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राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचारों का ग्राम कैसे बनाएं? (rashtrasant tukadoji  maharaj ke vicharon ka graam kaise banae?), ग्राम प्रधान कैसे बनें? (gram pradhan kaise bane?), ग्राम के कार्य कैसे करें? (gram ke kary kaise kare?), समाज सेवा कैसे करें? (samaj seva kaise kare?) आइये  जानें सरपंच कैसे बने? (sarapanch kaise bane?) 

 

 

 

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Sarpanch कैसे बनाएं ग्राम प्रधान कैसे बनें पूरी जानकारी in Hindi

 

 

 

 

भारत एक गाँव बहुल देश है. अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है. पंचायती राज का प्रावधान भारतीय संविधान में भारत के इस ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यों को निर्धारित करने और उनके प्रशासन को स्थापित करने के लिए दिया गया है.

ग्राम सभा और ग्राम पंचायत का गठन संविधान के अनुच्छेद 243 के नुसार पंचायत राज व्यवस्था के माध्यम से किया जाता है. ग्राम पंचायत का मुखिया ग्राम प्रधान होता है. जिसे सरपंच के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको गाँव के सरपंच के चुनाव, उनकी योग्यता और उनके द्वारा किये जाने वाले काम के बारे में बताने जा रहे हैं. sarapanch

 

 

 

 

सरपंच की परिभाषा : Definition of sarpanch

ग्राम पंचायत का गठन कई क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों (ग्राम सभा / वार्ड) को मिलाकर किया जाता है. ग्राम सभा या ग्राम पंचायत का निर्धारण किसी भी क्षेत्र की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है.

ग्राम पंचायत की जनसंख्या 1501 से 7501 तक होती है. इस पर ग्राम पंचायत के सदस्य 9 से 17 होते है. इन सभी का एक मुखिया होता है. जिसे ग्राम प्रधान या सरपंच कहा जाता है. sarapanch 

सीट का निर्धारण कैसे किया जाता है?: How is the seat determined?

सरपंच के चुनाव से पहले सीट का निर्धारण सरकार द्वारा किया जाता है, जैसे पुरुष सीट, इसमें केवल सरपंच ही पुरुष के नाम पर चुनाव प्रतिनिधि बन सकता है.

SC, ST, OBC, आदि श्रेणी जिसकी सीट घोषित की जाती है वही श्रेणी का व्यक्ति चुनाव के लिए खड़ा हो सकता है और यह प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग सीटे निर्धारित की जाती है. sarapanch

सरपंच चुनाव कैसे होता है: How is a sarpanch election

एक गांव मिलकर या अन्य टोले मिलाकर एक ग्रामपंचायत रहती है. गांव में वार्ड रहते है. यदि एक गांव में 3 वार्ड है तो तीनों वार्ड में से महिला या पुरुष चुनाव लढ सकते है.

वार्डपंचों का एक मुखिया रहता है जिसे सरपंच कहते है. सरपंच के चुनाव से पहले, सीट का निर्धारण सरकार द्वारा किया जाता है, जैसे कि महिला सीट, इसमें केवल एससी, एसटी, ओबीसी, आदि के मुद्दे के बाद सरपंच एक महिला के नाम पर चुनाव प्रतिनिधि बन सकता है.

श्रेणी जिसकी सीट घोषित की गई है वही चुनाव के लिए खड़ा हो सकता है और यह अलग-अलग क्षेत्र में तय किया जाता है. sarapanch

ग्रामपंचायत चुनाव की पहली बैठक जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से होती है. इस बैठक के अध्यक्ष द्वारा जिला मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाती है. इस पहली बैठक में, विजयी सदस्य से सरपंच और उप-सरपंच की नियुक्ति की जाती है.

यदि इस नियुक्ति में समान वोट प्राप्त होते हैं, तो नियुक्ति फिर से एक पत्र डालकर की जाती है. यदि इस नियुक्ति में कोई मुकदमा किया जाता है, तो 15 दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट को सूचना दी जाती है. sarapanch 

 

 

 

 

 

सरपंच बनने की योग्यता: Qualification to become sarpanch

  • सरपंच बनने के लिए कम से कम 21 साल आयु होना जरूरी है.
  • भारत का नागरिक होना चाहिय.
  • ग्राम पंचायत कि मतदाता सूची मे नाम होना चहीय.
  • दो से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिय.
  • सरकारी कर्मचारी सरपंच का चुनाव नहीं लड़ सकते.
  • अपनी संपति का विवरण होना चाहिय.
  • जमानत राशि पंचायत के हिसाब से देनी होगी आदि.
  • सरपंच बनने के लिए कई राज्यो मे अनपढ़ भी सरपंच बन सकते है ओर कई राज्यो मे 8 वी पास योग्यता तय कि गई है.

