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CPM, CTR, CPA, CPL और CPC क्या होता है?

क्या आप Adsense का इस्तमाल अपने blog या फिर अपने YouTube channel में इस्तमाल करते हैं? यदि हाँ तब तो आपने इन technical terms जैसे की CPM, CTR, CPC, CPA या CPL का जिक्र तो पहले से ही सुना होगा. यदि नहीं तब चिंता करने की कोई भी बात नहीं है क्यूंकि आज हम इन्ही के विषय में विस्तर में समझेंगे. वैसे ये उतने भी कठिन नहीं होते हैं जितने की दिखाई पड़ते हैं. बस इन्हें समझने की ही देरी है अन्यथा इनकी क्या मजाल. वैसे अगर आप Adsense का कभी इस्तमाल किया होगा तब आपने इन jagrons का इस्तमाल जरुर देखा होगा क्यूंकि ये Adsense के tools ही हैं जिन्हें की Online Advertising industry में काफी इस्तमाल किया जाता है सभी campaign में.

यदि में online advertising की बात करूँ तब इसमें मुख्यरूप से तीन प्रकार के लोग ज्यादा देखने को मिलते हैं. पहले हैं Publishers या content creators. ये असल में Internet में सभी content create करते हैं. ये bloggers या youtubers हो सकते हैं, जो की text और video format में content तैयार करते हैं. वहीँ दूसरी श्रेणी के लोग आते हैं जिन्हें की Advertisers कहा जाता है. ये वो लोग होते हैं जो की अपने business को promote करने के लिए इन Creators के site या channels का इस्तमाल करते हैं अपने ads को display करने के लिए. ये असल में business owners होते हैं. वहीँ तीसरी श्रेणी के लोग होते हैं Advertising Agencies (जैसे की Google Adwords). ये वो लोग होते हैं जो की एक medium का काम करते हैं दोनों Creators और Advertisers को मिलाने में. इनका मुख्य कार्य होता है Advertisers का ads को सही publishers के माध्यम से targeted users तक पहुँचाना. इससे सभी का फायेदा होता है.

 

 

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इसलिए आपको इनकी basics को ठीक तरीके से समझना होगा, कहीं तभी जाकर आप इन्हें और भी बेहतर रूप से समझ सकते हैं. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को CPM, CTR, CPC, CPA या CPL क्या होता है, इन्हें कैसे calculate किया जाता है और इनकी क्या advantages हैं के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें, इससे आपको भी इसे समझने में आसानी होगी. तो फिर देरी किस बात की चलिए शुरू करते हैं और समझते हैं.

CPL, CTR, CPA, CPC और CPM क्या है हिंदी में

 

यहाँ आज इस article में हम सभी digital marketing के platform में इस्तमाल होने वाले acronyms जैसे की CPM, CTR, CPA, CPC और CPL के विषय में जानेंगे और इसके साथ ये भी जानेंगे की कैसे इन सभी का इस्तमाल किया जाता है.

CPM: Cost Per Mille (Thousand) क्या है

CPM का Full Form होता है Cost Per Mille. CPM का दूसरा full form होता है ‘Cost per Thousand’ (जहाँ पर M एक symbol होता है 1000 का अगर हम इसे Roman Number में लिखें तब). वहीँ online advertising के क्षेत्र में, आप किसी particular banner/link ads में जितने भी impression होते हैं उसी हिसाब में आप charge कर सकते हैं. Online Advertising की भाषा में कहूँ तब ये cost per thousand page impressions को refer करता है. CPM असल में number of clicks registered को refer करता है किसी website में readers के द्वारा. आपकी जानकारी के लिए Ad Networks, जैसे की AdSense, किसी website की ad revenue को calculate करने के लिए CPM का ही इस्तमाल करते हैं.

