बाँस की छड़ों यानिकी Bamboo Sticks से यदि आप अनभिज्ञ हैं तो आपको बता देना चाहेंगे, की इनका इस्तेमाल प्रमुख रूप से अगरबत्ती बनाने के व्यापार में जो छड़ इस्तेमाल में लायी जाती है वह बाँस से ही निर्मित होती है । यद्यपि Bamboo Sticks का इस्तेमाल केवल और केवल अगरबत्ती बनाने में नहीं, बल्कि अन्य व्यवसाय जैसे टूथपिक बनाने, दियासलाई उद्योग एवं अन्य उत्पादों को बनाने में भी किया जाता होगा।लेकिन चूँकि अगरबत्ती कुटीर उद्योगों में सबसे प्रमुख है, और इसका इस्तेमाल भी अन्य उत्पादों की तुलना में कहीं अधिक किया जाता है। अगरबत्ती बिजनेस के लिए प्रमुख कच्चे माल के तौर पर Bamboo Sticks का इस्तेमाल किया जाता है, इसमें अगरबत्ती के वजन का एक तिहाई भार ही होता है।(Bamboo Sticks Manufacturing Business Plan in Hindi 

 

 

Bamboo Sticks Manufacturing Business Plan in Hindi

Bamboo Sticks Manufacturing Business Plan in Hindi

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इसकी लागत अधिक नहीं आती है, बल्कि उत्पाद को तैयार करने में कुल जितनी लागत आती है। बाँस की छड़ की लागत उसके केवल 1% है। यह भी एक सच्चाई है की भारत में अगरबत्ती बनाने के इस्तेमाल में लायी जाने वाली Bamboo Sticks की कमी है, वह इसलिए क्योंकि यहाँ उचित गुणवत्ता के बाँस की कमी है।यही कारण है की सरकार ने इस उत्पाद पर 10% से 30% तक आयात शुल्क कम किया हुआ है । और भारत बाँस की छड़ीयों को चीन और वियतनाम जैसे देशों से आयात करता है, जो भारत की कुल जरुरत का लगभग 70% है । टेक्नोलॉजी और अपग्रेडेड मशीनों का इस्तेमाल होने के कारण आयात किये गए Bamboo Sticks की गुणवत्ता अच्छी होती है। लेकिन चूँकि भारत आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर प्रयासरत है, इसलिए सरकार द्वारा बाँस के बागानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, और बाँस की छड़ों को बनाने वाली मशीन का भी निर्माण किया जा रहा है।इसलिए इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने का यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है, लेकिन अभी केवल उन क्षेत्रों में जहाँ बाँस का उत्पादन अधिक होता हो।

 

बाँस की छड़ी की बिक्री की संभावना

हमारे देश भारत में प्राचीन काल से ही सभी धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में अगरबत्ती जलाने की प्रथा चली आ रही है। इसके अलावा समय व्यतीत होने के साथ अगरबत्ती के उपयोग भी बढ़े हैं, जहाँ पहले केवल धार्मिक गतिविधियों जैसे पूजा पाठ, भक्ति इत्यादि के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जाता था।

वर्तमान में अरोमापेथी, योग करने और ध्यान लगाते वक्त भी अगरबत्ती का इस्तेमाल किया जाने लगा है। यही कारण है की यह व्यवसायिक क्षेत्र दुनिया में सबसे बड़ा क्षेत्र है, अगरबत्ती का उत्पादन कुटीर उद्योगों द्वारा भी किया जाता है।

इस उत्पाद अगरबत्ती पर इसलिए बात करना आवश्यक हो जाता है, क्योंकि Bamboo Sticks का सबसे अधिक इस्तेमाल इसी सेक्टर में किया जाता है। भले ही भारत का बाँस उत्पादन में दूसरा स्थान हो, लेकिन यहाँ पर बाँस की ऐसी प्रजातियों जिनसे Bamboo Sticks बनाई जाती है, की भारी कमी है।

इसी के चलते भारत को अपनी बाँस की छड़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 70% हिस्सा आयात करना पड़ता है।