सरपंच का चुनाव लढ़ने के लिए फॉर्म भरते समय लगनेवाले दस्तावेज निम्लिखित है. 

  • आधार कार्ड जिसपर जन्म तारीख लिखी हो (Aadhar card with date of birth written on it)
  • मतदाता पहचान पत्र (Voter ID)
  • दो बच्चो का शपथ पत्र (Affidavit of two children)
  • पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र (Police character certificate)
  • मूल निवास (original residence)
  • जाति प्रमाण पत्र (caste certificate)
  • पैन कार्ड (Pan Card)
  • शौचायल का शपथ पत्र (अगर आपके घर में शौचालय नहीं है तो आप चुनाव नहीं लड़ सकते) (Affidavit of the toilet (if you do not have a toilet in your house, you cannot contest elections))
  • पासपोर्ट साइज फोटो (Passport size photo)
  • आय प्रमाण पत्र (income certificate)
  • NOC Hard drive Data Recovery Services
सरपंच पद का कार्यकाल : Term of sarpanch post
  • सरपंच पद का कार्यकाल 5 साल का रहता है.
अविश्वास का ठराव:
  • निर्वाचित पार्षद में से, 1/3 पार्षद को अविश्वास का अनुमोदन करता है, लेकिन कोई भी 1 वर्ष के लिए अविश्वास नहीं ला सकता है.
  • अविश्वास ठराव की मंजूरी के लिए 2 / 3 बहुमत की आवश्यकता होती है. sarapanch 
  • एक महिला सरपंच को अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए 3/4 बहुमत आवश्यक है.

 

 

 

 

 

सरपंच के अधिकार और काम:Sarpanch rights and work 
  • साल में दो बार ग्राम सभा की बैठक लेना.
  • हर माह कार्यकारिणी की बैठक. sarapanch 
  • ग्राम पंचायत अधिकारियों और कर्मचारियों के काम का पर्यवेक्षण करना.
  • पंचायत क्षेत्र में योजनाओं को तैयार करना और अनुमोदित करना.sarapanch 
  • ग्राम पंचायत दस्तावेजों और पंजीकरण पुस्तकों की व्यवस्था.
  • पंचायत के सभी लेन-देन पर हस्ताक्षर करना और सुरक्षित करना.
  • गाँव के लिए सरकारी योजनाओं को लागू करना.sarapanch 
  • सड़क से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना, जैसे सड़क को पक्का करना.
  • गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करना. जिसमें रैलियों और समारोहों का आयोजन शामिल है. इसके साथ ही गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करना.sarapanch 
  • गांव के सभी सार्वजनिक स्थानों जैसे मंदिर, मस्जिद आदि पर बल्प की व्यवस्था करना.
  • गाँव के हर सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना. sarapanch 
  • जन्म, मृत्यु, विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना.
  • गाँव के स्वच्छता अभियान के तहत, गाँव के लोगों को शौचालयों के उपयोग के बारे में जागरूक होना चाहिए और शौचालयों को ठीक से बनाए रखना चाहिए.sarapanch 
  • त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लागू होने के बाद, लगभग हर साल ग्राम पंचायतों को लाखों रुपये दिए जा रहे हैं और नियमों के अनुसार इन निधियों का उपयोग आपके गांव में पानी, नाली, सड़क, शौचालय, स्कूल प्रबंधन, स्वच्छता और तालाबों के लिए किया जाना चाहिए. अभी गाँव को विकसित और सशक्त बनाने के लिए पूरे भारत में ग्राम स्वराज अभियान का आयोजन किया जा रहा है.
  • दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है. sarapanch 
  • सरपंच की अनुपस्थिति में, उप सरपंच उपरोक्त कार्यों को करता है.
ग्राम सभा: Gram Sabha

ग्राम पंचायत अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ग्राम सभा की बैठक करना अनिवार्य है.

