इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख नजदीक आ गई है। washington state income tax फाइनैंशल इयर 2016-17 (असेसमेंट इयर 2017-18) के लिए 31 जुलाई तक आप रिटर्न फाइल कर सकते हैं। कुछ बदलावों की वजह से इस बार आईटीआर कुछ हटकर है। आईटीआर से जुड़ीं जानकारियां और ऑनलाइन रिटर्न भरने का तरीका बता रहे हैं नोटबंदी और इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म में कुछ बदलावों की वजह से इस साल रिटर्न आईटीआर फाइल करने में सावधानी बरतने की जरूरत है। फिर सभी बैंक अकाउंट के पैन और आधार से जुड़ना अनिवार्य कर दिए जाने की वजह से भी आईटीआर फाइल करना दूसरे बरसों की तुलना में थोड़ा अलग है। इस बार आईटीआर फाइल करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आपकी आमदनी छिपी हुई बिल्कुल न हो। ऐसे में आपका एक भी गलत दावा आपको परेशानी में डाल सकता है।

 

 

 

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किसे भरना है रिटर्न और किसे नहीं 
फाइनैंशल इयर 2016-17 के स्लैब के हिसाब से छूट washington state income tax की सीमा 60 साल से कम के पुरुषों और महिलाओं के लिए 2.5 लाख रुपये है। 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये है और 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के सुपर सीनियर सिटिजन के लिए 5 लाख तक की आमदनी टैक्स-फ्री है।

साल भर में हुई कुल इनकम में से HRA, मेडिकल और कन्वेंस आदि Exemption घटाने के बाद जो रकम बचती है, उसके हिसाब से रिटर्न भरने या न भरने का फैस्ला होता है। यह 80C आदि Deduction घटाने से पहले की रकम है।

अगर चैप्टर VIA के इन्वेस्टमेंट और ब्याज की छूट लेने से पहले आपकी इनकम इस सीमा से ज्यादा है तो आपको रिटर्न भरना होगा। मतलब यह है washington state income tax कि इनवेस्टमेंट पर मिलने वाली छूट के बाद अगर टैक्सेबल इनकम इस लिमिट से कम हो रही है तो भी रिटर्न भरना होगा। मान लें, आपकी ग्रॉस इनकम 3 लाख रुपये है washington state income tax और उम्र 60 साल से कम है। आपने 80 सी में पीपीएफ और इंश्योरेंस पॉलिसी में 60 हजार रुपये इनवेस्ट कर दिए। इससे आपकी टैक्सेबल इनकम हो गई 2 लाख 40 हजार रुपये। अब यह 2.5 लाख की एग्जम्प्शन लिमिट से कम है, लेकिन रिटर्न भरना होगा क्योंकि डिडक्शन से पहले की इनकम तीन लाख है।

 

 

 

 

 

 

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कुछ ऐसे खास बदलाव जो फाइनैंशल इयर 2016-17 पर लागू हुए हैं
1. ITR1 (सहज) से सभी सैलरी वाले अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं, जिनकी इनकम सालाना 50 लाख रुपये तक है। ITR 2 से वैसे सैलरी washington state income tax वाले अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख से ज्यादा है।

2. आईटीआर फॉर्म में इस बार एक स्पेशल कॉलम दिया गया है जिसमें आपको नोटबंदी के दौरान (8 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच) अपने अकाउंट में  washington state income tax जमा किए गए 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा के रकम का विवरण देना होगा। इसके लिए आपको अपना अकाउंट नंबर, बैंक का IFSC कोड और जितनी रकम जमा कराई है, उसका विवरण देना होगा।

 

 

 

 

 

3. आपको अपना 12 डिजिट का आधार नंबर भी अपने पैन से लिंक करना अनिवार्य है।

4. अब ITR1 से संपत्ति व दायित्व का कॉलम हटा लिया गया है। अभी तक ITR1 में ही लोग अपनी संपत्ति और दायित्व का विवरण देते थे, लेकिन इस बार 50 लाख रुपये तक की आमदनी वाले ही ITR1 भरेंगे इसलिए इस कॉलम को हटाकर ITR2 में डाला गया है जो 50 लाख से ज्यादा इनकम वाले लोगों के लिए है।

5. इस बार फॉर्म की संख्या भी कम कर दी गई है। पहले 9 तरह के फॉर्म थे, इस बार सिर्फ 7 फॉर्म रह गए हैं।

रिटर्न भरने की आखिरी तारीख
31 जुलाई 2017 – सैलरीड लोगों के लिए रिटर्न भरने की आखिरी तारीख। बिजनस वाले, प्रफेशनलों के लिए भी यही लास्ट डेट है, बशर्ते आमदनी की ऑडिटिंग न कराते हों। बिजनस में ऑडिटिंग की जरूरत उन्हें है, जिनकी टैक्सेबल इनकम 1 करोड़ से ज्यादा होती है।

30 सितंबर 2017 – उन लोगों, फर्मों और कंपनियों के लिए है आखिरी तारीख, जिनके लिए अपनी सालाना आमदनी की ऑडिटिंग कराना जरूरी होता है।

31 मार्च 2018 – अगर आपका टीडीएस आपकी कंपनी ने काट लिया है और आप पर टैक्स की कोई देनदारी नहीं बनती, तो आप 31 मार्च 2018 तक washington state income tax भी बिना किसी पेनल्टी के इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं।

किसके लिए कौन-सा फॉर्म
सबसे पहले यह तय कीजिए कि आमदनी के सोर्स के आधार पर कौन-सा आईटीआर फॉर्म आपके लिए मुफीद है। इस साल इसके लिए 7 तरह के फॉर्म जारी किए गए हैं।

आईटीआर फॉर्म नंबर 1 से लेकर फॉर्म नंबर 4 washington state income tax तक इंडिविजुअल के लिए है:

 

 

 

 

 

 

