Manual IP Details डालने की इस प्रक्रिया में काफी ज्यादा समय लग जाता है,और यदि नेटवर्क ज्यादा बड़ा है तो ऐसा करना कई दिनों की गतिविधि भी बन सकता है।
साथ ही इसमें डाले गए हर IP एड्रेस की जानकारी भी रखनी पड़ती है,ताकि दोबारा उस IP का इस्तेमाल ना हो और IP Conflict जैसी समस्याओं से बचा जा सके।
और दूसरा तरीका है DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol) Server का,तो आइए इसे समझते हैं।
DHCP क्या है। (What Is DHCP In Hindi)
DHCP एक Network Management Protocol है,यह Server Client Model पर
काम करता है।
DHCP Server द्वारा Automatically ही नेटवर्क में जुड़े सभी Computers या Devices
को एक Unique IP एड्रेस और दूसरी Network Configuration’s जैसे Subnet,
Gateway और DNS एड्रेस दे दिया जाता है,जिससे सभी Devices आपस में Communicate कर सकें।
DHCP Server का इस्तेमाल एक छोटे और बड़े नेटवर्क दोनों में किया जाता है,जहाँ एक
छोटे कंप्यूटर नेटवर्क में Centralized Router या Modem द्वारा DHCP Server का
काम लिया जाता है,
वहीँ अगर नेटवर्क बड़ा हो,तो इसके लिए Dedicated DHCP Server लगाया जाता है।
DHCP का मुख्य उद्देश्य एक नेटवर्क में लगे सभी Computer’s और Devices का खुद ब खुद
IP एड्रेस Configure करना है,ताकि नेटवर्क Administrator को Manually हर कंप्यूटर
पर जाकर यह कार्य ना करना पड़े।
DHCP कैसे कार्य करता है (How Does DHCP Work)
जैसे की आपने पढ़ा यह एक Server Client Model पर windows dhcp server काम करता है,जहाँ पर DHCP एक Host होता है windows dhcp server और नेटवर्क पर जुड़े हुए बाकि सभी Computers Client होते हैं।
जैसे ही कोई नया कंप्यूटर यानि क्लाइंट windows dhcp server कंप्यूटर नेटवर्क पर जुड़ता है तो,क्लाइंट कंप्यूटर
द्वारा DHCPDISCOVER मैसेज ब्रॉडकास्ट किया जाता है,यह एक Request होती है जो
क्लाइंट कंप्यूटर द्वारा Host यानि DHCP Server को ढूढ़ने और उससे IP एड्रेस लेने के
लिए की जाती है।
इसी की जवाब में DHCP Server द्वारा क्लाइंट कंप्यूटर को DHCPOFFER मैसेज दिया जाता
है जिसके अंदर नेटवर्क की Configuration’s होती है। यानि DHCP अपने IP Pool में उपलब्ध
IP एड्रेस के लिए Check करता है और उपलब्ध IP एड्रेस को Client मशीन पर भेज देता है।
इसके जवाब में क्लाइंट कंप्यूटर के द्वारा सर्वर को DHCPREQUEST मैसेज ब्रॉडकास्ट किया जाता है।
यानि क्लाइंट कंप्यूटर ने DHCPOFFER को Accept कर लिया है। और फिर अंत में सर्वर द्वारा DHCPACK मैसेज ब्रॉडकास्ट किया जाता है,जो इस Session के पूरा होने को दर्शाता है।
DHCP के फायदे (Benefits Of DHCP In Hindi)
DHCP Implement करने के को कुछ मुख्य फायदे हैं,जो इस प्रकार से हैं।
Reliable IP Setup :- dhcp settings सर्वर द्वारा जुड़े हुए सभी क्लाइंट Computer’s को Unique IP दिया dhcp settings
जाता है,dhcp settings how does dhcp work जिससे IP Conflict और IP Configuration से जुडी दूसरी समस्याओं से बचा जा
सकता है।
समय की काफी बचत :- Administrator को सभी Computer’s पर जाकर Manually IP Settings डालने और Note करने की Activity नहीं करनी पड़ती है, जिससे समय की काफी बचत हो जाती है।
Centralized IP Management :- क्योंकि IP Configuration की सारि जानकारी DHCP सर्वर द्वारा दी जाती है,जिसमे अलग अलग Clients के अनुसार IP Configuration दी जा सकती है,और सारा डाटा DHCP डाटा स्टोर में सुरक्षित रहता है,तो यह एक Centralized IP Management है।
DHCP की इन सभी सुविधाओं से हम कह सकते हैं की इसके Implementation के द्वारा एक नेटवर्क का Administration,यानि उसका ध्यान कम रखना पड़ता है .
तो उम्मीद है दोस्तों आप को जानकारी हो DHCP full form गयी होगी की DHCP Kya Hai,यदि आपको दी गयी DHCP full form जानकारी अच्छी लगी DHCP full form तो इसे दूसरों के साथ भी शेयर करें धन्यवाद।