  • 26 जनवरी
  • 1 मई
  • 15 अगस्त
  • 2 अक्टूबर

उपर बताएं गए तारीखों को ग्राम सभा होना अनिवार्य है.

  • सरपंच ग्राम सभा का अध्यक्ष होता है, अगर सरपंच मौजूद नहीं है तो उप-सरपंच, अगर उप-सरपंच नहीं है तो सबसे बड़ा सदस्य ग्राम सभा का अध्यक्ष बन सकता है.
  • प्रत्येक व्यक्ति जो 18 वर्ष पूरा कर चुका है, ग्राम सभा का सदस्य है.
गनसँख्या: A group of specific types of people
  • कुल मतदाताओं में से 15% या 100 सदस्य उपस्थित होने पर गिनती पूरी होती है. बैठक की अध्यक्षता सरपंच / उप सरपंच द्वारा की जाती है. 1 मई 2003 के अनुसार, ग्राम सभा के सदस्य ग्राम सभा के अध्यक्ष भी बन सकते हैं.
  • ग्राम सभा में ग्राम पंचायत का बजट स्वीकृत होता है. फिर इसे पंचायत समिति को भेजा जाता है. पंचायत समिति 2 महीने की अवधि के भीतर संशोधनों को मंजूरी या सुझाव देती है.

 

 

 

 

Description: सरपंच के चुनाव के लिए दस्तावेजों और गाँव के काम के बारे में जानकारी देने की कोशिस की  गई है. सरपंच को समाज की सेवा करने का अवसर मिलता है.

Author: अमित

FAQ:- Frequently Asked Questions 

1. राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना भारतीय संविधान के किस प्रावधान के तहत की गई है?

  • उत्तर :- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243K और 243ZA के अनुसार स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग का गठन किया गया है। आयोग की स्थापना की अधिसूचना राज्यपाल द्वारा जारी की जाती है.

2. महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग की स्थापना क्यों और कब हुई?

  • उत्तर :- राज्य निर्वाचन आयोग को महाराष्ट्र राज्य में सभी स्थानीय निकायों (जिला परिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत, नगर परिषद, नगर पंचायत और नगर निगम) के चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है और राज्य चुनाव आयोग की स्थापना 26 अप्रैल 1994 को की गई थी.

3. राज्य निर्वाचन आयोग का प्रमुख कौन होता है? 

  • उत्तर :- राज्य चुनाव आयोग का नेतृत्व राज्य निर्वाचन आयुक्त करता है.

4. राज्य निर्वाचन आयोग की प्रशासनिक संरचना क्या है? 

  • उत्तर:- राज्य चुनाव आयोग का नेतृत्व राज्य निर्वाचन आयुक्त करता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा में सचिव के पद के अधिकारी उसके अधीन आयोग के सचिव के रूप में और उसके नियंत्रण में उपायुक्त, उप सचिव, सहायक आयुक्त, अवर सचिव, कक्ष अधिकारी कार्यरत रहते है. आयोग का कार्य संभागीय आयुक्त,  जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा और नगरपालिका आयुक्त द्वारा नगर स्तर पर किया जाता है.

5. राज्य चुनावों के संवैधानिक अधिकार क्या है?

  • उत्तर :- राज्य चुनाव आयोग के पास सभी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने, उन्हें संचालित करने और नियंत्रित करने और ऐसे चुनाव कराने की शक्ति है.

6. राज्य चुनाव आयोग राज्य में कौन से चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है?

  • उत्तर :- राज्य चुनाव आयोग शहरी स्थानीय स्वराज्य संस्था (ULB) अर्थात नगर निगम, नगरपालिका / नगर पंचायत और ग्रामीण अर्थात स्थानीय स्वराज्य संस्था (RLB) जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के राज्य में चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है.
  • हालांकि, लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद चुनाव कराने की जिम्मेदारी भारत के चुनाव आयोग के पास रहती है और इसका राज्य चुनाव आयोग से कोई लेना-देना नहीं है.

7. राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का क्या प्रावधान है? 