ITR 1 (SAHAJ)
यह ऐसे इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए है, जिन्हें नीचे दिए तरीकों से आमदनी होती है:

सैलरी या पेंशन या मकान के किराए से 50 लाख रुपये तक की कमाई। कमर्शल प्रॉपर्टी के किराए से अगर कमाई हो रही है तो भी यही फॉर्म है। जिन लोगों को सैलरी या पेंशन से इनकम होती है और उनके पास एक घर है या कोई घर नहीं है, वे भी इसे भरेंगे।

इस फॉर्म का इस्तेमाल न करें अगर…
आपकी आमदनी एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से होती हो
विदेश से कोई इनकम हो या कोई फॉरेन असेट हो
किसी सोर्स से कैपिटल गेंस हुआ हो
खेती से आय 5000 रुपये सालाना से ज्यादा हो
किसी बिजनस या प्रफेशन से आमदनी होती हो
इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज में लॉस दिखाना हो
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ITR 2
ऐसे टैक्सपेयर्स और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के लिए, जिन्हें इन तरीकों से आमदनी होती है :

सैलरी या पेंशन से 50 लाख रुपये से washington state income tax ज्यादा की आमदनी
एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी
किसी सोर्स से कैपिटल गेंस हुआ हो।
दूसरे सोर्स से आमदनी, लॉटरी समेत
किसी फर्म में पार्टनरशिप से आमदनी हो
एग्रीकल्चरल इनकम सालाना 5000 रुपये से ज्यादा हो

 

 

 

 

 

 

इस फॉर्म का इस्तेमाल न करें अगर…
बिजनस या प्रफेशन से आमदनी
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ITR 3
फर्म के ऐसे पार्टनर्स के लिए, जिन्हें washington state income tax नीचे दिए तरीकों से आमदनी होती है:
सैलरी या पेंशन
एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी
कैपिटल गेंस, किसी इन्वेस्टमेंट की बिक्री से
दूसरे सोर्स से, जिसमें लॉटरी भी शामिल है।
पार्टनरशिप फर्म का प्रॉफिट

इस फॉर्म का इस्तेमाल न करें अगर…
आपके पास सोल प्रॉपराइटरशिप फर्म से इनकम है।
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ITR 4
ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए, washington state income tax जिन्हें नीचे दिए तरीकों से आमदनी होती है:
प्रिजम्प्टिव इनकम स्कीम washington state income tax के तहत आने वाले बिजनस से
एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी हो

 

 

 

 

 

ITR फॉर्म 5 से लेकर 7 तक नॉन-इंडिविजुअल के लिए हैं।
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डिडक्शंस की लिस्ट
80C, 80CCC और 80CCD में इन आइटम्स में छूट मिलती है। इसकी सीमा फाइनैंशल इयर 2016-17 के लिए 1.5 लाख रुपये तक है।

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (EPF), बैंक एफडी
दो बच्चों की ट्यूशन फीस
सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम
होम लोन के रीपेमेंट में प्रिंसिपल अमाउंट के तौर पर दी जाने वाली रकम
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए प्रीमियम जो आप चुकाते हैं।
नैशनल सेविंग्स स्कीम (NSC)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS
सुकन्या समृद्धि योजना में किया गया इन्वेस्टमेंट
नैशनल पेंशन स्कीम (NPS) में अधिकतम 50 हजार रुपये
स्टांप ड्यूटी, प्रधानमंत्री सहायता कोष में दिया गया दान (80G) में
राजनीतिक दलों को दिया गया चंदा 80GGC में

 

 

 

 

 

 

1.5 लाख के अलावा
इन आइटमों में भी छूट मिलती है, जो 1.5 लाख की सीमा से अलग है:

80D : हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का washington state income tax प्रीमियम 60 साल की उम्र तक ₹25000 रुपये, लेकिन 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं तो 30 हजार रुपये तक।
24B : होम लोन के रीपेमेंट में ब्याज की रकम पर। इसकी सीमा 2 लाख रुपये है।
80E : हायर स्टडीज के लिए लिए गए एजुकेशन लोन के रीपेमेंट में ब्याज की रकम पर। कोई सीमा नहीं।

रिटर्न भरने की तैयारी
आमतौर पर हमलोग रिटर्न भरने को बड़ा टास्क मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप कुछ शुरुआती तैयारियों के बारे में जान लें तो काम आसान हो जाएगा। रिटर्न फाइल करने में आपको इनसे मदद मिल जाएगी। रिटर्न भरने से पहले नीचे दिए गए कागजात आप अपने पास रखें। याद रखें कि रिटर्न फाइल करने के समय आपसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कोई कागज नहीं चाहिए।

 

 

 

 

 

 

फॉर्म 16
जो सैलरीड हैं, यह फॉर्म अब तक उनके एम्प्लॉयर ने उन्हें दे दिया होगा। आपकी सैलरी से जो टीडीएस पिछले फाइनैंशल इयर में काटा गया होगा, वह इसमें दर्ज होगा।

TDS सर्टिफिकेट
अगर सैलरी के अलावा किसी दूसरे स्रोतों से भी आपको आमदनी हुई हो और उस पर टीडीएस कट चुका हो तो उस संस्था से भी टीडीएस सर्टिफिकेट ले लें। रेंटल इनकम, शेयर, एफडी वगैरह से होने वाली इनकम के मामले में टीडीएस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है।

फॉर्म 26AS
फॉर्म 26 एएस से आप यह पता लगा सकते हैं कि कंपनी या बैंक ने आपका जो टीडीएस काटा है, उसे सरकार के पास जमा भी कराया है या नहीं। इससे यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आपका काटा गया टीडीएस इनकम टैक्स विभाग के पास पहुंच गया है। इस टीडीएस का ब्योरा आप दो तरह से देख सकते हैं।

 

 

 

 

 

अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न की साइट incometaxindiaefiling.gov.in पर रजिस्टर्ड हैं तो इस वेबसाइट पर जाकर लेफ्ट साइड में View Form 26AS पर क्लिक करें। अगर बैंक पिछले फाइनैंशल आपका टीडीएस काट चुका है और आप नेट बैंकिंग इस्तेमाल करते हैं तो बैंक की वेबसाइट पर जाकर View Your Tax Credit पर क्लिक करके फॉर्म 26 एएस देख सकते हैं। यहां आपको उस बैंक में की गई एफडी आदि से जुड़ी जानकारी भी मिल जाएगी।

बैंक स्टेटमेंट्स
सभी सेविंग्स अकाउंट्स की साल भर (1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक) की स्टेटमेंट ले लें। इसकी मदद से आपको यह पता चलेगा कि इस फाइनैंशल इयर में बैंक ब्याज के तौर पर आपको कितनी आमदनी हुई। ब्याज की इस आमदनी को आपको रिटर्न में दिखाना होगा।

 

 

 

 

 

 

दूसरे जरूरी दस्तावेज
पैन नंबर और बैंक की डिटेल्स आपके पास होनी चाहिए। बैंक का IFSC नंबर रिटर्न में भरा जाता है। इसी से रिफंड का पैसा आपके अकाउंट में आता है।
आपको आधार नंबर की भी जरूरत होगी। अगर आपने आधार कार्ड नहीं बनवाया है तो जल्दी से बनवा लें।
नोटबंदी के दौरान यदि आपने अपने किसी खाते में 2 लाख या इससे ज्यादा रकम जमा कराया है तो आपको वह अकाउंट नंबर और जमा रकम का विवरण भी देना होगा। ये डिटेल्स भी अपने पास रखें।

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जानें कुछ बेसि क टर्म्स

फाइनैंशल इयर
1 अप्रैल से 31 मार्च तक के समय को फाइनैंशल इयर कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक के समय को फाइनैंशल इयर 2016-17 कहा जाएगा। अभी हम जो रिटर्न भर रहे हैं, वह फाइनैंशल इयर 2016-17 के लिए है।

असेसमेंट इयर
असेसमेंट इयर फाइनैंशल इयर से आगे वाला साल होता है यानी जिस साल उस फाइनैंशल इयर के टैक्स संबंधी मामलों का असेसमेंट किया जाता है। मसलन फाइनैंशल इयर 2016-17 के लिए असेसमेंट इयर 2017-18 होगा।

 

 

 

 

 

 

डिडक्शंस
विभिन्न तरह की इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स विभाग की ओर से आपको टैक्स में छूट मिलती है। ये कई तरह के आइटम होते हैं, जहां इन्वेस्टमेंट करके टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है। मसलन सेक्शन 80सी से सेक्शन 80यू तक जो भी आइटम हैं, उन्हें डिडक्शन के तहत माना जाता है।

ग्रॉस इनकम
टैक्स-फ्री आमदनी और अलाउंसेस को छोड़कर आपकी साल की कुल आमदनी जो भी है, उसे ग्रॉस इनकम कहा जाता है। ग्रॉस इनकम हमेशा 80 सी से 80 यू तक मिलने वाले डिडक्शन से पहले वाली इनकम होती है।

टैक्सेबल इनकम
ग्रॉस इनकम में से 80 सी से 80 यू तक मिलने वाले डिडक्शन क्लेम कर लेने के बाद जो इनकम आती है, उसे टैक्सेबल इनकम कहते हैं, यानी डिडक्शन से पहले वाली इनकम ग्रॉस इनकम और डिडक्शन के बाद वाली इनकम को टैक्सेबल इनकम कहते हैं।

 

 

 

 

 

 

टीडीएस
आपकी जो भी आमदनी होती है, सरकार उस पर टैक्स काटती है। इसे टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स कहा जाता है। जो संस्था आपको पेमेंट कर रही है, वही टैक्स की इस रकम को काटकर बाकी रकम आपको पे करती है। मसलन आपकी कंपनी आपको जो सैलरी देती है, वह उस पर बनने वाले टैक्स को काटकर बाकी रकम आपके खाते में ट्रांसफर करती है। टीडीएस काटने का काम एंम्प्लॉयर या पेमेंट करने वाली संस्था का है। इसे काटना या जमा करना लेने वाले की जिम्मेदारी नहीं है। आमतौर पर जब कोई संस्था किसी काम के बदले आपको भुगतान करती है, तो वह 10 फीसदी की दर से टीडीएस काटती है।

सीनियर सिटिजन
जिन लोगों की उम्र 31 मार्च 2017 को 60 साल या उससे ज्यादा थी, उन्हें सीनियर सिटिजन माना जाएगा। सुपर सीनियर सिटिजन इसी तरह जिन लोगों की उम्र 31 मार्च 2017 को 80 साल से ज्यादा थी, वे सुपर सीनियर सिटिजंस होंगे। आप जिस फाइनैंशल इयर का रिटर्न भर रहे हैं, उसके अंतिम दिन 31 मार्च को उम्र की गिनती की जाती है।

इनकम टैक्स रिफंड
अगर किसी टैक्सपेयर ने सरकार को ज्यादा टैक्स दे दिया है, तो वह उस रकम को सरकार से वापस ले सकता है। इस वापस आई रकम को ही रिफंड कहा जाता है। टैक्स रिटर्न भरकर आप इस एक्स्ट्रा रकम को इनकम टैक्स विभाग से क्लेम करते हैं। इसके बाद रिफंड की यह रकम आपको इनकम टैक्स विभाग की ओर से आपके अकाउंट में भेज दी जाती है।

 

 

 

 

 

