आज हम इस आर्टिकल में आपको Web 3.0 के बारे में बताएंगे। Web 3.0 क्या है? Web 3.0 के फायदे? Web 1.0, Web 2.0 और Web 3.0 में अंतर क्या है? Decentralized Web क्या है? यह कैसे काम करता है? हम इसका प्रयोग कैसे कर सकते है? इत्यादि। Web 3.0 से संबंधित आपको इस आर्टिकल में सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी। उम्मीद करता हूँ आपको यह पसंद आएगा।
समय के साथ चीजें बदलती रहती है और अपने से बेस्ट रूप में अपडेट होती रहती है, बात जब टेक्नॉलजी की हो तो यह एक ऐसा फील्ड है जिसमें निरंतर बदलाव होते रहते है। जब से हमने इंटरनेट को प्रयोग करना शुरू किया है तब से लेकर आज तक इसमें बहुत कुछ बदलाव देखने को मिला है और यह आज भी समय-समय पर और ज्यादा अड्वान्स होता जा रहा है।
बात अगर वेब की करें तो यह इंटरनेट का एक ऐसा हिस्सा है जिसकी मदद से आज के समय में हम अधिकतर चीजें खोज पाते है। अभी हाल ही के महीनों में हमने इसी Web की अगली पीढ़ी, यानि Web3.0 को देखने को मिला है, जिसकी मदद से आने वाले समय में इंटरनेट में और भी ज्यादा एडवांस चीजें देखने को मिलेंगी।
Web 3.0 क्या है?
Web 3.0 क्या है? इसको समझने से पहले हम इसके पहले के वर्जन को समझते है, ताकि समझने में आसानी हो। इंटरनेट कुछ इस तरह से काम करता है कि जब भी आप गूगल पर कुछ भी खोजते है, और उसके बाद किसी वेबसाईट पर जाते है, तो वेबसाईट पर मौजूद डाटा उसके सर्वर से आपके फोन या कंप्युटर के ब्राउजर में आता है।
इसके बाद हमें उस वेबसाईट का पेज दिखता है, अब इस पूरे सिस्टम के पीछे जो टेक्नॉलजी काम करती है, उसे Web कहा जाता है। समय के साथ यही टेक्नॉलजी अपने नए फीचर्स में अपग्रेड होती रही है, जिसे पहले के समय में Web 1.0 और Web 2.0 के रूप में जाना जाता रहा है।
Web 1.0 क्या है? (What is Web 1.0?)
इंटरनेट की शुरुआत इसके पहले वर्जन 1.0 के साथ हुई थी, इसकी शुरुआत साल 1989 में हुई थी, web 1.0 के साथ बहुत साधरण सी सुविधाएं हमें मिलती थी।
अगर इसके बारे में बात करें तो यूजर वेबसाईट पर जाकर केवल वेब पेज को पढ़ सकता था, वह पेज पर देखने के अलावा कोई अन्य ऐक्टिविटी नहीं कर सकता था।
अगर आज के टेक्नॉलजी के हिसाब से देखें तो यह कुछ भी नहीं है लेकिन उस समय केवल वेब पेज को ब्राउज करके केवल जानकारियाँ पढ़ना ही इंटरनेट की दुनिया में बहुत बड़ी चीज मानी जाती थी।
यह इंटरनेट की दूसरी पीढ़ी है, Web 1.0 के आने के लगभग 15 साल बाद साल 2004 में हमें इसका अपडेटेड वर्जन Web 2.0 के रूप में देखने को मिला।
Web 2.0 का सबसे बड़ा अपग्रेड यह था कि इसमें यूजर किसी भी वेबसाईट पर कंटेन्ट के साथ इंटरैक्ट कर सकता है। जैसे किसी वेबसाईट पर कमेन्ट करना, अकाउंट बनाना और खुद से भी कोई चीज पब्लिश करना इत्यादि।
उदाहरण के तौर पर आप इस ब्लॉग पोस्ट के कमेन्ट बॉक्स में जाकर अपना कमेन्ट लिख सकते है, जो कि बाकी के यूजर्स को भी दिखेगा। आप चाहें तो अकाउंट बनाकर खुद से भी चीजें पब्लिश कर सकते है, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, Quora इत्यादि।
Web 2.0 ने इंटरनेट को काफी ज्यादा बेहतर और लोगों के लिए टेक्नॉलजी का प्रयोग करना आसान बना दिया है। इसी के मदद से e-commerce प्लेटफॉर्म पर आप चीजें खरीद और बेच सकते है, क्योंकि डाटा का आदान-प्रदान करना काफी आसान हो गया है। आज के समय में आप जितनी भी ब्लॉग/वेबसइट देखते है, वे सभी Web 2.0 के वर्जन में ही प्रयोग किये जा रहे है।
Web 3.0 क्या है?