  • उत्तर :- राज्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राज्य निर्वाचन आयुक्त अधिनियम, 1994 के अनुसार होती है. राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा किसी व्यक्ति को सरकार के प्रमुख सचिव के पद से कम या किसी पद पर रखने से की जाती है.

8. क्या राज्य निर्वाचन आयोग भारत के चुनाव आयोग के नियंत्रण में है?

  • उत्तर :- नहीं. यह राज्य स्तर पर एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है.

9. राज्य चुनाव आयोग का कार्यालय कहाँ स्थित है?

  • उत्तर :- राज्य चुनाव आयोग का कार्यालय मुंबई में है.

10. मुझे किसके नाम पर राज्य निर्वाचन आयोग के साथ पत्र व्यवहार करना चाहिए?

  • उत्तर :- सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग के नाम पर पत्राचार किया जाना चाहिए.

 

 

 

 

 

 

11. महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत किस अधिनियम के तहत कार्य कर रही है?

  • उत्तर:-  महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम, 1958 द्वारा शासित है.

12. दो ग्राम पंचायतों के चुनाव किस कानून और नियमों के तहत किए जाते हैं?

  • उत्तर:- महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनाव, महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम, 1958 और मुंबई ग्राम पंचायत चुनाव नियमों, 1959 के तहत आयोजित किए जाते हैं.

13. ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या कितनी है?

  • उत्तर:- ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या जनसंख्या पर निर्भर करती है. जनसंख्या से सदस्यों की संख्या इस प्रकार है.
  • 1500 या 1500 से कम – 7
  • 1501 से 3000 – 9
  • 3001 से 4500 – 11
  • 4501 से 6000 – 13
  • 6001 से 7500 – 15
  • 7501 से अधिक – 17
  • महाराष्ट्र ग्राम पंचायत – (गाँव को वार्डों में विभाजित करना और महिलाओं, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित करना, नियम 1966 नियम 2 अ)

14. ग्राम पंचायत चुनाव आयोग के लिए मदार यादी के अधीक्षक, संचालन और नियंत्रण के प्रभारी कौन हैं? 

  • उत्तर:- इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त अधिकारी के रूप में, कलेक्टर ग्राम पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने का पूरा काम देखता है. ( म.ग्राम.अ 1966 कलम – 12 [2])

15.ग्राम पंचायत का कार्यकाल क्या है? यह अवधि कब से गणना की जाती है?

  • उत्तर:- ग्राम पंचायत का कार्यकाल सामान्यतः 5 वर्ष होता है. ग्राम पंचायत की गणना पंचायत की पहली बैठक की तारीख से की जाती है.

16. किस अवधि में भंग / बर्खास्त ग्राम पंचायत का चुनाव कराना अनिवार्य है?

  • उत्तर:- पंचायत के विघटन के बाद, विघटित ग्राम पंचायत का चुनाव भंग होने की तिथि से 6 महीने के भीतर करना अनिवार्य है. {म.ग्रा अ 1958 कलम 28 (1) (2)}

17. निर्वाचित सदस्यों के कार्यालय का सामान्य अवधि क्या है? 

  • निर्वाचित सदस्यों के कार्यालय का अवधि पांच साल का है. {म ग्रा अ 1958 कलम 27 (1)}

18. रिक्ति या अन्य कारणों से उपचुनाव के मामले में निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल क्या है?

  • उत्तर :- रिक्ति या अन्य कारणों के कारण उप-चुनाव की स्थिति में, निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल आम चुनाव में निर्वाचित सदस्यों के पद के चुनाव के समय से होगा

19. ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल कब शुरू होता है?

  • उत्तर :- उप-चुनावों में ग्राम पंचायत में चुने गए सदस्यों के कार्यालय का कार्यकाल पंचायत की पहली बैठक की तारीख से शुरू होता है.

20. अगर कोई ग्राम पंचायत सदस्य इस्तीफा देना चाहता है, तो किसके तरफ देता है ?

  • उत्तर:- पंचायत सदस्यों को अपने स्वयं के हस्ताक्षर के साथ सरपंच को अपना इस्तीफा देना होगा.

21. यह इस्तीफा कब से प्रभावी है?

  • उत्तर:- इस्तीफा तुरंत प्रभावी होता है.

22. रिक्तियों के बारे में राज्य निर्वाचन आयोग को सूचित करने के लिए कौन जिम्मेदार है?