फॉर्म 16A
अगर सैलरी के साथ-साथ दूसरे जरियों से भी आपको आमदनी हुई हो और उस पर टीडीएस कट चुका हो तो उस संस्था से भी टीडीएस सर्टिफिकेट ले लें। इस सर्टिफिकेट को ही फॉर्म 16ए कहा जाता है। यहां हम रेंटल इनकम, शेयर, एफडी वगैरह से होने वाली इनकम की बात कर रहे हैं। एफडी के मामले में आपका बैंक आपको यह सर्टिफिकेट देगा।

फॉर्म 16
अगर आप कहीं नौकरी करते हैं तो आपका एम्प्लॉयर आपको एक फॉर्म 16 देता है। यह फॉर्म अब तक आपके एम्प्लॉयर ने आपको दे दिया होगा। यह इस बात को साबित करता है कि एम्प्लॉयर ने आपकी सैलरी से अगर टैक्स बनता है, तो टीडीएस काटा है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक हर एम्प्लॉयर के लिए जरूरी है कि वह फॉर्म 16 अपने कर्मचारियों को दे। अगर आपका एम्प्लॉयर आपको यह फॉर्म नहीं दे रहा है तो आप इसकी रिक्वेस्ट उसे रजिस्टर्ड डाक से भेजें और इसका सबूत अपने पास रखें। इनकम टैक्स विभाग के पूछताछ करने पर यह सबूत दिखाया जा सकता है।

फॉर्म 26AS
फॉर्म 26एएस एक कंसॉलिडेटेड टैक्स स्टेटमेंट है। इसमें खासतौर से तीन तरह के ब्योरे होते हैं। पहला टीडीएस का ब्योरा, दूसरा टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स का ब्योरा और तीसरा टैक्सपेयर द्वारा बैंक में जमा कराया गया एडवांस टैक्स/सेल्फ असेसमेंट टैक्स का ब्योरा। फॉर्म 26 एएस से आप यह पता लगा सकते हैं कि कंपनी या बैंक ने आपका जो टीडीएस काटा है, उसे सरकार के पास जमा कराया भी है या नहीं।

आसान है इनकम टैक्स रिर्टन भरना
इनकम टैक्स रिटर्न भरना आसान है। अगर आप खुद नहीं भर सकते तो प्रफेशनल्स की मदद ले सकते हैं। आइए जानते हैं रिटर्न भरने के बारे में:

रिटर्न आप दो तरह से भर सकते हैं – मैन्युअली और ऑनलाइन। यहां आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर आपकी आमदनी 5 लाख रुपये तक सालाना है और वह भी सैलरी से, तभी आप मैन्युअली रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो आपको रिटर्न ऑनलाइन ही फाइल करना होगा।

 

 

 

 

 

मैन्युअली रिटर्न फाइल
मैन्युअली रिटर्न भरने के लिए फॉर्म किसी स्टेशनरी की दुकान से ले सकते हैं या फिर साइट www.incometaxindia.gov.in से डाउनलोड कर लें। अब सवाल यह कि रिटर्न फाइल करेगा कौन? रिटर्न आप खुद भी फाइल कर सकते हैं। सैलरीड क्लास के लिए जरूरी आईटीआर1 फॉर्म भरना आसान ही है। हालांकि दूसरे फॉर्म भी आसान ही हैं, बावजूद इसके अगर आपको लगता है कि आप खुद से फाइल नहीं कर सकते तो आप किसी सीए, इनकम टैक्स के वकील या इनकम टैक्स विभाग के Tax Return Preparer (TRP) को फीस देकर भी रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

आप इनकम टैक्स विभाग में जाकर ऑफलाइन रिटर्न जमा कर सकते हैं या करवा सकते हैं। हालांकि अब लोग ऑनलाइन ही रिटर्न फाइल करना पसंद करते हैं क्योंकि यह बेहद आसान है और समय की भी काफी बचत करता है। आप भी ऐसा कर सकते हैं।

जमा कहां करें
सैलरीड क्लास (जिनकी आमदनी 5 लाख रुपये तक है) के जो लोग ऑफलाइन रिटर्न भर रहे हैं, वे अपने शहर में असेसमेंट ऑफिसर के पास रिटर्न जमा करा सकते हैं। असेसमेंट ऑफिसर के बारे में जानने के लिए incometaxindiaefiling.gov.in/ पर जाएं और वहां ऊपर मौजूद Accessibility Options पर क्लिक करें। यहां Services में जाकर Know Your Jurisdiction AO पर क्लिक करें। नई विंडो में आपसे पैन और मोबाइल नंबर मांगा जाएगा। जानकारी देकर Submit पर क्लिक करें। अपने वॉर्ड से संबंधित पूरी जानकारी आपके सामने होगी। अगर आपने पिछले एक साल में नौकरी बदली है तो संभव है कि नए एम्प्लॉयर के हिसाब से आपका वॉर्ड बदल जाए। वेबसाइट से यह पता लगाने में दिक्कत हो और नौकरी न बदली हो तो पिछले साल भरे गए रिटर्न की रसीद से भी आप अपना वॉर्ड पता लगा सकते हैं।

 

 

 

 

 

ऑॅनलाइन रिटर्न ऐसे फाइल करें
ऑनलाइन रिटर्न फाइल करना बेहद आसान है। इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि इससे रिफंड जल्दी आ जाता है। आजकल ऐसी तमाम साइट्स हैं जो ई-रिटर्न भरना आपके लिए आसान बना देती हैं, लेकिन इसके लिए आपसे पैसे भी चार्ज करती हैं। वैसे, अगर आप फ्री में ई-रिटर्न फाइल करना चाहते हैं तो इनकम टैक्स विभाग की साइट incometaxindiaefiling.gov.in से भर फाइल कर सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें :

साइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं। राइट साइड में Downloads के नीचे ITR Forms- AY 2017-18 मेन्यू में से जिस भी सोर्स से आपकी आमदनी है, उसके अनुसार अपना फॉर्म चुनें। यहां डाउनलोड के लिए दो ऑप्शन आपको मिलेंगे। आप जरूरी फॉर्म के सामने Excel Utility पर क्लिक करें। एक डायलॉग बॉक्स खुलेगा। उसमें Save File ऑप्शन क्लिक करें और फॉर्म को डेस्कटॉप पर सेव कर लें।