ऊपर बताए गए दोनों टेक्नॉलजी (Web 1.0 और Web 2.0) के बारे में आपको कुछ जानकारी मिल गयी होगी, चलिए अब बात करते है Web 3.0 के बारे में जो इनसे भी कहीं ज्यादा एडवांस है।
Web 3.0 एक डिसेन्ट्रलाइज्ड सिस्टम है और यह टेक्नॉलजी ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है। इसमें हमारा डाटा किसी एक सर्वर पर मौजूद न होकर दुनियाभर में बहुत सारे नोड्स में बंटा होता है, ये नोड्स ही होते है जो ब्लाकचैन में हमारे डाटा को स्टोर करके रखते है।
और इसको हैक करना लगभग नामुमकिन है, वही Centralized Server के रूप में जो टेक्नॉलजी हम अभी तक प्रयोग करते आये है उसको आसानी से हैक किया जा सकता है।
डिसेन्ट्रलाइज्ड सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा ये है की इसका कंट्रोल किसी कंपनी के पास नहीं होता। इसमें हमारे डेटा के ऊपर खुद का पूरा कंट्रोल होता है, अगर Meta, Google, Amazon जैसी कंपनियों को हमारा डाटा इस्तेमाल करना है तो पहले इनको हमसे इजाजत लेनी पड़ेगी।
आने वाले समय में यह बहुत कुछ बदल के रख देगा, हालांकि इसका सीधा असर किसी भी यूजर के ऊपर इतनी जल्दी नहीं पड़ने वाला है। लेकिन इसके कुछ ऐसे फीचर्स है जो आज के समय में बहुत ज्यादा जरूरी है और इसमें प्रमुख है सिक्युरिटी और Decentralized Web. Decentralized Web आज के समय में बहुत बड़ा रोल निभाने वाला है, क्योंकि इसकी मदद से ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी काम करेगी।
Decentralized Web क्या है?
इंटरनेट पर हम जो भी वेबपेज पढ़ते है या डाटा देखते है, वह कहीं पर किसी न किसी सर्वर में मौजूद रहता है। जब कोई यूजर उस डेटा को एक्सेस करने की रीक्वेस्ट करता है, तो वह डेटा उस सर्वर से होकर इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर के माध्यम से आपके फोन में पहुंचता है।
अब यदि हम किसी तरीके से इस सर्वर और आपके स्मार्टफोन की बीच कोई रुकावट डाल दें तो डेटा आपके फोन में नहीं आ सकता है। क्योंकि यहाँ पर एक ही सर्वर मौजूद है तो इसमें कोई भी गड़बड़ी आने पर डेटा को एक्सेस करना असंभव हो जाता है।
Decentralized Web में डाटा किसी एक सर्वर पर न होकर हजारों सर्वर पर मौजूद होता है, यदि कोई यूजर किसी डेटा की रिक्वेस्ट, किसी डेटा के लिए करता है, तो उसे उसके सबसे पास मौजूद सर्वर से डेटा डेलीवर होता है। डेटा के एक से अधिक जगहों पर मौजूद होने की स्थिति में इसे हैकरों के द्वरा हैक करके डिलीट करना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि बाकि के सर्वर पर उसकी कॉपी मौजूद रहेगी।
अब ऐसा नहीं है कि कोई डेटा एक से अधिक जगहों पर मौजूद है तो उसे कोई भी एक्सेस कर सकता है, यह डेटा पूरी तरीके से एन्क्रिप्टेड होता है, जो यदि किसी के हाथ लग भी जाए तो किसी काम का नहीं है, जब तक कि उसे वापस से डिकोड न किया जाय।
और एन्क्रिप्शन की यह कई सारी लेयर लगी होती है जिससे कि डाटा का वास्तविक रूप पता कर पाना लगभग असंभव हो जाता है।
Web 3.0 के क्या फायदे है?