  • उत्तर :- अधिकांश ग्राम पंचायत ग्राम सेवकों को गट विकास अधिकारी को रिक्तियों के बारे में सूचित करना होगा। गट विकास अधिकारी ने तहसीलदार और जिला कलेक्टर के माध्यम से निर्वाचन आयोग को  रिक्ति के बारे में सूचित करना होगा.

23. ग्राम पंचायत चुनाव के लिए किस मतदाता सूची का उपयोग किया जाता है?

  • उत्तर :- इस चुनाव के लिए, महाराष्ट्र विधान सभा की मतदाता सूची, जो उस तिथि पर लागू होती है, जिस पर राज्य निर्वाचन आयुक्त आदेश द्वारा मामले को अधिसूचित करेंगे.

24. मतदाता सूची के प्रकाशन के बारे में क्या प्रावधान है?

  • उत्तर :- राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देशित तिथि पर प्राधिकृत अधिकारी (तहसीलदार) द्वारा प्रकाशन का प्रावधान है.

25. ग्राम पंचायत चुनाव में किसे वोट देने का अधिकार है?

  • उत्तर :- ग्राम पंचायत वार्ड के अंतिम प्रमाणित निर्वाचक नाम वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार है.

26.  मतदाता सूची में दर्ज होने के लिए किसी व्यक्ति की आयु कितनी है?

  • उत्तर :- मतदाता पंजीकरण के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.

27. एक से अधिक स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकरण के परिणाम क्या हैं?

  • उत्तर :- भारत के जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 31 में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने का प्रावधान है, जिसने अपना नाम मतदाता सूची में एक से अधिक बार दर्ज कराया हो और अदालत में दोषी पाए जाने पर अधिकतम एक वर्ष की सजा है। मतदाता पंजीकरण अधिकारी को दावा दाखिल करने का अधिकार है.

28. चुनाव में मतदान का तरीका क्या है?

  • उत्तर :- चूंकि ग्राम पंचायत के चुनाव बहु-सदस्यीय वार्ड प्रणाली में होते हैं, इसलिए बहु-सदस्यीय प्रणाली में जितनी सीटें होती हैं, उतने वोट डाले जा सकते हैं. मतदान गुप्त मतदान और ईवीएम द्वारा किया जाता है.

29. ग्राम पंचायत सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए आवश्यक योग्यताएं क्या हैं?

  • उत्तर:- संबंधित ग्राम पंचायत (किसी भी वार्ड) के मतदाता को एक पंजीकृत मतदाता के रूप में पंजीकृत किया जाना चाहिए और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि तक उम्र 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए और किसी अन्य कानून द्वारा अयोग्य नहीं होना चाहिए.  (म.ग्रा.अ 1958 कलम 13)

30. क्या सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए उस ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में नाम होना आवश्यक है?

  • उत्तर :-  हाँ.

 

 

 

 

 

31. ग्राम पंचायत की संरचना क्या है?

  • उत्तर :- प्रत्येक पंचायत में एक स्थानिक स्वराज्य संस्था रहती है जिसे ग्राम पंचायत कहा जाता है, पंचायत के क्षेत्रीय क्षेत्र की आबादी और ऐसी पंचायतों में चुनाव के लिए न्यूनतम 3 वार्ड और अधिकतम 6 वार्ड  रहते है

32. ग्राम पंचायत में न्यूनतम और अधिकतम सदस्यों की संख्या नियमानुसार क्या है?

  • उत्तर :- ग्राम पंचायत में न्यूनतम 7 और अधिकतम 17 सदस्य हो सकते हैं

33. ग्राम पंचायत के लिए सदस्यों की संख्या कौन और कैसे निर्धारित करता है?

  • उत्तर :- जिला कलेक्टर राज्य निर्वाचन आयोग के मापदंड के अनुसार सदस्यों की संख्या का निर्धारण निकटवर्ती जनगणना की प्रकाशित जनसंख्या के आधार पर करता है.

34 .ग्राम पंचायत के विभाजन मतदारसंघ को क्या कहा जाता है?

  • उत्तर :- जिस निर्वाचन क्षेत्र में ग्राम पंचायत विभाजित होती है उसे वार्ड कहा जाता है.

 

 

 

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