 

 

 

 

 

 

 

CPM (Cost per impression/Cost per thousand impressions (CPI)) ये वो cost होता है जिसमें की advertisers ये बात पर राजी होते हैं पैसे प्रदान करने के लिए जब उनके advertisement पर view हो तब. वो अक्सर per 1,000 views के हिसाब से ही पैसे प्रदान करते हैं किसी particular advertisement पर. CPM एक ऐसा marketing model होता है जिसमें की ads पर click करने को लेकर को compulsion नहीं होता है किसी visitor के लिए. केवल website पर वो ads appear ही हो तब वो CPM model के तहत आ जाता है, और उसे 1 मान लिया जाता है.

CPM को कैसे Measure किया जाता है?

ये वो amount होता है जिसे की per 1000 impressions के हिसाब से करीब 1000 users की reach पर प्रदान किया जाता है.

इसे प्राप्त करने का Formula है :
CPM = Cost / (Target Audience / 1000)
OR
CPM = cost x 1,000 / target audience
(CP “M” एक roman number होता हिया 1000 के लिए)

CPM के क्या फायेदे होते हैं?

CPM (Cost per Impression) के साथ cost per acquisition (CPA) और cost per click (CPC) एक बहुत ही बेहतरीन तरीका होता है किसी selected online marketing model की profitability और cost effectiveness को analyse करने के लिए. CPI या CPM उन advertisers के लिए ज्यादा related होता है दुसरे media sources जैसे की radio, television या print media, और वो selling कर रहे होते हैं media की analysed और estimated listenership, या viewership और readership के हिसाब से. एक बार advertiser इस बात को लेकर राज़ी हो जाये की उसे प्रति 1000 impressions में कितने मूल्य का भुकतान करना होगा, ये वही मूल्य होता है CPM के guidelines के हिसाब से.

CTR: Click-Through Rate क्या है

CTR का Full Form होता है Click Through Rate. ये एक ऐसा तरीका होता है जिसके माध्यम से किसी online advertising campaign को measure किया जाता है. CTR उस percentage को refer किया जाता है, जिसमें की इसे पाने के लिए number of users जिन्होंने web page के ads पर click किया को divide किया जाता है number of times वह ad pages में delivered (impressions) हुए.

उदहारण के लिए, अगर एक banner ad करीब 100 times (100 impressions) deliver हुआ और एक person ने उसमें click भी किया (जिसमें की clicks को record किया गया), तब जो resulting CTR होगा वो होगा 1 percent और इसे display किया जायेगा 1.0 से.

यह एक ऐसा model है जिसमें की ये पता चलता है की कितने प्रतिशत users जो की engage या view करते हैं web page को और वो जो की web page में स्तिथ किसी particular ad को click करते हैं. इस method का इस्तमाल किसी ad के success को analyze करने के लिए भी किया जाता है. एक high-click through rate से website owner को ये पता चलता है कोन सी ads पर ज्यादा click आ रहे हैं जिसे वो अपने फायेदे के हिसाब से इस्तमाल कर सकें. एक typical click-through rate होता है 2-3 users ही 1000 users से.

CTR को कैसे measure किया जाता है?

Click- through rate असल में Ads के ऊपर individual click की percentage होता है.

Click Through rate का Formula होता है:

Click Through Rate = (Total Clicks Ad के ऊपर) / (Total Impressions)
Click through Rate की मदद से advertisement की effectiveness को measure किया जाता है.
इसका Formula होता है
CTR = (Clicks/Impressions) x 100

उदहारण के लिए
अगर 1 click हो प्रति 1000 impression पर तब Click Through rate होता है 1.0%

CTR के क्या फायेदे होते हैं?

Click through rate (CTR) एक ऐसा metric होता है जिसका इस्तमाल ad performance को analyze करने के लिए होता है, जिसे की calculate किया जाता है ऊपर बताए गए formula के मदद से. Click through rate किसी user को उनके advertisement के effectiveness के विषय में detailed look और deeper knowledge प्रदान करता है.