बाँस की छड़ी बनाने के लिए उपयुक्त प्रजातियों में बैकीफेरा, बंबुसा बालकोआ, डेंड्रोकैलामस लॉन्गिसपैथस, बंबुसा टुल्डा, वल्गरिस इत्यादि प्रजाति शामिल हैं। इसके अलावा यह भी देखा गया है की भारत में कुटीर उद्योगों द्वारा मैन्युअल ढंग से Bamboo Sticks का निर्माण किया जाता है जिनकी गुणवत्ता मशीन से उत्पादित बाँस की छड़ों के मुकाबले बेकार होती है। इसलिए भारत में भी मशीनिकृत उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

 

 

धीरे धीरे मशीनों से हो रहा है Bamboo Sticks का निर्माण    

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की भारत में मैन्युअल ढंग से उत्पादित Bamboo Sticks मशीन से उत्पादित छड़ी के मुकाबले कम गुणवत्ता वाली होती हैं। यही कारण है की भारत द्वारा चीन और वियतनाम से बाँस की छड़ें आयात की जाती हैं, क्योंकि इन देशों में पहले से मशीनिकृत विधि से इनका निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में भारत भी धीरे धीरे मशीनिकृत निर्माण की ओर आगे बढ़ रहा है।

अगरबत्ती बनाने वाली इकाइयों द्वारा चौकौर और गोल दो प्रकार की बाँस की छड़ीयों का इस्तेमाल किया जाता है। जहाँ तक चौकौर छड़ीयों की बात है इन्हें मैन्युअल पद्यति से बनाया जाता है, लेकिन अगरबत्ती उद्योग में गोल वाली छड़ियों जिनकी लम्बाई 8से 10 इंच तक होती है। उनकी माँग बहुत ज्यादा बढ़ी है।

Bamboo Sticks बनाने वाली इकाइयाँ उन विक्रेताओं या किसानों से बाँस खरीद सकती हैं, जिनके अपने खुद के बाँस के बगान हों, या वे जंगल से बाँस एकत्रित करते हों। ध्यान रहे इन इकाइयों के मुख ग्राहक के तौर पर अगरबत्ती बनाने वाली इकाइयाँ ही रहने वाली हैं।

बाँस की छड़ी बनाने के लिए क्या रणनीति अपनानी चाहिए?

यदि आप Bamboo Sticks Manufacturing Business शुरू करने के प्रति गंभीर हैं, तो इस परियोजना को अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए आपको निम्नलिखित रणनीति अपनाने की आवश्यकता हो सकती है।

  • उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और इसकी निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक चरण में गुणवत्ता निगरानी का सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए।
  • मैन्युअल प्रक्रिया से अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद का उत्पादन संभव नहीं है, इसलिए पूरी प्रक्रिया को मशीनिकृत करने के लिए नई नई मशीनों की खरीदारी अत्यंत आवश्यक है।
  • वर्तमान में हर व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा व्याप्त है, तो स्वभाविक है की Bamboo Sticks Manufacturing में भी प्रतिस्पर्धा होगी। बाज़ार में टिकने और उचित मूल्य पर अपने उत्पाद को बेचने के लिए मार्किट सर्वे करना भी आवश्यक है।
  • बाँस की छड़ियों की ब्रांडिंग करने की आवश्यकता हो सकती है।
  • अपने उत्पाद को बेचने के लिए ई कॉमर्स वेबसाइट एवं लोजिस्टिक कम्पनियों के साथ टाई अप करने की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • प्रशिक्षण और सहायता प्राप्त करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसीयों के साथ समन्वय स्थापित करना।

 

 

 

Bamboo Sticks निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें?

बाँस की छड़ी बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को वह सभी प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी, जो किसी अन्य बिजनेस को शुरू करने के लिए करनी पड़ती है। हालांकि भारत में मैन्युअल ढंग से Bamboo Sticks निर्माण शुरू करने के लिए उद्यमी को बहुत अधिक निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती।

लेकिन मैन्युअल ढंग से उत्पादित उत्पाद का इस्तेमाल अगरबत्ती उद्योगों द्वारा कम ही किया जाता है। इसलिए इच्छुक एवं सक्षम उद्यमी को पूरी प्रक्रिया को मशीनिकृत करके ही Bamboo Sticks Manufacturing Business शुरू करना चाहिए।

मार्किट सर्वे करें

अगरबत्ती की कुल विश्व की खपत का लगभग 70%  हिस्सा भारत में ही खपत किया जाता है, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की भारत में अगरबत्ती सेक्टर कितना बड़ा है। और इस बड़े सेक्टर में जो प्रमुख कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में लाये जाने वाली वस्तु है, उसका नाम है Bamboo Sticks.

