E-commerce क्या है-और कैसे काम करता है?
इसके लिए आपने Flipkart या amazon जैसी वेबसाइट से सामान ख़रीदा होगा.
आपको ये जानकर ख़ुशी होगी की आपने जब भी, ऑनलाइन transection किया, तो आप भी E-Commerce का हिस्सा बन गए.
तो चलिए जानते है की इ कॉमर्स क्या है और कैसे हमारी ज़िन्दगी हो आसान बना रहा है.
E-COMMERCE क्या है?
E-Commerce का मतलब है किसी भी product या service का ऑनलाइन खरीदना या बेचना.
ई-कॉमर्स को E-Business भी बोला जाता है.
वो stores जो product ऑनलाइन बेचते है उनको ई-कॉमर्स Store बोला जाता है जैसे की Amazon , Flipkart या Alibaba.
इस article में हम जानेगे E-Commerce क्या है इसकी history, इसके platform, types और E-Commerce के future के बारे में.
E-COMMERCE की HISTORY
E-Commerce की शुरुआत 1979 में Michael Aldrich ने की थी. उन्होंने अपने TV को telephone लाइन की मदद से कंप्यूटर से कनेक्ट किया था. ये E-Commerce जैसा लगता नहीं है, पर बिना shop पर जाए ऑनलाइन shopping का idea यही से शुरू हुआ था.
तब एक आम आदमी के पास कंप्यूटर नहीं होते थे, Bill Gates और Steve Jobs ने कंप्यूटर को आम लोगो की तक पहुंचाया.
Bill Gates ने तब बोला भी था की वो कंप्यूटर को हर घर में देखना चाहते है. बिना कंप्यूटर के ई-कॉमर्स नहीं हो पाता.
फिर 1994 में Jeff Bezos ने पहले E-Commerce स्टोर Amazon शुरू किया. Amazon ने पहले साल ही 10 लाख किताबे ऑनलाइन बेचीं. धीरे धीरे Amazon सबसे ज़्यादा पॉपुलर E-Commerce स्टोर बनता चला गया, जहाँ अब सब कुछ बिकता है.
1995 के बाद लोगो ने कंप्यूटर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, companies शुरू में payement के लिए check लेती थी. तब कोई और payment का साधन नहीं था .
फिर 1998 में Paypal आया जिससे Online पेमेंट करना आसान हो गया
इंडिया में E-COMMERCE की शुरुआत
2002 में IRCTC की शुरुआत हुई
IRCTC पर हम ऑनलाइन train ticket बुक कर सकते है.
इंडिया में ई-कॉमर्स की शुरुआत IRCTC ने की थी. जब ऑनलाइन train ticket बुक होने शुरू हुए. फिर लोगो को घंटो तक लाइन में लगने की ज़रूरत नहीं थी.
ये पहेली बार था जब india में ऑनलाइन booking का concept सामने आया.
2003 में AIR PLANE के TICKET भी ऑनलाइन होने बुक शुरू हुए.
IRCTC के बाद Airlines ने भी Online बुकिंग के option को शुरू किया.
फिर धीरे धीरे जितनी भी airlines companies थी सब की ऑनलाइन booking शुरू हो गई.
इस से लोगो के पैसे भी बचते थे, जो उनको बीच के agent के देने होते थे.
आज आप Bookmyshow और yatra जैसी वेब्सीटेस से सब चीस की booking ऑनलाइन कर सकते हो, Movie टिकट, होटल बुकिंग या travel की.
OCTUBER 2007 में FLLPKART की शुरुआत हुई
इंडिया में कहने को E-Commerce 2000 से था, पर E-Commerce की असली शुरुआत 2007 में Flipkart के साथ हुई.
धीरे धीरे बाकी companies जैसे Amazon , Jabong और snapdeal ने भी इंडिया में सामान बेचना शुरू कर दिया.
E-COMMERCE वेब्सीटेस क्या होती है?
E-Commerce वेब्सीटेस उन portel को बोलते है, जहाँ से आप product या service खरीद सके.