अब इस फॉर्म को ऑफलाइन ही भर लें। बीच-बीच में फॉर्म को वैलिडेट करते जाएं। इससे अगर कहीं कुछ गड़बड़ होगी तो पकड़ में आ जाएगी। फॉर्म भर लेने के बाद Generate XML पर क्लिक करके इसका एक्सएमएल वर्जन तैयार कर लें। अब आपका रिटर्न फॉर्म फाइल होने के लिए तैयार है।

अब इनकम टैक्स की साइट पर जाएं। अगर पहले से रजिस्टर्ड हैं तो अपना लॉगइन और पासवर्ड डालकर आगे बढें। अगर रजिस्टर्ड नहीं हैं तो रजिस्ट्रेशन कराएं और अकाउंट और पासवर्ड हासिल करें। इसके लिए incometaxefiling.gov.in पर जाएं। यहां राइट साइड पर New To e-Filing? के नीचे Register Youeself बटन पर क्लिक करें। यहां select User Type के नीचे दिए गए ऑप्शन में से अपने लिए सही टाइप चुनें मसलन इंडिविजुअल, एचयूएफ, कंपनी आदि में से कोई एक। इसे सिलेक्ट करने के बाद Continue पर क्लिक करें। एक नया पेज खुल जाएगा जहां आपसे पैन के साथ-साथ इंडिविजुअल या कंपनी का नाम आदि कुछ बेसिक सूचनाएं मांगकर आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।

 

 

 

 

 

 

इतना कुछ करने के बाद आपको यूजर आईडी और पासवर्ड मिल चुका होगा। आप फिर से incometaxefiling.gov.in पर जाएं और आईडी और पासवर्ड की मदद से लॉगइन करें। यहां पर e-file में जाकर Upload Return पर क्लिक कर दें। रिटर्न की एक्सएमएल फाइल ब्राउज करके उसे अपलोड कर दें। फाइल अपलोड हो जाने के बाद अकनॉलिजमेंट फॉर्म आएगा। अगर आपके पास डिजिटल साइन हैं, तो डिजिटल साइन दे दीजिए। रिटर्न का प्रॉसेस यहीं पूरा हो गया।

अगर आपके पास डिजिटल साइन नहीं हैं और न ही ई वेरिफिकेशन, तो इस अकनॉलिजमेंट फॉर्म का प्रिंट लेकर उस पर अपना साइन करें और 120 दिनों के अंदर इसे साधारण पोस्ट या स्पीड पोस्ट से इस पते पर भेज दें :
CPC
Post Bag No.1,
Electronic City Post Office,
Bengaluru- 560100
Karnataka

15-20 दिन में इनकम टैक्स विभाग की तरफ से इस बात का अकनॉलिजमेंट आपके पास ई-मेल और एसएमएस से आ जाएगा कि आपका रिटर्न भरने का काम सफलतापूर्वक पूरा हो गया। अगर इतने दिनों में रिटर्न का अकनॉलिजमेंट मेल न आए तो दोबारा अकनॉलिजमेंट भेज दें। फोन नंबर 080-43456700 पर कॉल कर भी आप इससे संबंधित पूछताछ कर सकते हैं। सीपीसी सेंटर के नंबर 1800 4250 0025 पर आप सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक ई फाइलिंग का स्टेटस जान सकते हैं। सीपीसी सेंटर के एक दूसरे नंबर 1800 425 2229 पर कॉल कर आप अपने रिफंड का स्टेटस जान सकते हैं।

– अगर आपने पिछली बार ऑनलाइन रिटर्न भरा था तो इस बार भी ऑनलाइन ही भरना होगा। ऐसा करना बहुत आसान है। आपको बस आमदनी के डिटेल्स भरने होंगे। बाकी सारे डिटेल्स खुद ब खुद आ जाएंगे।

 

 

 

 

 

TRP की मदद से ऐसे करें फाइल
इसके लिए आपको एक टीआरपी ढूंढना होगा। इसके लिए trpscheme.com पर जाएं। यहां ऊपर ही मौजूद Locate TRP पर क्लिक करें। आपको गूगल मैप दिखेगा और उसके नीचे कुछ सूचनाएं मांगी जाएंगी। यहां ऊपरी लाइन में मौजूद State, City और Pin Code भरें और Search पर क्लिक कर दें। क्लिक करते ही आपके सामने आपके क्षेत्र के टीआरपी के नाम, पते और फोन नंबर मिल जाएंगे। आप उनमें से किसी से भी संपर्क कर सकते हैं। समय-समय पर इनकम टैक्स विभाग टीआरपी के बारे में अखबारों में भी सूचना देता रहता है। टोल-फ्री नंबर 1800-10-23738 पर कॉल करके भी टीआरपी से संबंधित सूचनाएं हासिल की जा सकती हैं। यह लाइन सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है।

– टीआरपी फॉर्म 16 की मदद से रिटर्न भरेगा और जमा करेगा। रिटर्न जमा करने के बाद टीआरपी आपको उसकी रसीद देगा। रिटर्न भरने में कोई गड़बड़ी होती है तो इसके लिए टीआरपी जिम्मेदार होगा। याद रखें कि टीआरपी से उसका आईकार्ड जरूर मांगें और उसे डॉक्युमेंट्स की फोटोस्टेट कॉपी ही दें ऑरिजिनल नहीं।

– कोई भी टीआरपी देश में कहीं भी मौजूद आदमी का रिटर्न भर सकता है।

– टीआरपी इसके लिए मैक्सिमम 250 रुपये तक चार्ज कर सकता है।

 

 

 

 

 

