1

तुलसीदास के जन्म का नाम रामबोला था 5 साल की उम्र मे नरहरिदास ने गोसवामी तुलसीदास को गोद ले लिया था,  शुरुआती शिक्षा अयोधा मे शुरी हुई थी। Tulsidas ke Dohe उन्होंने 15-16 साल की उम्र मे संस्कृत व्याकरण, चार वेद, छह वेदांगा, ज्योतिष और हिंदू दर्शन के छह विद्यालयों का अध्ययन किया।  तुलसीदास की शादी भारद्वाज गोत्र के एक ब्राह्मण दीनबन्दू पाठक की बेटी रत्नावली से हुई थी जो की कौशंबी जिले के मावे गांव के थे।

 

 

 

You May Also Like!

 

तुलसीदास और रत्नावली का एक लड़का था जिसका नाम तारक था तुलसीदास के लड़के की मृत्यु, जन्म के कुछ दिन बाद ही हो गयी थी तुलसीदास ने इसके बाद अपनी बीवी को छोड़ दिया था और एक साधु बन गए थे तुलसीदास ने त्याग के बाद अपना आधे से ज्यादा जीवन वाराणसी, प्रयाग, अयोध्या और चित्रकूट में बिताया था तुलसीदास की मृत्यु वाराणसी मे गंगा नदी के आसी घाट पर 1623 ई० मे हुई थी।

 

तुलसीदास के दोहे और हिंदी अर्थ : TULSIDAS KE DOHE IN HINDI

दया धर्म का मूल है…… पाप मूल अभिमान

तुलसी दया न छोडिये….. जब तक घट में प्राण

 

 

 

 

हिंदी मे अर्थ : तुलसीदास के इस दोहे का अर्थ है की दया धर्म भावना से निकलती है लेकिन घमंड केवल पाप को जन्म देता है।  इसलिए जब तक हमारे शरीर में प्राण है तब तक हमे अपनी दया भावना नहीं छोडनी चाहिए।

तुलसी मीठे बचन ते….. सुख उपजत चहुँ ओर

बसीकरन इक मंत्र है….. परिहरू बचन कठोर

हिंदी मे अर्थ : तुलसीदास के इस दोहे का अर्थ है की मीठे बोल बोलने से सभी तरफ खुशिया फेल जाती है।  और मीठी वाणी से हम हर किसी को अपने बस मे कर सकते है इसलिए हमे कडवी वाणी को त्याग कर मीठी वाणी बोलनी चाहिए।

सचिव बैद गुरु तीनि जौं….. प्रिय बोलहिं भय आस

राज धर्म तन तीनि….. कर होइ बेगिहीं नास

 

 

 

 

 

हिंदी मे अर्थ : इस दोहे में कवि के कहने का तात्पर्य हैं की अगर मंत्री, वैद और गुरु जब ये तीनो किसी लालच में मीठा बोलते हैं मतलब किसी लोभ में प्रिय बोल बोलते हैं। तब जल्द है राज्य, शरीर और धर्म का नाश हो जाता हैं।

मुखिया मुखु सो चाहिऐ….. खान पान कहुँ एक

पालइ पोषइ सकल….. अंग तुलसी सहित विवेक

हिंदी मे अर्थ : तुलसीदास के दोहे का अर्थ है कि हमारे लीडर को मुख के जैसा होना चाहिए जो की सब कुछ खाता-पीता तो अकेला है लेकिन पालन पोषण सभी अंगो का अच्छी तरह करता है।

तुलसी साथी विपत्ति….. के विद्या विनय विवेक

साहस सुकृति सुसत्यव्रत….. राम भरोसे एक

 

 

 

 

 

Hindi मे अर्थ : इस दोहे का अर्थ है कि हमारी बुद्धि, अच्छा व्यवहार, विवेक, अन्दर का साहस, अच्छे काम, हमारा सच और भगवान का नाम ये सब हमारा बुरे वक़्त मे हमेशा साथ देती है।

तुलसी भरोसे राम के…. निर्भय हो के सोए

अनहोनी होनी नही….. होनी हो सो होए

हिंदी मे अर्थ : तुलसीदास के इस दोहे का अर्थ है कि हमे भगवान का भरोसा कर बिना डर के सोना चाहिए कुछ भी बुरा नहीं होगा।  अगर कुछ गलत होना ही होगा तो वो होकर ही रहेगा इसलिए हम सभी बिना डर के मस्त जीना चाहिए।

नामु राम को कलपतरु….. कलि कल्यान निवासु

जो सिमरत भयो भाँग….. ते तुलसी तुलसीदास

 

 

 

 

 

Hindi मे अर्थ : तुलसीदास के इस दोहे का अर्थ है कि राम का नाम कलपतरु मतलब आपकी हर कामना को पूरा करने वाला और कल्याण का निवास है। जिसका समरण करने से भांग के जैसा तुलसीदास भी तुलसी जैसा पवित्र हो गया।

तुलसी नर का क्या बड़ा…. समय बड़ा बलवान

भीलां लूटी गोपियाँ…. वही अर्जुन वही बाण

हिंदी मे अर्थ : इसके हिंदी में मायने है कि मनुष्य कोई बड़ा या छोटा नहीं होता बल्कि उसका समय ही उसको बड़ा और बलवान बनाती है।  जैसे एक समय महान धनुर्धर अर्जुन भी भीलो के हाथो लुट गया था और उस समय भीलो से गोपियों को भी नहीं बचा सका था।

सरनागत कहुँ जे तजहिं….. निज अनहित अनुमानि

ते नर पावँर पापमय….. तिन्हहि बिलोकति हानि

 

 

 

 

हिंदी मे अर्थ : इस दोहे का मतलब हैं Tulsidas ke Dohe in hindi with meaning कि जो मनुष्य नुकसान को देखकर लगाकर Tulsidas ke Dohe in hindi with meaning अपने घर आए शरणार्थी को मना कर देते है Tulsidas ke Dohe in hindi with meaning वो बहुत ही नीच और पापी होते है ऐसे लोगो से हमे हमेशा दूरी बना कर रखनी चाहिए।

आवत ही हरषै….. नहीं नैनन नहीं सनेह

तुलसी तहां न जाइये….. कंचन बरसे मेह

हिंदी मे अर्थ : इस दोहे का अर्थ है कि जिस जगह लोग हमारे जाने से कभी खुश नहीं होते और उनकी आँखों मे हमारे लिए प्रेम ना हो वहां हमे कभी भी नहीं जाना चाहिए चाहें वहां धन की बारिश ही क्यों न हो रही हो।

सूर समर करनी करहिं….. कहि न जनावहिं आपु

बिद्यमान रन पाइ रिपु….. कायर कथहिं प्रतापु

 

 

 

 

 

हिंदी मे अर्थ : तुलसीदास के इस दोहे का अर्थ है निडर व्यक्ति अपनी वीरता युद्ध मे दुश्मनों के साथ लड़कर दिखाते है।  और कायर व्यक्ति लड़कर नहीं बल्कि अपनी बातो से ही वीरता दिखाते है।

काम क्रोध मद लोभ की….. जौ लौं मन में खान

तौ लौं पण्डित मूरखौं…… तुलसी एक समान

हिंदी मे अर्थ : इसमें तुलसीदास कहता Tulsidas ke Dohe in Hindi  कि जब तक ज्ञानी व्यक्ति के मन मे काम, क्रोध, घमंड और लालच आ जाना हैं। ऐसे में उस  ज्ञानी व्यक्ति और मुर्ख व्यक्ति के बीच कोई अंतर नहीं होता दोनों एक सामान होते है।

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here