 

 

 

 

 

चलिए ऐसे ही कुछ factors के विषय में जानते हैं जो की CTR बेहतर ढंग से प्रदान करता है:

  • ये आपको मदद करती है call to action ad copy को evaluate करने के लिए
  • Users को ये potential conversion प्रदान करती है
  • Competitors के साथ compare होने में मदद प्रदान करता है और साथ में campaigns के बिच भी
  • ये Quality Score को enhance करने में मदद प्रदान करता है जो की ultimately CPC को बढ़ाने में मदद करती है

CPA: Cost per Action या Cost per Acquisition क्या है

CPA का Full Form होता है Cost Per Action या Cost per Acquisition. Advertising एक तरह से performance based होती है और ये business के affiliate marketing sector में बहुत ही common होती है. इस प्रकार के payment scheme में, publisher ही पूरा का पूरा risk लेता है ad को run करने का, और इसमें advertiser केवल तभी pay करता है जब कोई user कोई action लेता है जैसे की कोई purchase या sign-up. इसलिए हम ये कह सकते हैं की ये best प्रकार का rate होता है banner advertisements को pay करने का और साथ में ये worst type का rate होता है charge करने के लिए.

CPA (Cost per acquisition/Cost per action) एक ऐसा marketing model है जिसमें की advertisers को केवल तभी pay करना होता है अपने agreed cost के हिसाब से जब उनके हिसाब से अगर delivery होती है किसी desired acquisition या कोई action हो. इसे सबसे ज्यादा effective marketing model माना जाता है, क्यूंकि advertisers को अपने advertisement के लिए तभी publishers को पैसे देने पड़ते हैं जब उनका कार्य पूर्ण होता है.

इस model में conversion rate पूरी तरह से निर्भर करती है advertiser’s website के ऊपर, और इसे publisher के द्वारा control नहीं किया जा सकता है. इसे अक्सर affiliate marketing links में ज्यादा इस्तमाल किया जाता है.

इस model का main focus conversion पर होता है न की just clicks पर. इस model में conversion optimizer को optimize करने के बाद एक target CPA को set किया जाता है best outcome प्राप्त करने के लिए.

CPA के क्या फायेदे होते हैं?

CPA (Cost per Acquisition/ Cost per Action) एक ऐसा model है जिसका इस्तमाल paid marketing में किया जाता है और जो उन्हें steadily control तरीके से investment के flow को चलाने में मदद करता है advertisement में. Google को CPC के हिसाब से न pay कर, CPA की मदद से आपको केवल तभी pay करना होता है जब कोई ad पर click करता है और कोई perform करता है desire acquisition जिसे की advertiser के द्वारा set किया गया होता है.

ये action या acquisition कोई lead generation, sale, subscription या download हो सकता है या फिर कोई ऐसा conversion जिसे की advertiser के द्वारा define किया गया होता है. ये model आपको मदद करता है अपने पैसे को सही search terms में खर्च करने के लिए न की फालतू के search terms में जिन्हें की आपके business के लिए define ही नहीं किया गया है, केवल आपके द्वारा निर्धारित desired action के perform होने के बाद ही advertisers को पैसों का भुकतान करना पड़ता है.

CPC: Cost Per Click क्या है

CPC का Full Form होता है Cost Per Click. ये एक प्रकार का payment option होता है जो की publisher को pay करता है जब कोई customer किसी ad links पर click करे या फिर किसी advertiser के offer पर click भी करे. CPC एक प्रकार का internet-marketing formula भी है जिसे की इस्तमाल किया जाता है banner ads की price को निर्धारित करने के लिए. कुछ advertisers इस बात के लिए भी publishers को pay करते हैं की उनके banner ads को कितने बार click किया गया.

Cost per click को Pay Per click भी कहा जाता है, ये एक mostly इस्तमाल किया जाने वाला online marketing method है जिसे की website में direct traffic लाने के लिए किया जाता है, इसमें website owner को पैसे तभी प्रदान किये जाते हैं advertisers के द्वारा जब उनके website में स्तिथ ads को click किया जाता है. इसलिए कभी कभी इसे ऐसे amount भी कहा जाता है जिन्हें की केवल पैसे प्राप्त करने के लिए (clicks के द्वारा) ही खर्च किया जाता है.