ऑनलाइन रिटर्न फाइल का खर्च कितना :
अगर आप इनकम टैक्स की सरकारी साइट से भर रहे हैं तो कोई खर्च नहीं है। किसी प्राइवेट साइट से भरते हैं तो 100 से 750 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। पेड साइट्स की मदद से कुछ पैसे खर्च करके भी आप अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
Taxsmile.com
Myitreturn.com
Taxspanner.com
Cleartax.com

बचें 10 टॉप गलतियों से:

1. रिटर्न भरने में देरी
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी न करें और बेहतर यही रहेगा कि समय रहते रिटर्न फाइल कर दें। अगले साल से तो अगर रिटर्न समय पर फाइल नहीं करेंगे तो 5000 रुपये की पेनल्टी देनी होगी।

2. रिटर्न न फाइल करना
आमतौर पर लोग सोचते हैं कि अगर टैक्स की कोई देनदारी नहीं है, तो आईटी रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। आप भी यही सोचते हैं तो आप गलत हैं। रिटर्न भरने से आजादी सिर्फ उन लोगों को है, जिनकी सालाना ग्रॉस इनकम बेसिक एग्जेंप्शन लेवल से कम है।

 

 

 

 

 

 

3. आईटीआर फॉर्म गलत चुनना
आप देखें कि आपकी आय का जरिया क्या-क्या है। इनकम के अलग-अलग सोर्स के हिसाब से फॉर्म अलग-अलग हैं। किसे कौन-सा फॉर्म भरना है, इसके लिए बाकायदा नियम हैं। कई बार लोग गलत फॉर्म चुन लेते हैं। अपनी कैटिगरी के हिसाब से सही रिटर्न फॉर्म चुनें और उसे ही भरें। आपकी आमदनी यदि सिर्फ सैलरी से है तो ITR1 ही भरें, लेकिन यदि आमदनी का इसके अलावा भी कोई सोर्स है तो आपके लिए अलग फॉर्म होगा।

4. सोच-समझकर करें फॉर्म पर साइन 
अगर आप खुद से फॉर्म नहीं भर रहे हैं तो सावधान रहें। अक्सर आपका अकाउंटेंट साइन कराकर खाली रिटर्न फॉर्म पर रख लेता है और बाद में उस फॉर्म को भरकर जमा कर देता है। खाली फॉर्म पर साइन न करें। फॉर्म भरने में अकाउंटेंट से गलती हो गई तो आपको ही दिक्कत होगी। इसलिए भरे हुए रिटर्न फॉर्म को अच्छी तरह जांचने के बाद ही उस पर साइन करें।

5. ध्यान से भरें फॉर्म
रिटर्न फॉर्म में पैन, आईएफएस कोड, अकाउंट नंबर, एम्प्लॉयर का टैन जैसी कुछ फिगर्स ऐसी होती हैं, जिन्हें भरते वक्त गलती होने की आशंका रहती है। इन नंबरों को ध्यान से भरें। फर्ज करें कि आपने अपने पैन का एक डिजिट गलत भर दिया। ऐसी स्थिति में आपका रिटर्न रिजेक्ट हो जाएगा और इसके लिए इनकम टैक्स विभाग आपके ऊपर जुर्माना लगा सकता है।

6. ई-वेरिफिकेशन नहीं तो अकनॉलिजमेंट जरूरी
आप ई-फाइलिंग कर रहे हैं, लेकिन डिजिटल साइन व ई-वेरिफिकेशन का यूज नहीं कर रहे हैं, तो आपको रिटर्न का प्रिंट लेकर बेंगलुरु भेजना जरूरी है। अक्सर लोग अकनॉलिजमेंट भेजना भूल जाते हैं और रिटर्न रिजेक्ट हो जाता है। यह काम ऑनलाइन रिटर्न भरने के 4 महीने के भीतर कर लें। अकनॉलिजमेंट फॉर्म साधारण पोस्ट या स्पीड पोस्ट से ही भेजें।

7. फॉर्म 16 जरूर लें
अगर आपने फाइनैंशल इयर के दौरान नौकरी बदली है तो अपने दोनों एम्प्लॉयर से फॉर्म 16 जरूर ले लें। अपने पहले एम्प्लॉयर के साथ काम के दौरान की गई सेविंग्स और उससे हुई आमदनी अगर आपने अपने नए एम्प्लॉयर को नहीं बताई है तो हो सकता है कि वह कम टैक्स काटे। लेकिन याद रखिए कि यह चालाकी चलेगी नहीं। संभव है कि बाद में आपको कम काटा गया टैक्स ब्याज समेत भरना पड़ेगा। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 26 एएस से आपके रिटर्न को वेरिफाई कर सकता है। 26 एएस में आपके एडवांस टैक्स, मिले ब्याज, टीडीएस और आय के अन्य स्रोतों का विवरण रहता है।

8. बैंक ब्याज का जिक्र जरूरी
कई बार लोग फिक्स्ड डिपॉजिट regional income tax agency और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज का जिक्र अपने इनकम टैक्स regional income tax agency रिटर्न में नहीं करते हैं। उन्हें लगता है कि बैंक ने टीडीएस तो regional income tax agency काट ही लिया है इसलिए उस आमदनी को रिटर्न में दिखाने की regional income tax agency अब उन्हें कोई जरूरत नहीं। यह सोच पूरी तरह से गलत है। regional income tax agency आपको ब्याज का पूरा विवरण देना चाहिए। 80C में शामिल फिक्स्ड डिपॉजिट टैक्स सेविंग में मदद करता है, लेकिन इस पर मिले ब्याज पर टैक्स देना होता है। ऐसे में ब्याज को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते।

 

 

 

 

 

