ई-मार्केटिंग क्या हैं? (What is E-Marketing?)

ई-मार्केटिंग (इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग) को इंटरनेट मार्केटिंग, वेब मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग या ऑनलाइन मार्केटिंग के रूप में भी जाना जाता है। ई-मार्केटिंग इंटरनेट का उपयोग करके किसी उत्पाद या सेवा के मार्केटिंग की प्रक्रिया है। E marketing में न केवल इंटरनेट पर मार्केटिंग शामिल है, बल्कि इसमें ई-मेल और वायरलेस मीडिया के माध्यम से मार्केटिंग भी शामिल है। यह व्यवसायों को उनके ग्राहकों से जोड़ने में मदद करने के लिए कई तकनीकों का उपयोग करता है।

 

 

 

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ई-मार्केटिंग एक प्रकार की मार्केटिंग है जो आधुनिक तकनीक जैसे इंटरनेट और मोबाइल के माध्यम से पूरी होती है। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि के परिणामस्वरूप ई-मार्केटिंग का महत्व बढ़ गया है। 2013 के अंत में, अरब देशों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 135.6 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक पहुँच गई है। किसी उत्पाद की जानकारी या खोज करने के लिए इंटरनेट सबसे लोकप्रिय तरीका बन गया है। ई-मार्केटिंग के कई तरीके हैं, और ई-मार्केटिंग के सभी प्रकारों और तरीकों को जानना बेहतर है, सही तरीके का चयन करें जो आपके मार्केटिंग अभियान में सफलता प्राप्त करें।

e marketing

 

 

 

ई-मार्केटिंग के प्रकार (Types of e-marketing)

ई मेल मार्केटिंग (E-mail marketing)

ई-मेल के माध्यम से मार्केटिंग ई-मार्केटिंग के पहले तरीकों में से एक है। किसी भी कंपनी द्वारा अपने उत्पादों को ई-मेल के द्वारा पहुंचाना ई-मेल मार्केटिंग है। ईमेल मार्केटिंग हर प्रकार से हर कंपनी के लिये आवश्यक है क्योकी कोई भी कंपनी नये प्रस्ताव और छूट ग्राहको के लिये समयानुसार देती हैं जिसके लिए ईमेल मार्केटिंग एक सुगम रास्ता है।

सर्च इंजन औप्टीमाइज़ेषन या SEO

यह एक ऐसा तकनीकी माध्यम है जो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन के परिणाम पर सबसे ऊपर जगह दिलाता है जिससे दर्शकों की संख्या में बड़ोतरी होती है। इसके लिए हमें अपनी वेबसाइट को कीवर्ड और SEO guidelines के अनुसार बनाना होता है।

सोशल मीडिया (Social Media)

सोशल मीडिया कई वेबसाइट से मिलकर बना है – जैसे Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn, आदि । सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति अपने विचार हजारों लोगों के सामने रख सकता है। जब हम ये साइट देखते हैं तो इस पर कुछ-कुछ अन्तराल पर हमे विज्ञापन दिखते हैं यह विज्ञापन के लिये कारगार व असरदार जरिया है।

यूट्यूब चेनल (YouTube Channel)

यूट्यूब सोशल मीडिया का ऐसा माध्यम है जिसमे उत्पादक अपने उत्पादों को लोगों के समक्ष प्रत्यक्ष रुप से पहुंचा सकता है। लोग इस पर अपनी प्रतिक्रया भी व्यक्त कर सकते हैं। यह वो माध्यम है जहां बहुत से लोगो की भीड़ रह्ती है या यूं कह लिजिये की बड़ी संख्या में users/viewers यूट्यूब पर रह्ते हैं।  ये अपने उत्पाद को लोगों के समक्ष वीडियो बना कर दिखाने का सुलभ व लोकप्रिय माध्यम है।

अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing)

वेबसाइट, ब्लॉग या लिंक के माध्यम से उत्पादनों के विज्ञापन करने से जो मेहनताना मिलता है, इसे ही अफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता है। इसके अन्तर्गत आप अपना लिंक बनाते हैं और अपना उत्पाद उस लिंक पर डालते है । जब ग्राहक उस लिंक को दबाकर आपका उत्पाद खरीदता है तो आपको उस पर मेहन्ताना मिलता है।

एप्स मार्केटिंग (Apps Marketing)

इंटरनेट पर अलग-अलग ऐप्स बनाकर लोगों तक पहुंचाने और उस पर अपने उत्पाद का प्रचार करने को ऐप्स मार्केटिंग कहते हैं । यह डिजिटल मार्केटिंग का बहुत ही उत्तम रस्ता है। आजकल बड़ी संख्या में लोग स्मार्ट फ़ोन का उपयोग कर रहे हैं । बड़ी-बड़ी कंपनी अपने एप्स बनाती हैं और एप्स को लोगों तक पहुंचाती है।

ई-मार्केटिंग के फायदे (Advantages of E Marketing)

E marketing के कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं:

  • वेब ट्रैकिंग क्षमताओं के माध्यम से आसान निगरानी इमर्जिंग को अत्यधिक प्रभावशाली बनाने में मदद करती है
  • ई-मार्केटिंग का उपयोग करके, वायरल कंटेंट बनाया जा सकता है, जो वायरल मार्केटिंग में मदद करता है।
  • इंटरनेट अपने उपयोगकर्ताओं को 24 घंटे और “24/7” सेवा प्रदान करता है। तो आप दुनिया भर में ग्राहकों के संबंधों का निर्माण और निर्माण कर सकते हैं, और आपका ग्राहक किसी भी समय उत्पाद की खरीदारी या ऑर्डर कर सकता है।
  • इंटरनेट पर अपने संदेश को फैलाने की लागत कुछ भी नहीं है। कई सोशल मीडिया साइट जैसे फेसबुक, लिंक्डिन और गूगल प्लस आपको अपने व्यवसाय को स्वतंत्र रूप से विज्ञापन देने और बढ़ावा देने की अनुमति देते हैं।
  • आप ईमेल के माध्यम से अपने पंजीकृत ग्राहकों को आसानी से और तुरंत अपडेट कर सकते हैं।
  • यदि आप बिक्री कर रहे हैं, तो आपके ग्राहक अपना ईमेल खोलते ही रियायती कीमतों पर खरीदारी शुरू कर सकते हैं।
  • यदि किसी कंपनी के पास लॉ फर्म, अखबार या ऑनलाइन पत्रिका जैसी सूचना संवेदनशील व्यवसाय है, तो वह कंपनी कूरियर का उपयोग किए बिना भी अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकती है।

ई-मार्केटिंग से नुकसान (Disadvantages of E-Marketing)

  • यदि आप एक मजबूत ऑनलाइन विज्ञापन अभियान चाहते हैं तो आपको पैसे खर्च करने होंगे। वेब साइट डिजाइन, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, आपके व्यवसाय स्थल का रखरखाव, ऑनलाइन वितरण लागत और निवेश किए गए समय की लागत, सभी को आपकी सेवा या उत्पाद ऑनलाइन प्रदान करने की लागत में शामिल होना चाहिए।
  • ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, आपकी कंपनी को अधिकतम लोगों तक पहुंचने की आवश्यकता है।
  • कुछ लोग किसी भी उत्पाद को खरीदते समय लाइव इंटरैक्शन पसंद करते हैं। और अगर आपकी कंपनी का एक स्थान के साथ छोटा व्यवसाय है, तो यह ग्राहकों को खरीदने से रोक सकता है जो लंबी दूरी पर रहते हैं।

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