Ridge Gourd Benefit Effects and Side Effects, को वर्षा ऋतु में उगने वाली औषधीय सब्जी का दर्जा प्राप्त है। गर्मियों में भी इसका सेवन शरीर और दिमाग को ठंडक प्रदान करता है।कुछ लोगों को खास कर यदि बच्चों की बात की जाए तो उऩ्हें तुरई की सब्जी खाना खासा पसंद नहीं होता। लेकिन आज के इस लेख में हम आपको तुरई के ऐसे फायदे और इसको खाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे कि आप भी खुद को तुरई खाने से नहीं रोक पाएंगे।

 

 

 

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मुख्य बातें

  • तुरई के फायदे (Benefits of Ridge Gourd)
  • तुरई को कैसे खाया जाता है (How to eat Ridge Gourd)
  • तुरई की विभिन्न किस्में (Different types of Ridge Gourd)
  • तुरई खाने से क्या नुक्सान हो सकते हैं (Side effects of Ridge Gourd)

 

तुरई के फायदे बताएं(Benefits of Ridge Gourd)?

  1. त्वचा से संबंधित रोग जैसे खुजली, जलन होने की स्थिति में तुरई पञ्चाड्ग को पीसकर लेप बनाकर लगाने से राहत मिलती है।
  2. व्यस्कों को पीलीया रोग होने पर तुरई के फल का चूर्ण बनाकर नाक में डालने से लाभ मिलता है।
  3. तुरई का रस मोतियाबिंद को भी ठीक करता है। इसके लिए आपको तुरई को पत्तों को पीसकर इनका रस निकालना है जिसकी रोजाना 1 से 2 बूंद आंखों में डालनी है इसके अलावा तुरई के बीजों को मीठे तेल में घिसकर काजल की तरह लगाने से आंखों के कई रोग बहुत जल्द खत्म होते हैं।
  4. कच्ची तुरई को पीसकर इसका लेप बनाकर इसे कानों के पीछे लगाने से सर-दर्द में भी राहत मिलती है।
  5. तुरई जल्दी पचने वाली सब्जी होती है। Ridge Gourd Benefit Effects and Side Effects  आर्युवेद के अनुसार तुरई कफ और पित को शांत करती है।
  6. तुरई दमा, सूखी खांसी और बुखार को भी ठीक करती है।

 

तुरई को कैसे खाया जाता है (How to eat Ridge Gourd)?

भारत में तुरई को ज्यदातर सब्जी बनाकर ही खाया जाता है। लेकिन यदि इसका जूस बनाकर पिया जाए तो वह भी कई रोगों के ईलाज में लाभदायक साबित होता है। साथ ही तुरई के बीजों के भी अनगिनत फायदे होते हैं।

  1. चूहे के काटने पर तुरई का काढ़ा बनाकर उसमें 2 ग्रा. देवदाली फल का चूर्ण और दही को मिलाकर पीना चाहिए। इस मिश्रण को पीने से शरीर में फैल रहा जहर उल्टी आने के साथ बाहर निकल जाता है।
  2. भूलने की समस्या से परेशान हैं तो तुरई को आंवला और वच चूर्ण के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर घी या शहद के साथ खाने से स्मरण शक्ति में वृद्घि होती है।
  3. तुरई कुष्ठ रोग के इलाज में भी कारगर होती है इसके लिए आपको तुरई के बीज और इसका गूदा निकालकर इसमें रातभर के लिए पानी भरकर रखना है। सुबह होते ही इस पानी की 10 से 15 मि.ली. की मात्रा का सेवन करने से बहुत जल्द फायदा मिलेगा।
  4. यदि लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म समय पर नहीं आता है तो तुरई के पत्तो का काढ़ा बनाकर पीने से मासिक धर्म भी समय पर आने लगेगा।
  5. शुगर को नियंत्रित रखने के लिए तुरई के 10 से 15 मि.ली. जूस का रोजाना सेवन करें। साथ ही इसकी सब्जी बनाकर खाना भी फायदेमंद होता है।
  6. तुरई के क्षारीय जल में बैंगन को पकाकर बाद में घी में भूनकर खाने से पुरानी बवासीर के रोग से फायदा मिलता है।
  7. तुरई की सब्जी बनाकर खाने से भूख में भी वृद्धि होती है साथ ही पथरी भी ठीक होती है।
  8. तुरई के बीजों को पीसकर उऩका चूर्ण बनाकर रख लें यदि आपको कब्ज की समस्या रहती है तो चूर्ण की 1 से 2 ग्रा. की मात्रा का सेवन करें फायदा मिलेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

तुरई की विभिन्न किस्में (Different types of Ridge Gourd)

तुरई की मुख्यतः तीन प्रजातियों की खेती की जाती है। तुरई की बीजाई सब्जी के लिए तो की जाती है। साथ ही इसका प्रयोग कई आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के लिए भी किया जाता है। इसका फल,बीज और तेल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।

घिया तुरई- यह तुरई की सबसे प्रचलित किस्म है। जिसे पूरे भारत में उगाया जाता है। इसके अलावा सिक्किम, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आसाम आदि में इसे उगाया जाता है।

नेनुआ- इसकी खेती बिहार में सबसे अधिक होती है। बिहार में नेनुआ प्रजाति की तुरई की सब्जी सबसे ज्यादा खाई जाती है।

झींगा- तुरई की इस प्रजाति को हिंदी में झींगा तथा इंग्लिश में रिज-गार्ड (Ridge Gourd) कहा जाता है।

 

तुरई खाने से क्या नुक्सान हो सकते हैं (Side effects of Ridge Gourd) ?

तुरई को वैसे तो गुणों का खजाना समझा जाता है और इसके नुक्सन भी कम ही हैं। जैसे-

गर्भावस्था में तुरई की चाय का सेवन नहीं करना चाहिए इससे गर्भपात होने का खतरा पैदा हो जाता है।

तुरई के जूस का 10 से 15 मि.ग्रा. से अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।

तुरई के अधिक सेवन से कई बार लोगों को एलर्जी होने का खतरा भी हो सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

हमें उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख काफी पसंद आया होगा और आपको आपके प्रश्न तुरई के फायदे बताएं (Benefits of Ridge Gourd)? इसको कैसे खाया जाता है (How to eat Ridge Gourd)? तुरई की विभिन्न किस्में (Different types of Ridge Gourd), तुरई खाने से क्या नुक्सान हो सकते हैं (Side effects of Ridge Gourd) ? का उत्तर मिल गया होगा और उसके साथ ही अन्य रोचक जानकारियां भी पसंद आयी होंगी अगर आप इस सम्बन्ध में कोई और जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट लिख कर सब्मिट करें। हम जल्द ही आपके सवाल का जवाब देंगे और अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आया तो लाईक करें और शेयर करें।

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