9. इनकम की क्लबिंग को नजरंदाज करना
कई लोग वाइफ और बच्चों के नाम से भी इन्वेस्टमेंट करते हैं। regional income tax agency आप अपनी वाइफ को कितनी भी रकम दे सकते हैं, regional income tax agency लेकिन गिफ्ट की गई रकम को आप इन्वेस्ट करते हैं regional income tax agency  तो सेक्शन 64 सामने आ जाता है। इसके मुताबिक, गिफ्ट regional income tax agency की गई रकम से कोई आमदनी होती है तो वह आपकी टैक्सेबल इनकम में जोड़ी जाएगी। इससे फर्क नहीं पड़ता कि पार्टनर को आमदनी होती है या नहीं।

10. नोटबंदी में जमा रकम की जानकारी
यदि आपने नोटबंदी में 2 लाख से ज्यादा डिपॉजिट किया regional income tax agency है regional income tax agency तो आपको अपने रिटर्न में regional income tax agency इसे जरूर दिखाना चाहिए। आप इसे किसी भी oregon income tax हाल में छिपा नहीं सकते। oregon income tax आपको यह पता होना चाहिए कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास नोटबंदी के दौरान दो लाख रुपये या इससे ज्यादा रकम बैंक में जमा करने वाले सभी लोग की सूची है। oregon income tax गलत सूचना देने की स्थिति में आप पर पेनल्टी लगाने के साथ-साथ मुकदमा भी चलाया जा सकता है।

पैन से ऐसे जोड़ें आधार को
जिनके पास पहले से आधार है, oregon income tax वे इस बार oregon income tax पैन से आधार को लिंक किए बिना रिटर्न जमा नहीं करा पाएंगे। जानते हैं कि कैसे जोड़ें इन दोनों को:

मोबाइल से
आधार नंबर और पैन कार्ड oregon income tax को SMS से मेसेज भेजकर भी लिंक oregon income tax किया जा सकता है। इसके लिए फोन से कैपिटल लेटर में UIDPAN लिखने के बाद स्पेस देकर आधार नंबर और एक स्पेस देकर फिर पैन नंबर लिखें और 567678 या 56161 पर भेज दें। यह मेसेज उसी मोबाइल नंबर से भेजना होगा जो मोबाइल नंबर आधार कार्ड के साथ रजिस्टर है। जानकारियां मैच करने पर पैन और आधार लिंक हो जाएंगे।

वेबसाइट से
1. incometaxindiaefiling.gov.in पर oregon income tax जाएं।
2. लेफ्ट साइड में Link Aadhaar नाम के oregon income tax लाल रंग के टैब पर क्लिक करें।
3. यहां पर आपको पैन नंबर, oregon income tax आधार नंबर और oregon income tax अपना नाम भर कर कैप्चा भर कर Link Aadhaar पर क्लिक करें।
4. अगर नाम में थोड़ा बहुत मिसमैच है oregon income tax तो पोर्टल की तरफ से ओटीपी आएगा और उसे भरने के बाद सेव करने पर आधार और पैन लिंक हो जाएगा।

 

 

 

 

 

ENGLISH

The income tax oregon income tax department has released the ITR filing software utility for all seven ITR forms for the FY 2017-18 (AY 2018-19). Out of these only ITR-1 and ITR-4, can be filed completely online without having to download any software utility in Excel or Java format.

ITR-1 can be filed by resident oregon income tax individuals only having income of up to Rs 50 lakh. oregon income tax The source of this income should be salary, one house property, and other sources such as interest income etc.

13 COMMENTS

  1. Hey, how’s it going?

    I want to pass along some very important news that everyone needs to hear!

    In December of 2017, Donald Trump made history by recognizing Jerusalem as the capital of Israel. Why is this big news? Because by this the Jewish people of Israel are now able to press forward in bringing about the Third Temple prophesied in the Bible.

    Jewish Rabbis have publicly announced that their Messiah will be revealed in the coming years who will be a leader and spiritual guide to all nations, gathering all religions under the worship of one God.

    Biblical prophecy tells us that this Jewish Messiah who will take the stage will be the antichrist “who opposes and exalts himself above all that is called God or that is worshiped, so that he sits as God in the temple of God, showing himself that he is God” (2 Thessalonians 2:4). For a time he will bring about a false peace, but “Therefore when you see the ‘abomination of desolation,’ spoken of by Daniel the prophet, standing in the holy place (Matthew 24:15)…then there will be great tribulation, such as has not been since the beginning of the world until this time, no, nor ever shall be” (Matthew 24:21).

    More importantly, the power that runs the world wants to put a RFID microchip in our body making us total slaves to them. This chip matches perfectly with the Mark of the Beast in the Bible, more specifically in Revelation 13:16-18:

    “He causes all, both small and great, rich and poor, free and slave, to receive a mark on their right hand or on their foreheads, and that no one may buy or sell except one who has the mark or the name of the beast, or the number of his name.

    Here is wisdom. Let him who has understanding calculate the number of the beast, for it is the number of a man: His number is 666.”

    Referring to the last days, this could only be speaking of a cashless society, which we have yet to see, but are heading towards. Otherwise, we could still buy or sell without the mark amongst others if physical money was still currency. This Mark couldn’t be spiritual because the word references two different physical locations. If it was spiritual it would just say in the forehead. RFID microchip implant technology will be the future of a one world cashless society containing digital currency. It will be implanted in the right-hand or the forehead, and we cannot buy or sell without it. Revelation 13:11-18 tells us that a false prophet will arise on the world scene doing miracles before men, deceiving them to receive this Mark. Do not be deceived! We must grow strong in Jesus. AT ALL COSTS, DO NOT TAKE IT!

    “Then a third angel followed them, saying with a loud voice, “If anyone worships the beast and his image, and receives his mark on his forehead or on his hand, he himself shall also drink of the wine of the wrath of God, which is poured out full strength into the cup of His indignation. He shall be tormented with fire and brimstone in the presence of the holy angels and in the presence of the Lamb. And the smoke of their torment ascends forever and ever; and they have no rest day or night, who worship the beast and his image, and whoever receives the mark of his name” (Revelation 14:9-11).