ताज्जुब की बात यह है की इस औद्योगिक क्षेत्र में संगठित क्षेत्र से ज्यादा असंगठित क्षेत्र अर्थात छोटी इकाइयाँ अधिक हैं। एक विश्वसनीय आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2012 से वर्ष 2016 तक भारत ने लगभग $498.02 मिलियन मूल्य की अगरबत्ती का निर्यात किया था।

कहने का आशय यह है की Bamboo Sticks खरीदने वाली अगरबत्ती इकाइयों की भारत में कोई कमी नहीं है। लेकिन इसके बावजूद उद्यमी जहाँ इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करना चाहता है, वहाँ पर प्रतिस्पर्धा, कच्चे माल की उपलब्धता, अगरबत्ती बनाने वाली इकाइयों की संख्या इत्यादि को ध्यान में रखकर मार्किट सर्वे किया जाना आवश्यक है।

 

 

लोकेशन का चयन करें     

एक ऐसी लोकेशन जहाँ पर कच्चे माल की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में हो वहाँ पर Bamboo Sticks Manufacturing इकाई स्थापित करना काफी लाभकारी हो सकता है। यानिकी एक ऐसा क्षेत्र जो बाँस की बागबानी के लिए प्रसिद्ध हो उद्यमी चाहे तो उस क्षेत्र में यह बिजनेस शुरू कर सकता है।

इसके अलावा इकाई वहाँ पर स्थापित की जानी चाहिए जहाँ पर किसी भी प्रकार के वाहन को आने जाने में कोई दिक्कत न हो, अर्थात वह क्षेत्र सड़कों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हो, बरसात में यदि कोई एक सड़क की कनेक्टिविटी टूट भी जाती है तो अन्य जगह से वहाँ आने जाने के विकल्प विद्यमान हों।

हालांकि मशीनों से Bamboo Sticks का निर्माण और पूरी प्रक्रिया मशीनिकृत होने पर कम श्रमिकों की आवश्यकता होती है। लेकिन एक ऐसा एरिया जहाँ पर सस्ती दरों पर श्रमिक उपलब्ध हों, इस बिजनेस के लिए एक अतिरिक्त लाभ हो सकता है। 

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

जहाँ तक जमीन और बिल्डिंग का सवाल है वह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी की योजना कितनी उत्पादन क्षमता की फैक्ट्री स्थापित करने का है। छोटे स्तर पर Bamboo Sticks Manufacturing शुरू करने के लिए 300-500 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।

उद्यमी चाहे तो कोई बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर या फिर जमीन लीज पर लेकर उसमें निर्माण कार्य शुरू कराकर भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है।   

 

 

 

लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करें

हालांकि Bamboo Sticks Manufacturing बिजनेस शुरू करने के लिए शायद ही किसी लाइसेंस और पंजीकरण की अनिवार्यता होगी। लेकिन चूँकि यह व्यवसाय पेड़ों की कटाई से जुड़ा है, और पेड़ों का महत्व इस पृथ्वी पर किसी से छुपा हुआ नहीं है। इसलिए उद्यमी को सम्बंधित विभाग जैसे फारेस्ट, पर्यावरण इत्यादि से लाइसेंस लेने की आवश्यकता हो सकती है।

सबसे पहले उद्यमी को अपने व्यवसाय को एक वैधानिक स्वरूप प्रदान करने के लिए उसे प्रोप्राइटरशिप, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म इत्यादि में से किसी एक का चुनाव करके रजिस्टर करना होगा।

उसके बाद जीएसटी पंजीकरण, बैंक में चालू खाता, उद्यम रजिस्ट्रेशन और जरुरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने होंगे, ताकि भविष्य में उसका Bamboo Sticks Manufacturing Business बिना किसी क़ानूनी बाधा के चलता रहे। 