CPC को कैसे Measure किया जाता है?

इसे calculate करने का formula होता है :

(Competitor AdRank / आपकी Quality Score) +0.1 = Actual CPC

CPC के क्या फायेदे होते है?

CPC या Cost per Click की इतनी ज्यादा महत्व इसलिए है क्यूंकि इसकी value ये निर्धारित करती है की किसी paid search campaigns की financial success कितनी है, साथ ही इसे analyze कर ये identify किया जा सकता है की AdWords आपको कितनी charge करने वाली है.

ये आपको आपके ROI (Return on Investment) को analyze करने में मदद करती है, आप ये जान सकते हैं आपके intended action के लिए आपने ज्यादा पैसों का भुकतान किया या कम पैसों का. चूँकि overall ROI को analyze किया जाता है quality traffic और कितनी ये आपको charge करने वाली है, इसलिए ये जरुरी है की आपको cost per click को consider करनी चहिये और उसके लिए आपको Advertisement की value और उसकी cost दोनों का ख्याल रखना पड़ेगा.

CPL : Cost Per Lead क्या है

CPL का Full Form होता है Cost per Lead. ये एक अलग ही प्रकार का online advertising model होता है जिसे की organizations के द्वारा इस्तमाल किया जाता है जो की इस बात के ऊपर ज्यादा interested होते हैं की उनके द्वारा invest किये गए money पर उन्हें कितना lead generate हुए. इस प्रकार के marketing model में जब user किसी advertisement banner पर click करता है तब वो एक target site पर redirect हो जाता है और उसे वहां पर एक form fill करने के लिए निर्देश किया जाता है या फिर कोई subscription को perform करने के लिए कहा जाता है. जैसे की वो user उस action को perform कर लेता है, तब ऐसे में lead generate हो जाता है.

CPL को कैसे Measure किया जाता है?

CPL को Measure करने के लिए बहुत से तरीके हैं. वैसे इस calculate करने के लिए एक simple calculation को इस्तमाल करने के लिए कहा जाता है. इस calculate करने के लिए आपको बस simply campaign के total price को divide करना होगा आपके conversation के amount के साथ.

उदहारण के लिए, अगर आपने $500 खर्च किये advertisement में और आपने receive किया 10 clicks, तब आपकी CPL हो गयी $50.

CPL के क्या फायेदे होते हैं?

Cost per lead या CPL आपके business के लिए बहुत ही useful होति है. किसी भी marketing model की जो basic thing होती है वो होती है results में focus होना, sales में improvement, Revenue में change, Investment में return और वो सभी चीज़ें जो की उससे सम्बंधित हो. CPL की मदद से ये आपको मदद करती है आपकी business की value को compare करने के लिए, वहीँ यदि आपकी business छोटी है या नयी है तब तो CPL Model आपको significantly मदद कर सकता है.

Campaign के प्रारंभ में ही CPL बहुत ही higher results प्रदान करता है. ये वो basic paid marketing models होते हैं जिन्हें की प्रत्येक advertiser और business/website owner को जरुर से experience करना चाहिए.

CPS क्या है

CPS का Full Form होता है ‘Cost per Sale’. ये बहुत ही famous online marketing method है यदि हम अभी के समय की बात करें तब. ये दोनों publisher और advertiser के लिए ही उपयोगी होता है. ऐसा इसलिए क्यूंकि इसमें आपको प्रत्येक successful sale में एक commission प्राप्त होता है.

ज्यादातर affiliate plan इसी ‘Cost per sale’ model के ऊपर ही आधारित होते हैं.

Conclusion

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख CPM, CTR, CPL, CPA या CPC क्या है जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को इन सभी के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. यदि आपको यह post CPL, CTR, CPC, CPA या CPM क्या होता है हिंदी में पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Google+ और Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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