इन वेब्सीटेस पर पैसे online पेमेंट के ज़रिये या Cash on delivery से दिए जाते है.
शुरुआत में ई-कॉमर्स phones या email से होता था. अब बस websites से ही जो चाहे खरीद सकते है.
सबसे ज़्यादा कॉमन होती है relail ई-कॉमर्स वेब्सीटेस उनके बाद आती है Whole sale ई-कॉमर्स वेब्सीटेस.
चलिए जानते है की retail और wholesale E-Commerce क्या है?
E-COMMERCE के TYPES
E-Commerce भी काफी तरह की होती.
Bussiness तो cosumer (B2C)- यहाँ पर bussiness , Consumer को सामान बेचते है, इन पर आप minimum एक प्रोडक्ट भी आर्डर कर सकते है. ये प्रोडक्ट आपके घर पर दे कर जाएगे. जैसे की अमेज़न , Flipkart और Aliexpress .
Business to business (B2B)- यह bulk में सामान बिकता है, आप 1 या 2 product नहीं खरीद सकते. Seller की कुछ minimum requirement होती, और आपको उतना खरीदना ही होता है. जैसे की India mart , Trade india और Alibaba.
Consumer to consumer (C 2 C)- इन वेब्सीटेस पर consumer ही consumer को सामान बेचता है. जैसे के ebuy या OLX .
ई कॉमर्स फायदे
E-Commerce के बहुत सारे फायदे है जैसे की.
GLOBAL AUDIENCE
Seller और buyer सब जगह होते है. आप जहाँ चाहे वह से सामान खरीद या बेच सकते हो.
PRODUCT CHOICE
आप को एक जगह पर ही बहुत सारे seller मिलते है. इस से आपको product के option बहुत होते है. जो चाहे चुन ले.
LOW COST
जब compitition बढ़ता है तो पैसे घटते है. इस का फ़ायदा consumer को होता है. उसे कम पैसे में व्ही सामान ऑनलाइन मिल जाता है.
E-COMMERCE के नुक्सान
ई-कॉमर्स के फायदे के साथ साथ बहुत से नुक्सान भी है जैसे की:
FRAUD
काफी बार आप जो ऑनलाइन देखते है, वो सामान आपको मिलता नहीं है.
Product की photo किसी कंपनी की लगी हुई है. और सामान आपको local deliver होता है.
DATA PRIVACY
आप सामान खरीदने के लिए अपने debit / credit कार्ड के नंबर शेयर करते हो. कभी कभी आप किसी fraud वेबसाइट पर भी अपनी detail एंटर कर देते हो, और आपके पैसे चोरी हो जाते है.
LOW QUALITY PRODUCT
Product को ऑनलाइन portel पर डालने से पहले कोई testing नहीं होती है, तो काफी बार आप बेकार quality का प्रोडक्ट खरीद लेते है.
पॉपुलर E-COMMERCE वेब्सीटेस
AMAZON
Amazon को Jeff Bezos ने बनाया था. Amazon अभी दुनिया की टॉप 10 websites में से एक है.
FLIPKART
Flipkart ko Binny bansal और Sachin बंसल ने बनाया था. फ्लिकार्ट इंडिया की top website में से एक है.
SNAPDEAL
Snapdeal के CEO kunal bahl है. इसके CEO Snapdeal को alibaba की तरह बनाना चाहते है, पर उनका compitition amazon india और Flikart जैसी वेब्सीटेस से है.
ALIEXPRESS
Aliexpress एक Wholesale B – बी platform है. जहाँ पर दुनिया का कोई भी seller कहि से भी, किसी को भी, कुछ भी बेच सकता है.
E-COMMERCE के PLATFORMS
E-Commerce platforms वो software होते है जो ऑनलाइन स्टोर बनाने में मदद करते है. 4 सबसे ज़्यादा फेमस Platform है.
- Shopify
- WooCommerce
- BigCommerce
- Magento
SHOPIFY
Shopify 2004 में बना था, Shopify को सबसे अच्छा E-Commerce platform माना जाता है.