मशीनरी, उपकरण और कच्चा माल खरीदें

जहाँ तक मशीनरी और उपकरणों का सवाल है उद्यमी को चाहिए की वह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर आधारित Bamboo Sticks Making Machine खरीदने की कोशिश करे। इसके लिए वह सबसे पहले भारतीय मशीन सप्लायरों से संपर्क कर सकता है। इस काम के लिए वह Indiamart, tradeindia जैसी वेबसाइट की मदद ले सकता है।

  • बम्बू क्रॉस कटिंग मशीन   
  • बम्बू मैन्युअल स्प्लिटर मशीन
  • बम्बू हैवी ड्यूटी सिल्वर मेकिंग मशीन
  • बम्बूराउंड स्टिक मशीन
  • बम्बू स्टिक पोलिशिंग मशीन
  • बम्बू स्टिक साइजिंग मशीन
  • ओपन एयर ड्रायर मशीन  

Bamboo Sticks का निर्माण करने के लिए कच्चे माल के तौर पर आपको बाँस की लकड़ी की ही जरुरत होती है, जिसे आप क्षेत्रीय बाँस के बागानों के मालिकों या जंगल से बाँस एकत्रित करने वाले लोगों से खरीद सकते हैं।

 

 

 

Bamboo Sticks का उत्पादन शुरू करें    

इस व्यवसाय में उद्यमी के मुख्य ग्राहक के तौर पर वे इकाइयाँ रहने वाली हैं, जो अगरबत्ती का निर्माण कार्य करती हैं। इसलिए उद्यमी को उनकी आवश्यकता के अनुसार ही Bamboo Sticks का निर्माण करना होगा।

आम तौर पर एक अगरबत्ती की लम्बाई 8-10 इंच होती है, और अगरबत्ती इकाइयाँ गोल वाली छड़ों का इस्तेमाल अधिक करते हैं। Bamboo Sticks बनाने की प्रक्रिया को निम्न चरणों में विभाजित किया जा सकता है।

  1. सबसे पहले बाँस की लकड़ी की सफाई की जाती है, और इसे मैन्युअल तरीके से किया जाता है।
  2. उसके बाद क्रॉस कटिंग मशीन की मदद से बाँस के खम्बों को सिलिंडर यानिकी गोल आकार में काट दिया जाता है।
  3. बम्बू हेवी ड्यूटी स्लिवर मेकिंग मशीन की मदद से इन सिलेंडर आकृति बाँस को स्लेट्स में काट दिया जाता है।
  4. इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद Bamboo Sticks Manufacturing Process में बम्बू राउंड स्टिक मशीन की मदद से स्लेट्स से बाँस की छड़ों का निर्माण किया जाता है।
  5. जब बाँस की छड़ों का निर्माण हो जाता है, तो उसके बाद बम्बू स्टिक पोलिशिंग मशीन की मदद से इन छड़ों को पॉलिश कर दिया जाता है।
  6. बम्बू स्टिक साइजिंग मशीन की मदद से इन्हें आवश्यक लम्बाई में काट लिया जाता है।
  7. उसके बाद ओपन एयर ड्रायर मशीन की मदद से इन Bamboo Sticks को सूखा दिया जाता है।
  8. अंत में उत्पादित उत्पाद की छंटाई यानिकी यदि कोई छड़ी छोटी बड़ी या उसमें कोई कमी हो तो उसे अन्य छड़ों से अलग कर दिया जाता है। उसके बाद ग्रेडिंग और पैकेजिंग की प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया जाता है।

 

 

जहाँ तक Bamboo Sticks

की पैकेजिंग का सवाल है आम तौर पर इन्हें 1 किलों की पैकेजिंग में पैक किया जाता है। लेकिन यदि उद्यमी के ग्राहक यानिकी अगरबत्ती बनाने वाली इकाइयों को इस तरह की पैकेजिंग से कोई आपत्ति है, तो उद्यमी जैसा वे चाहते हैं वैसी पैकिंग करके उन्हें दे सकता है।  

 

 

 

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