जैसा कि इसके कुछ फ़ायदों के बारे में हमने ऊपर भी बात की है, लेकिन अगर अन्य फ़ायदों की बात करें तो नीचे ये कुछ फायदे है जो इसको खास बनाते है –
इसकी मदद से इंटरनेट को अलग-अलग तरीकों से प्रयोग किया जा सकता है।
वेब 3.0 इंटरनेट सिक्युरिटी बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा।
AI यानि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के लिए भी यह काफी फायदेमंद है, जिसकी मदद से यूजर टेक्नॉलजी के एक नए तरीके से इन्टरेक्ट कर सकेगा।
इस टेक्नॉलजी में डेटा एक से ज्यादा सर्वर पर मौजूद होगा जिससे डेटा के खोने या मिटने की चिंता नहीं होगी इतना ही नहीं इस डेटा के सिक्युरिटी के लिए एन्क्रिप्शन के कई लेयर्स का प्रयोग किया जाता है, जो कि प्राईवेसी के लिए बहुत बेहतरीन फीचर है।
वेब 3.0 की मदद से कोई भी कंटेन्ट इंटरनेट पर डालते है तो इसके बदले एक युनीक टोकन मिलेगा, जो आपको उस कंटेन्ट का मालिकाना हक और उस तक पहुँचने का एक पाथ भी होगा।
इस टेक्नॉलजी में आपके कंटेन्ट पर पूरा अधिकार आपके पास ही होगा, Google, Facebook, Twitter जैसी कंपनी अपनी मर्जी से आपका कंटेन्ट नहीं हटा पाएगी।
यहाँ पर आपने जो कुछ भी अपलोड कर दिया या बना दिया और इंटरनेट पर उपलब्ध हो गया, तो उसको कोई भी मिटा नहीं पाएगा और वह हमेशा के लिए अमर हो जाएगा।
Web 1.0, Web 2.0 और Web 3.0 में क्या अंतर है?
WEB 1.0
WEB 2.0
WEB 3.0
Read Only Static
Read And Write Interactive
Read And Write Interactive
Read And Write Interactive
In-Game Purchases
Read-Write-Trust
Images Based Searches
Referrals
UI And Service Layers
Web Portals ANd Directories
Subscription Content
Tokenization
Walled Gardens
App Store
Stabilizing Tokens Inflow
Software Licenses
Saas, Social Media
Governance of Tokens
Proprietary Hardware
Pay Per Click / Impressions
Blockchain Based
Web 3.0 का प्रयोग कैसे करें?
वेब 3.0 आ चुका है इसका प्रयोग आप कुछ जगहों पर देखा सकते है, जैसे – NFT को खरीदने और बनाने के लिए इसके पीछे ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी का प्रयोग किया जाता है।
आज के समय में कुछ टॉप लेवल डोमेन जैसे – .nft, .crypto जैसे एक्सटेंशन को अप केवल एक बार फीस देखर उसे हमेशा के लिए अपने नाम पर रजिस्टर कर सकते है।
अभी तक किसी डोमेन को रजिस्टर करने के बाद हर साल उसकी फीस चुकानी पड़ती थी, इसके पीछे का कारण यह है कि इस फीस के बदले बड़ी-बड़ी कंपनियां हमारे द्वारा किये गए रजिशट्रेशन को मान्यता देती थी।
अब क्योंकि ब्लॉकचेन और डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम की मदद से ये डेटा कही नहीं जाने वाला और इसे आसानी से वेरफाइ किया जा सकता है।
यही कारण है कि आज के समय में हमें ऐसी टेक्नॉलजी देखने को मिल रही है, यह हमारी जरूरत है कि समय के साथ खुद को बदलें और इस बदलाव में टेक्नॉलजी हमारा भरपूर साथ दे रही है। जो कि आने वाले समय में इंसानों के लिए एक सुखद अनुभव लेकर आएगा ऐसी हम उम्मीद करते है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, अब आप Web 3.0 क्या है? इसके क्या फायदे है? जान गए होंगे। उम्मीद करता हूँ कि आपको हमारी ये आर्टिकल जरूर पसंद आई होगी। और हमारे द्वारा बताई गयी सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी। अगर आपके मन में अभी भी किसी तरह का कोई सवाल है, तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है। कृपया अपना बहुमूल्य सुझाव (Feedback) देकर हमें ये बताने का कष्ट करें कि Tech Hindi Gyan को और भी ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। आपका सुझाव इस वेबसाइट को और भी अधिक उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने में सहायक होंगे। आर्टिकल पसंद आया हो तो कृपया इस आर्टिकल को अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में शेयर करें, और उनकी सहायता करें। इसके अलावा THG को Follow करके सभी नए पोस्ट की जानकारी लगातार प्राप्त कर सकते है।
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