    People have been saying the end is coming for many years, but we needed two key things. One, the Third Temple, and two, the technology for a cashless society to fulfill the prophecy of the Mark of the Beast.

    Visit http://WWW.BIBLEFREEDOM.COM to see proof for these things and why the Bible truly is the word of God!

    If you haven’t already, it is time to seek God with all your heart. Jesus loves you more than you could imagine. He wants to have a relationship with you and redeem you from your sins. Turn to Him and repent while there is still hope! This is forever…God bless!

    “EITHER HUMAN INTELLIGENCE ULTIMATELY OWES ITS ORIGIN TO MINDLESS MATTER OR THERE IS A CREATOR…” – JOHN LENNOX

    We all know God exists. Why? Because without Him, we couldn’t prove anything at all. Do we live our lives as if we cannot know anything? No. So why is God necessary? In order to know anything for certain, you would have to know everything, or have revelation from somebody who does. Who is capable of knowing everything? God. So to know anything, you would have to be God, or know God.

    A worldview without God cannot account for the uniformity and intelligibility of nature. And why is it that we can even reason that God is the best explanation for this if there is no God? We are given reason to know or reject God, but never to know that He does not exist.

    It has been calculated by Roger Penrose that the odds of the initial conditions for the big bang to produce the universe that we see to be a number so big, that we could put a zero on every particle in the universe, and even that would not be enough to use every zero. What are the odds that God created the universe? Odds are no such thing. Who of you would gamble your life on one coin flip?

    Is there evidence that the Bible is the truth? Yes. Did you know that the creation accounts listed in the book of Genesis are not only all correct, but are also in the correct chronological order? That the Bible doesn’t say the Earth was formed in six 24-hour days but rather six long but finite periods of time? That the Bible makes 10 times more creation claims than all major “holy” books combined with no contradictions, while these other books have errors in them? The Bible stood alone by concurring with the big bang saying, “In the beginning God created the heaven and the earth” (Genesis 1:1); and says our universe is expanding, thousands of years before scientists discovered these things. Watch a potential life-changing video on the website listed below with Astronomer(PhD) Hugh Ross explaining all these facts based on published scientific data. He has authored many books, backed even by atheist scientists.

    Jesus came to pay a debt that we could not; to be our legal justifier to reconcile us back to a Holy God; only if we are willing to receive Him: “For the wages of sin is death…” (Romans 6:23).

    God so loved the world that He gave us His only begotten son, so that whoever believes in Him, through faith, shall not perish, but have everlasting life. Jesus says if we wish to enter into life to keep the commands! The two greatest commands are to love God with all your heart, soul, strength, and mind; and your neighbor as yourself. All the law hang on these commands. We must be born of and lead by the Holy Spirit, to be called children of God, to inherit the kingdom. If we are willing to humble ourselves in prayer to Jesus, to confess and forsake our sins, He is willing to give the Holy Spirit to those who keep asking of Him; giving us a new heart, leading us into all truth!

    Jesus came to free us from the bondage of sin. The everlasting fire was prepared for the devil and his angels due to disobedience to God’s law. If we do the same, what makes us any different than the devil? Jesus says unless we repent, we shall perish. For sin is the transgression of the law. We must walk in the Spirit so we may not fulfill the lusts of the flesh, being hatred, fornication, drunkenness and the like. Whoever practices such things will not inherit the kingdom (Galatians 5:16-26). If we sin, we may come before Jesus to ask for forgiveness (1 John 2:1-2). Evil thoughts are not sins, but rather temptations. It is not until these thoughts conceive and give birth by our own desires that they become sin (James 1:12-15). When we sin, we become in the likeness of the devil’s image, for he who sins is of the devil (1 John 3:8); but if we obey Jesus, in the image of God. For without holiness, we shall not see the Lord (Hebrews 12:14).

    The oldest religion in the world is holiness through faith (James 1:27). What religion did Adam and Eve follow before the fall? Jesus, Who became the last Adam, what religion does He follow? Is He not holy? He never told us to follow the rituals and traditions of man but to take up our cross and follow Him (Luke 9:23). There are many false doctrines being taught leading people astray. This is why we need the Holy Spirit for discernment. Unlike religion, holiness cannot be created. It is given to us from above by the baptism of the Spirit. Jesus is more than a religion; He is about having a personal relationship with the Father. Start by reading the Gospel of Matthew, to hear the words of God, to know His character and commandments. Follow and obey Jesus, for He is the way, the truth, and the life!

  2. Why do my sperm look yellow
    Erectile dysfunction is one of the men’s propagative health disorders. It is cognized as an unfitness of men to attain erection during procreant communication even if they are sexually excited. Other symptoms of ED are, either it remains championing a dumpy while or does not come off at all. It is a repeated process. Erectile dysfunction is also called a model of impotence. Powerlessness is a encyclopaedic aspect and covers scads other men’s health sex disorders like- too early ejaculation, lack of sexual longing, etc. Erectile dysfunction does not connect with these problems. All these problems related to Erectile dysfunction can be cured with the help of where can i buy viagra over the counter and other viagra pill walgreens medicines.

    Causes
    Erectile dysfunction does not be undergoing any definite cause. There are multifarious reasons behind its occurrence. It can be- natural reasons, your health problems, medicines you are taking, heated reasons, etc. Let’s possess a look on ED causes in particular. Erectile dysfunction causes are- costly blood stress, diabetes, loaded blood cholesterol, anxiety diseases (Parkinson’s disease and multiple sclerosis), surgery, subdued hormone levels, lifestyle factors (smoking and drinking) and others (upset, concern, nervousness, dread, cavity). Aging factors also lead to ED, but aging in itself is not a cause. Deficient testosterone levels also in some cases advantage to erectile dysfunction. Side effects caused past medications also make men impotent in behalf of erection.

    But there is nothing to worry give as treatments are to hand also in behalf of ED. Whole such available treatment proper for ED is online pharmacy viagra no prescription.