ये बाकि प्लेटफार्म के मुकाबले थोड़ा मेहगा होता है. इसकी cost 1900 INR per Month है.
WOOCOMMERCE
Woocommerce दूसरे नंबर पर आता है. ये WordPress का प्रोडक्ट है. ये वैसे तो फ्री है.
पर इसको चलाने के लिए आपको domain और hosting की ज़रूरत होगी.
आपको डोमेन और होस्टिंग एक साल के लिए 3000 INR में मिल जाएगी.
फिर आप उस पर Woocommerce install क़र सकते है.
अभी जितने भी online स्टोर है उनमे लगभग 28% Woocommerce पर चलते है.
BIGCOMMERCE
BigCommerce का इस्तेमाल थोड़े बड़े स्टोर करते है. जिनको बहुत सारे प्रोडक्ट ऑनलाइन डालने होते है.
अभी Woocommerce पर लगभग 95,000 stores है.
MAGENTO
Magento में काफी सारे tools है जो हमको मार्केटिंग, Search engine optimization और catalog management के tools देता है.
MOBILE COMMERCE
Mobile commerce का मतलब है किसी भी product या service का mobile के ऊपर खरीदना या बेचना.
अब लोग कंप्यूटर से ज़्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते है. यही अब E-Commerce में भी होता है. लोग अपने अब फ़ोन से शोपिंग करते है.
इसी के साथ E-Commerce websites को अब अपने store को मोबाइल के लिए बनाना चाहिए. क्यों की गूगल भी अब mobile optamize वेबसाइट को ज़्यादा value देता है.
E-COMMERCE FACTS
- 2016 में 6.9 करोड़ इंडियन ने ऑनलाइन product ख़रीदे थे.
- 2020 तक ये नंबर 17.5 करोड़ तक पहुंच जाएगा.
- Delhi Mumbai Banglore और Kolkata से सबसे ज़्यादा आर्डर आते है
- 10 में 8 ऑर्डर इन cities से आते है.
- दिल्ली से सबसे ज़्यादा लोग online शॉपिंग करते है.
- लगभग 60% आर्डर cash on delivery के होते है.
- 71% लोगो को लगता है की उनको offline शॉप के मुकाबले ऑनलाइन ज़्यादा अच्छा ऑफर मिलते है.
- India में हर सेकंड 3 लोग इंटरनेट से जुड़ते है
- Internet यूजर इंडिया में दूसरे नंबर पर है.
E-COMMERCE का FUTURE
E-Commerce field का scope बढ़ता ही जा रहा है. अगर आप भी कुछ ऑनलाइन बेचना चाहते है यो ज़्यादा सोचिये मत.
अभी कुछ सालो तक तो E-Commerce यूजर की संख्या बढ़ने ही वाली है.
इसी को देखते हुए बड़ी बड़ी कम्पनीज नए नए फीचर ला रहे है.
जैसे की कुछ सालो में online शॉपिंग के लिए Virtual reality का इस्तेमाल होने लगेगा.
जिस से लोग virtually ही कपड़े, MakeUp जैसे product को अपने लैपटॉप के सामने try कर पाएगे.
जैसे की अभी लोग Lenskart पर चश्मे पहन कर try करते है.
इस पोस्ट पर हमारी राय
अपने जाना e commerce in hindi.
इंडिया में E-Commerce का बहुत स्कोप है.
अगर आपके पास अच्छा प्रोडक्ट है तो आप बहुत आराम से उसे ऑनलाइन बेच सकते है.
बेचने के लिए काफी सारी E-Commerce वेबसाइट मौजूद है.
आप चाहे तो अपनी हुद का ऑनलाइन स्टोर भी खोल सकते है.
shipping के लिए ShipRocket available है, जो आपके प्रोडक्ट को आपकी शॉप से आपके customer तक पहुंचेगी.
Payment के लिए cash on Delivery ही सबसे बेस्ट ऑप्शन है.
तो आप सोच क्या रहे है, कोई अच्छा सा product बनाये या पहले से मार्किट में मौजूद कोई product चुने और E-commerce की दुनिया से जुड़ जाए.
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