्रा में देना चाहिए।
- महीने में दो बार रजनीगंधा के पौधे में एक चम्मच यूरिया खाद को एक लीटर पानी में मिलकर पौधे की जड़ में डालना चाहिए।
- इसके अलावा अगर पौधे की पत्तियों पर किसी भी तरह की बीमारी लग जाती है, तो इसके लिए नीम के तेल को पानी में मिलकर स्प्रे करना चाहिए।
रजनीगंधा फूल के बल्ब को कैसे सुरक्षित रखे
- जब रजनीगंधा के पौधे पर फूल आना बंद हो जाते है, तो इसके ऊपर की पत्तियां मुरझाने लगती है।
- जब पौधे की पत्तियां मुरझाने लगे, तो आपको सभी पत्तियों को जमीन से लगभग एक इंच छोड़कर काट देना चाहिए।
- पत्तियों को काटने के बाद, सभी बल्ब को मिटटी से बहार निकल ले।
- बल्ब को मिटटी से बहार निकलने के बाद, इन्हे किसी जालीदार बर्तन या किसी टोकरी में रखकर छाया में सुखना चाहिए।
- कुछ दिन बाद सभी राजनीगंधी के बीज यानी की बल्ब बिलकुल साफ़ हो जाएंगी इसके आस पास की जड़े सुखकर हट जाएगी।
- जब बल्ब से सभी जड़े सुखकर टूट जाए, तो आप इन्हे संभाल कर अगले साल पौधा लगाने के लिए रख सकते है।